कहानी: कलकत्ते में एक रात - आचार्य चतुरसेन शास्त्री

कहानी: कलकत्ते में एक रात – आचार्य चतुरसेन शास्त्री

गाँव में रहने वाला कथावाचक जब पहली बार कलकत्ते में पहुँचता है तो उसके साथ क्या होता है ये आचार्य चतुरसेन ने अपनी कहानी ‘कलकत्ते में एक रात’ में बताया है। शहर में नये नये आये लोगों को कैसे ठग अपना शिकार बना देते हैं यह इसमें दर्शाया है। आप भी पढ़ें:

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कहानी: खूनी - आचार्य चतुरसेन शास्त्री

कहानी: खूनी – आचार्य चतुरसेन शास्त्री

‘खूनी’ आचार्य चतुरसेन शास्त्री द्वारा लिखी कहानी है। यह पहली बार ‘प्रताप’ नामक पत्र में प्रकाशित हुई थी। प्रताप में यह कहानी पढ़कर गणेशशंकर विद्यार्थी (प्रताप के संपादक) द्वारा लेखक को एक कार्ड भेजा गया था जिसमें लिखा था कि ये कहानी छापकर प्रताप धन्य हो गया।
कहानी स्वतंत्रता के लिए लड़ी जा रही हिंसक लड़ाई के बजाय अहिंसक लड़ाई की वकालत करती है। आप भी पढ़ें:

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कहानी: फंदा - आचार्य चतुरसेन शास्त्री

कहानी: फंदा – आचार्य चतुरसेन शास्त्री

सन् १९१७ का दिसम्बर था। भयानक सर्दी थी। दिल्ली के दरीबे-मुहल्ले की एक तंग गली में एक अँधेरे और गंदे मकान में तीन प्राणी थे। कोठरी के एक कोने में …

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एक बुक जर्नल प्रतियोगिता #1- वेलाराम देवासी की प्रविष्टि

एक बुक जर्नल की  प्रतियोगिता #1 में हमें आपसे एक लेख की दरकार थी। प्रतियोगिता के लिये प्रविष्टियाँ आना शुरू हो गयी हैं। आज पढ़िए वेलाराम देवासी की प्रविष्टि। वेलाराम …

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