संस्करण विवरण:
फॉर्मैट: ई-बुक | प्रकाशक: डायमंड कॉमिक्स | प्लैटफॉर्म: प्रतिलिपि | लेखक: हुसैन ज़ामिन | चित्रांकन: विनोद भाटिया, राजेश भाटिया
कॉमिक बुक लिंक: प्रतिलिपि
कहानी
लिम्बा लाल वन मंत्री थे जो कोसिमा के जंगल में आकर जंगल के विकास के लिए बनाई योजनाओं की घोषणा करने वाले थे। उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी गृह मंत्री ने महाबली शाका को दी थी। शाका ने उन्हे वन मंत्री की सुरक्षा का भरोसा दिलाया था।
लेकिन जंगल में ही कोई था जो लिम्बा लाल के इस दौरे को विफल करना चाहता था। उन लोगों ने इसके लिए योजना भी तैयार की थी। और फिर लिम्बा लाल का अपहरण कर दिया गया।
आखिर कौन थे ये लोग जिन्होंने ये साजिश रची थी?
क्या महाबली शाका मंत्री का पता लगा पाया?
आखिर ये ब्लैकटाइगर क्या था?
किरदार
महाबली शाका – कोसिमा जंगल का निवासी
हुबली – सरकाट कबीले की सरदारनी
राना, दाना – दो शहरी युवक
लिम्बा लाल – वन मंत्री
सोमा – एक कबीले का सरदार
भाम – झागो कबीले का रसोइया
भुजंग – ब्लैक टाइगर का नेता
मेरे विचार
नवम्बर के काफी दिन गुजर गए थे तो सोच रहा था कि कोई कॉमिक पढ़ूँ। आजकल चूँकि कॉमिक पढ़ने के लिए प्रतिलिपि ही जा रहा हूँ तो उधर गया और देखने लगा कि डायमंड कॉमिक्स के संग्रह में मौजूद कोई कॉमिक बुक पसंद आती है या नहीं। उधर देखा तो महाबली शाका की कॉमिक ने मेरा ध्यान खींचा। महाबली शाका के विषय में मैंने शायद एक दो बार सुना होगा लेकिन उसके कॉमिक बुक पढ़े नहीं थे। प्रतिलिपि में कुछ कॉमिक्स मौजूद हैं तो सोचा उसे भी पढ़कर देख लिया जाए।
प्रस्तुत कॉमिक बुक महाबली शाका और ब्लैक टाइगर प्रतिलिपि पर मौजूद महाबली शाका का पहला कॉमिक बुक है। कॉमिक बुक की शुरुआत एक साजिश के चलते होती है जिसमें साजिशकर्ता जंगल में एक खतरनाक काम को अंजाम देने की योजना बनाते दिखते हैं। साजिश जानने के लिए आगे पढ़ते जाने पर यह बात साफ हो जाती है कि कोसिमा जंगल का महाबली शाका इस साजिश का शिकार होगा। यह साजिश क्या, महाबली शाका इसमें कैसे फँसता है और आखिरकार वह इससे कैसे निकलता है यही कॉमिक बुक का कथानक बनता है।
कॉमिक बुक का घटनाक्रम जंगल और शहर दोनों जगह घटित होता है। जंगल में शहरी लोगों के आने से शुरू हुआ कॉमिक आखिर में शाका के शहर जाकर इस साजिश में शामिल लोगों को कानून के हवाले करने से खत्म होता है। इस बीच कथानक में काफी एक्शन घटित होता है जो कि आपको कॉमिक पृष्ठ पटलने के लिए प्रेरित करता है।
कॉमिक बुक का मुख्य कान्सेप्ट साधारण है लेकिन ऐसा है जिससे एक एक्शन पैक्ड कॉमिक की कहानी बन जाती है। महाबली शाका की देखरेख में जब अपहरणकर्ता अपने कार्य को अंजाम दे देते हैं तो वह अपराधी का पता लगाने के लिए चल पड़ता है। वह अपराधी का पता कैसे लगायेगा और किस तरह से आने वाली मुसीबतों से निपटेगा यह ऐसा कान्सेप्ट है जिसे लेकर काफी कुछ किया जा सकता था। कथानक में काफी ट्विस्ट लाए जा सकते थे। अभी कहानी को सीधा रखा गया है और शहर वाला हिस्सा तो बहुत जल्दी में निपटाया गया सा लगता है। शायद पृष्ठ संख्या को सीमित रखने के लिए ऐसा किया गया हो। अगर तुलनात्मक बात करूँ तो कॉमिक के जंगल में घटित होने वाले हिस्से को शहर में घटित होने वाले हिस्से से ऊपर ही रखूँगा।
