साहित्य विमर्श प्रकाशन समय समय पर बाल एवं किशोर पाठकों के लिए साहित्य लाता रहा है। हाल ही में प्रकाशन द्वारा इस पाठक वर्ग के लिए दो पुस्तकें रिलीज की गयी हैं। इनमें से एक पुस्तक तो दो बाल किशोर उपन्यासों का संयुक्त संस्करण है और एक पुस्तक बांग्ला भाषा की एक प्रसिद्ध पुस्तक का हिंदी अनुवाद है।
यह पुस्तकें निम्न हैं:
ओए मास्टर के लौंडे!
‘ओए मास्टर के लौंडे!’ दीप्ति मित्तल का लोकप्रिय उपन्यास है जिसे पिछले वर्ष केडीपी पेन टू पब्लिश प्रतियोगिता में 5 लाख का पुरस्कार मिला था। लेखिका ने इसी शृंखला में ‘कभी कट्टी – कभी बट्टी’ उपन्यास लिखा था जिसे पाठकों ने सराहा था। अब साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा हास्य से भरी इन दोनों पुस्तकों को एक जिल्द में प्रकाशित किया गया है। इसके साथ ही लेखिका द्वारा इस पुस्तक में तीन अतिरिक्त अध्यायों को जोड़ा गया है जो कि पाठकों को गुदगुदाने का काम करेंगे।
पुस्तक विवरण:
पुस्तक: ओए मास्टर के लौंडे | लेखिका: दीप्ति मित्तल | पृष्ठ संख्या: 178 | एमआरपी: 205 | ऑफर मूल्य: 169+ डिलिवरी | पुस्तक लिंक: साहित्य विमर्श
सुंदरबन में सात साल
‘सुंदरबन में सात साल’ प्रसिद्ध बांग्ला भाषी लेखक बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय द्वारा लिखा गया उपन्यास है। यह उपन्यास उन्होंने लेखक और संपादक भुवनमोहन राय के साथ मिलकर लिखा था। अब हिंदी भाषी पाठकों के लिए जयदीप शेखर द्वारा इसे हिंदी में अनूदित किया गया है। इससे पूर्व जयदीप शेखर बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय का लिखा ‘चाँद का पहाड़’ भी हिंदी में अनूदित कर चुके हैं जिसे साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया था।
पुस्तक विवरण:
पुस्तक: सुंदरबन में सात साल | लेखक: बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय | अनुवादक: जयदीप शेखर | पृष्ठ संख्या: 178 | एमआरपी: 165 | ऑफर मूल्य: 139+ डिलिवरी | पुस्तक लिंक: साहित्य विमर्श | अमेज़न
साहित्य विमर्श लाया बाल-पाठकों के लिया लाया एक खास ऑफर
उपरोक्त पुस्तकों के अलावा साहित्य विमर्श प्रकाशनद द्वारा एक खास ऑफर भी पाठकों के लिये दिया जा रहा है। प्रकाशन द्वारा पाठकों को एक कॉम्बो ऑफिर दिया जा रहा है जिसमें वह 783 रुपये मूल्य की पुस्तक को मात्र 600 रुपये में पाठकों को बिना किसी अतिरिक्त डिलिवरी चार्ज के पहुँचा रहा है। इस सेट में निम्न पुस्तकों को पाठकों तक पहुँचाया जा रहा है:
ओए, मास्टर के लौंडे! – दीप्ति मित्तल | एमआरपी: 205 /-
पोटली किस्से कहानियों की – दीप्ति मित्तल | एमआरपी: 115/-
सुंदर बन में सात साल – बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय, अनुवाद: जयदीप शेखर | एमआरपी: 165/-
चाँद का पहाड़ – बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय, अनुवाद: जयदीप शेखर | एमआरपी: 149/-
मंदिर का रहस्य – सुमन बाजपेयी | एमआरपी: 149/-
अगर आपके घर परिवार में बाल और किशोर पाठक हैं तो आप इस सेट को देकर साहित्य के प्रति उनके अनुराग को जागृत कर सकते हैं। ऑफर का लिंक निम्न है:
यह भी पढ़ें
- साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा प्रकाशित ‘चाँद का पहाड़’ का एक रोचक अंश
- साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा प्रकाशित ‘मंदिर का रहस्य’ का एक रोचक अंश
- साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा प्रकाशित ‘पोटली किस्से कहानियों की’ का एक रोचक अंश
नव वर्ष मंगलमय हो !
नववर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएँ, गगन जी…