साहित्य की बात, साहित्य से मुलाकात
मूल नाम: भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव
जन्म: 1910, शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश
निधन: 1957, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
प्रसिद्ध एकांकीकार, लेखक एवं कवि। उन्होंने मध्य वर्ग की विडंबनाओं को कटु सत्य के प्रतिरूप में उकेरा। उन्हें आधुनिक एकांकियों के जनक होने का गौरव भी प्राप्त है।
मुख्य कृतियाँ:
कहानियाँ:'भेड़िये',‘डाकमुंशी’, ‘भेड़िये’, ‘भविष्य के गर्भ में’, ‘माँ-बेटे’, ‘मास्टरनी’, ‘मौसी’, ‘लड़ाई’, ‘सूर्यपूजा’, ‘हाय रे, मानव हृदय!’
एकांकी एंव नाटक:‘ताम्बे के कीड़े’, ‘एक साम्यहीन साम्यवादी’, ‘एकाकी के भाव’, ‘पतित’ (शैतान), ‘प्रतिभा का विवाह’, ‘श्यामा : एक वैवाहिक विडम्बना’, ‘स्ट्राइक’, ‘ऊसर के नामहीन चरित्र’, ‘कारवाँ’