विजय-विकास श्रृंखला

विजय विकास मामा भाँजे की जोड़ी है जो मिलकर देश के दुश्मनों का सफाया करते हैं। 
विजय राजनगर के आई जी ठाकुर निर्भयसिंह का बेटा है। वह उसे नालायक समझते हैं क्योंकि वह सबसे सामने बेवकूफों जैसी हरकतें करता रहता है। परन्तु असल में विजय भारतीय सीक्रेट सर्विस का सबसे खतरनाक जासूस है। वही वह भारत की सबसे बड़ी जासूसी संस्था का चीफ भी है। हालाँकि यह राज कोई नहीं जानता है। उसके नजदीकी लोग भी नहीं। 
विकास विजय का भाँजा है। उसके पिता रघुनाथ शहर के सुप्रीटेंडेंट हैं। वह एक बाईस वर्षीय लड़का है जो कि एक जाबाँज जासूस है। वह दोस्तों का दोस्त और दुश्मनों का दुश्मन है। देश के दुश्मनों का काल है और उनके लिए किसी दुर्दांत हत्यारे से कम नहीं है। 

वेद प्रकाश शर्मा द्वारा लिखे गये विजय विकास श्रृंखला के उपन्यास:

  1. दहकते शहर 
  2. आग के बेटे 
  3. खूनी छलावा 
  4. छलावा और शैतान 
  5.  विकास और मैकाबर 
  6. विकास मैकाबर के देश में 
  7. मैकाबार का अंत 
  8. प्रलयंकारी विकास
  9. अपराधी विकास 
  10. मंगल सम्राट विकास 
  11. विनाश दूत विकास 
  12. विकास की वापसी 
  13. महाबली टुम्बकटू
  14. विकास दी ग्रेट 
  15. पहली क्रांति
  16. दूसरी क्रांति 
  17. तीसरी क्रान्ति
  18. क्रांति का देवता 
  19. दौलत पर टपका खून 
  20. इंकलाब का पुजारी 
  21. सबसे बड़ा जासूस 
  22. चीते का दुश्मन 
  23. विश्व विजेता 
  24. शहीदों की चिता 
  25. खून की धरती 
  26. तिरंगा झुके नहीं 
  27. जजमेंट 
  28. देवकांता सन्तति भाग 1
  29. देवकांता सन्तति भाग 2
  30. देवकांता सन्तति भाग 3
  31. देवकांता सन्तति भाग 4
  32. देवकांता सन्तति भाग 5 
  33. देवकांता सन्तति भाग 6
  34. देवकांता सन्तति भाग 7
  35. देवकांता सन्तति भाग 8
  36. देवकांता सन्तति भाग 9
  37. देवकांता सन्तति भाग 10
  38. देवकांता सन्तति भाग 11
  39. देवकांता सन्तति भाग 12
  40. देवकांता सन्तति भाग 13
  41. देवकांता सन्तति भाग 14
  42. वतन 
  43. गुलिस्तां खिल उठा 
  44. हिन्द का बेटा 
  45. देश न बदल जाए 
  46. क़ानून बदल डालो 
  47. फाँसी दो कानून को 
  48. जला हुआ वतन 
  49. चीख उठा हिमालय 
  50. धरती बनी दुल्हन 
  51. विश्व युद्ध की आग 
  52. चकमा 
  53. रुक गयी धरती 
  54. कर्फ्यू 
  55. शेर का बच्चा 
  56. खून ने रंग बदला 
  57. हत्यारा कौन 
  58. माटी मेरे देश की 
  59. मत रो माँ 
  60. लाखों हैं लाल मेरे 
  61. गैंडा 
  62. हिंसक 
  63. दरिंदा 
  64. एक कब्र सरहद पर 
  65. जय हिन्द 
  66. रणभूमि 
  67. वन्दे मातरम 
  68. गन का फैसला
  69. एक और अभिमन्यु 
  70. सारे जहाँ से ऊँचा 
  71. दूध न बख्शूंगी (किंडल)
  72. धर्मयुद्ध 
  73. अल्फांसे की शादी (किंडल)
  74. कफन तेरे बेटे का (किंडल)
  75. रैना कहे पुकार के 
  76. भस्मासुर 
  77. फँस गया अलफांसे 
  78. पंगा 
  79. एक थप्पड़ हिन्दुस्तानी (किंडल)
  80. पाक साफ (किंडल)
  81. काला अंग्रेज (किंडल)
  82. फिरंगी (किंडल)
  83. कश्मीर का बेटा (किंडल)
  84. ट्रिक (किंडल)
  85. मेरे बच्चे मेरा घर (किंडल)
  86. आज का रावण (किंडल)
  87. चलते पुर्जे (किंडल)
  88. विजय और विकास (किंडल)
एम इकराम फरीदी द्वारा लिखे गये विजय विकास श्रृंखला के उपन्यास
  1. ए टेररिस्ट (किंडल)

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