विजय शृंखला – वेद प्रकाश काम्बोज

 

वेद प्रकाश काम्बोज - जीवनी
स्रोत: लेखक के फेसबुक पृष्ठ से 

विजय वेद प्रकाश काम्बोज (Ved Prakash Kamboj) के सबसे प्रसिद्ध किरदारों में से एक है। वह एक सच्चा देशभक्त है जो कि भारतीय सीक्रिट सर्विस का सदस्य भी है। खिलंदड़ स्वभाव का विजय अपनी बेवकूफों जैसी हरकतों के लिए जाना जाता है जिसके माध्यम से वह दुश्मनों की आँखों में धूल झोंक कर उनको पटखनी दे देता है। वेद जी का यह किरदार इब्ने सफी के अली इमरान से काफी हद तक प्रेरित था जिसे उन्होंने बाद में अपने रंग में रंग दिया।  
विजय अपने दोस्त रघुनाथ, जो कि एक ईमानदार पुलिस अफसर है, के कहने पर कई मामले अपने हाथ में लेकर उन्हें अपने स्टाइल में सुलझाता है। विजय एक प्राइवेट डिटेक्टिव के रूप में कार्य करता है जिसके पीछे वह अपनी सीक्रेट सर्विस के सदस्य होने की पहचान को छुपाता है। 
विजय शृंखला के उपन्यासों में कुछ किरदार बार बार अपनी हाज़री दिखाते हैं। यह किरदार हैं:
पवन –  भारतीय सीक्रिट सर्विस का चीफ् जिसे विजय काला लड़का कहता है। यह ब्लैक बॉय के नाम से भी जाना जाता है। 
रघुनाथ – विजय का दोस्त और पुलिस सुप्रीटेंडेंट
रैना – रघुनाथ की पत्नी जिसे विजय भाभी कहता है और उससे मजाक करने का कोई मौका नहीं छोड़ता है
ठाकुर साहब – विजय के पिताजी जिसे रघुनाथ चाचाजी कहता है। इन्हें लगता है कि विजय एक नाकारा लड़का है। 
विजय के साथी – अशरफ, विक्रम, नाहर, आशा
विजय के शिष्य – गोकुल मदारी, कुंदन कबाड़ी, फ़न्ने खाँ तातारी। ये सी आई डी के ट्रेनी हैं जिन्हें विजय प्रशिक्षण दे रहा है। वह उसे गुरु मानते हैं और अब उसकी तरह झकझकी भी करने लगे हैं। 
अलफाँसे – एक अंतर्राष्ट्रीय अपराधी जो दौलत के लिए कुछ भी कर सकता है। यह विजय की इज्जत करता है और कई बार विजय की मदद भी कर चुका है। 
सिंगही – एक चीनी वैज्ञानिक और अपराधी जो कि विश्व विजेता बनना चाहता है। यह विश्व विजय की योजना बनाता है जिसे हर बार विजय अपने साथियों के साथ मिलकर बेकार कर देता है। 
गिल्बर्ट – एक वैज्ञानिक जो कि अपराधी है और विश्व विजेता बनना चाहता है। 
धनुषटंकार – यह एक बंदर है जिसके भीतर इंसानी दिमाग है। एक वैज्ञानिक प्रयोग से बने इस बंदर को विजय ने इसे अपना लिया है और ट्रेनिंग देकर अपनी टीम में शामिल कर दिया है। 
विजय अक्सर रघुनाथ के कहने पर राजनगर में मौजूद अपराधों को सुलझाता है। वहीं सीक्रेट सर्विस के सदस्य के रूप में अलग अलग जाकर भी मिशनों को पूरा करता है। विजय शृंखला की रचनाओं में इन दोनों तरह के रचनाएँ होती हैं। 

उपन्यास 

उपन्यासिका 

शराबी कातिल (तहकीकात 1 में प्रकाशित) | अमेज़न
(रचना के नाम पर क्लिक करके आप उसकी समीक्षा पढ़ सकते हैं।)

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