
‘उपलक्ष्य 75’ के अवसर पर हुआ अब्दुल बिस्मिल्लाह की संस्मरणों की किताब ‘स्मृतियों की बस्ती’ का लोकार्पण
हिन्दी कथा-संसार में हाशिए की ज़िंदगियों को आवाज़ देने वाले कथाकार अब्दुल बिस्मिल्लाह अपने जीवन के 75 वर्ष पूरे कर चुके हैं। उनकी रचनाएँ गाँव-समाज, बोली-बानी और साधारण मनुष्य के संघर्षों का जीवंत दस्तावेज़ रही हैं। इसी रचनात्मक धरोहर का उत्सव मनाने के लिए 19 अगस्त की शाम इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (एनेक्स) में राजकमल प्रकाशन ने विशेष कार्यक्रम ‘उपलक्ष्य 75’ का आयोजन किया।
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