कथानक की एक कमी नायक का अत्यधिक शक्तिशाली होना भी है। यह बात जरूर है कि खलनायक एक बार नायक को पछाड़ने में सफल हो जाते हैं लेकिन उसके बाद नायक उन पर हावी होता हुआ ही दिखता है। फिर चाहे वह हुबली हो या ब्लैक टाइगर संगठन और उसका नेता भुजंग। खलनायक जब नायक के सामने पड़ते तो बहुत जल्दी हार जाते हैं। एक रोमांचक कथानक के लिए नायक के साथ साथ खलनायक का तगड़ा होना जरूरी हो जाता है। अगर खलनायक ऐसा हो जिसे हराने के लिए नायक को नाको चने चबाने पड़ें तो कथानक रोमांचक बन जाता है। अभी ऐसा नहीं है। कथानक में हुबली और भुजंग के किरदार को और खतरनाक बनाया जा सकता था।
कथानक में एक प्रसंग है जब शाका को दुकान से बंदूक ऐसे लेते हुए दर्शाया गया है जैसे भाजी तरकारी ले रहा है। अगर हथियार दुकान के बजाए किसी गुप्त तरीके से लिए हुए दिखाते तो शायद तर्कसंगत होता।
कॉमिक बुक के आर्टवर्क की बात करूँ तो इसमें चित्रांकन विनोद भाटिया और राजेश भाटिया द्वारा किया गया है। कथानक ठीक है और कहानी के साथ न्याय करता है।
कॉमिक बुक के किरदारों की बात करूँ तो मैंने महाबली शाका के कॉमिक पहले नहीं पढ़े तो इस किरदार के विषय में मेरी इतनी जानकारी नहीं थी। कॉमिक बुक पढ़ने से इतना तो पता चलता है कि शाका कोसिमा जंगल की एक महत्वपूर्ण शख्सियत है। जहाँ एक तरफ उस जंगल के सभी कबीलों के सरदार उसका आदर करते हैं वहीं दूसरी तरफ शहर में मौजूद नेता लोग भी जंगलवासियों के बीच उसकी इस दबदबे को पहचानते हैं और वनवासियों से संपर्क स्थापित करने के लिए शाका से ही संपर्क साधते हैं। जंगल के नागदेवता का भी शाका के प्रति स्नेह है क्योंकि वह भी कॉमिक बुक में उसकी मदद करने के लिए आगे आते हैं। कॉमिक पढ़ते हुए यह भी पता चलता है कि शाका के अंदर अतिमानवीय ताकतें मौजूद हैं। वहीं वह जंगल में रहता जरूर है लेकिन वह आधुनिक तकनीक से वाकिफ है और उनका इस्तेमाल करना बाखूबी जानता है। शाका कौन है और कबीलों में उसका इतना आदर क्यों है यह कॉमिक में पता तो नहीं चलता है लेकिन मैं जरूर जानना चाहूँगा। हाँ, जिस तरह से शाका को चित्रित किया है तो उसे देखकर कॉनन द बारबेरियन की याद भी आती है। अगर उसका रंग रूप कबीले वालों की तरह होता तो शायद बेहतर होता।
कहानी के बाकी किरदार कहानी के अनुरूप ही हैं। हुबली और भुजंग से मुझे उम्मीद थी लेकिन ऊपर बता ही चुका हूँ कि जिस तरह से उन्हें दर्शाया है वह बेहतर हो सकता था।
अंत में यही कहूँगा कॉमिक बुक एक बार पढ़ा जा सकता है। हाँ, कहानी जितनी अच्छी है उससे बेहतर बनाई जा सकती थी।
कॉमिक बुक लिंक: प्रतिलिपि
आज का प्रश्न
क्या आपने महाबली शाका के कॉमिक बुक पढ़ें हैं? आपके पसंदीदा कॉमिक कौन से हैं? मुझे बताना नहीं भूलिएगा।
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