आलोक सिंह खालौरी मूलतः बुलंदशहर के ग्राम खालौर के निवासी हैं। वह पेशे से वकील हैं। उनके पिताजी के न्यायिक अधिकारी होने के चलते उनका बचपन अलग-अलग शहरों में बीता था। उरई से शुरू होकर रुड़की,सीतापुर, गोरखपुर, गोंडा, आगरा, बदायूं और मेरठ में उनकी शिक्षा दीक्षा सम्पन्न हुई।
मेरठ में ही उन्होंने वकालत की पढ़ाई पूरी कर प्रेक्टिस शरू कर दी थी।
उनका पहला उपन्यास राजमुनि था जो कि परलौकिक रोमांचकथा थी।
मुख्य कृतियाँ
उपन्यास
लघु-उपन्यास
- अधूरा ख्वाब (अमेज़न)
- मटरू का लोकतंत्र (अमेज़न)