
पुस्तक टिप्पणी: उर्मिल की धार – डॉ रेखा

साहित्य की बात, साहित्य से मुलाकात
लेखिका शोभा शर्मा मूलतः टीकमगढ़ मध्य प्रदेश की हैं। टीकमगढ़ में ही रहकर उन्होंने अपनी शिक्षा दीक्षा ग्रहण करी। उन्होंने प्राणी शास्त्र में एम एस सी करने के बाद बी एड किया। इसके बाद उन्होंने काफी समय तक शिक्षिका के रूप में भी कार्य किया। विवाह के पश्चात उन्होंने परिवार के साथ समय बिताने हेतु शिक्षण से त्यागपत्र ले लिया और स्वतंत्र लेखन करने लगीं।
उनकी साठ से अधिक कहानियाँ, अनेक लेख और कवितायें सरिता, मुक्ता, सरस सलिल, गृहशोभा, गृहलक्ष्मी, मेरी सहेली, वनिता, मनोरमा जैसी कई पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने आकाशवाणी छतरपुर से अस्थाई उद्घोषिका का कार्य भी किया है और अब तक उनकी पचास से अधिक कहानियाँ, वार्ताएँ एवं झलकी (हाय रे! हिचिकी) का रेडियो प्रसारण हो चुका है।
मुख्य कृतियाँ:
एक थी मल्लिका (उपन्यास), तेरे मेरे दरमियाँ (कहानी संग्रह), देशज प्रेत कहानीयाँ भाग 1 (कहानी संग्रह), देशज प्रेत कहानीयाँ भाग 2 (कहानी संग्रह), देशज प्रेत कहानीयाँ भाग 3 (कहानी संग्रह)