कहानी: एक टोकरी भर मिट्टी – माधवराव सप्रे
ज़मींदार साहब की इच्छा थी कि उनके महल के पास मौजूद झोपड़ी तक अपने महल को बढ़ा लें। उन्होंने अपनी इच्छा भी पूरी कर ली। आगे क्या हुआ? पढ़ें माधवराव सप्रे की कहानी ‘एक टोकरी भर मिट्टी’:
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