जीशान हैदर ज़ैदी को उपन्यास ‘सूरैन का हीरो’ के लिये सलिला साहित्य रत्न सम्मान

जीशान ज़ैदी को उपन्यास 'सूरैन का हीरो' के लिये सलिला साहित्य रत्न सम्मान

साहित्य और संस्कृति के प्रति समर्पित सलिला संस्था का सोलहवाँ राष्ट्रीय बाल साहित्य समारोह उच्च मानदंडों को स्थापित करते हुए रविवार, 24 अगस्त 2025 को उदयपुर में प्रसार शिक्षा निदेशालय के सभागार में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस समारोह में लेखक जीशान हैदर ज़ैदी को उनके विज्ञान गल्प उपन्यास ‘सूरैन का हीरो‘ के लिए सलिला साहित्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। ज्ञात हो लेखक जीशान हैदर ज़ैदी हिंदी विज्ञान गल्प के क्षेत्र में एक जाना माना नाम हैं। सुरैन का हीरो उनकी पाँच बाल विज्ञान गल्प उपन्यासों की शृंखला है जिसकी शुरुआत सुरैन का हीरो और शादी का कीड़ा नाम से होती है। यह उपन्यास शृंखला बाल मन को रहस्य, रोमांच और बाल मन की नयी दुनिया में लेकर जाती हैं।

जीशान हैदर ज़ैदी

‘उद्घाटन, लोकार्पण एवं सम्मान’ सत्र की अध्यक्षता डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में जयंती रंगनाथन (नंदन की संपादक एवं एक्जीक्यूटिव एडिटर, हिंदुस्तान समूह ) एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. सतीश कुमार, श्याम पलट पांडेय, कुमुद वर्मा तथा संस्था अध्यक्षा एवं संयोजक डॉ. विमला भंडारी मंचासीन रहे। प्रतिष्ठित साहित्यकारों को निम्न अलंकरण एवं सम्मान प्रदान किए गए।

  1. सलिला शिखर सम्मान : डॉ. संजीव कुमार
  2. सलिला विशिष्ट साहित्यकार सम्मान : डॉ. सूरजसिंह नेगी एवं डॉ. मीना सिरोला
  3. सलिला साहित्य रत्न सम्मान : जीशान हैदर जैदी, लाल देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव, मीनू त्रिपाठी, डॉ प्रभात सिंघल

सभी रचनाकारों को अभिनंदन पत्र, शॉल, उपरना, नकद राशि एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।

माँ शारदा के समक्ष अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना (शकुंतला स्वरूपरिया) से कार्यक्रम का शुभारंभ के बाद दीपा पंथ ने संस्था गीत प्रस्तुत किया। स्वागत गीत मधु माहेश्वरी तथा बालगीत पाखी जैन ने प्रस्तुत किए।

विषय प्रवर्तन डॉ. विमला भंडारी ने किया।

विभिन्न साहित्यकारों की 12 पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. अजीत कुमार कर्नाटक ने सभी से राष्ट्र भाषा एवं संस्कृत के संवर्धन का आह्वान करते हुए कहा कि आपके अंदर का बच्चा ही आपको जीवन्त रखता हैं, बाल साहित्य व बाल गीत इसका श्रेष्ठ योजक हैं।मुख्य अतिथि जयंती रंगनाथन ने बाल गीत और बालमन का अंतसंबंध विषय पर बीज वक्तव्य देते हुए कहा कि आज प्यार से बालकों को बाल गीतों के प्रति अकर्षित करके मोबाइल की लत से मुक्त किया जाना चाहिए।

बाल कवि सम्मेलन भी मुख्य आकर्षण रहा।समारोह में देश के 6 राज्यों से आए साहित्यकार जगदीश भंडारी, डॉ. विमल शर्मा, मधु माहेश्वरी, मुकेश राव, शांतिलाल शर्मा, मनीला पोरवाल, मीनू त्रिपाठी, कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, लाल देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव, डॉक्टर यशपाल शर्मा, प्रकाश नेभनानी, डॉ फहीम अहमद, बलबीर सिंह, अनीता गंगाधर शर्मा, आचार्य नरेंद्र शास्त्री, चक्रधर शुक्ल, डॉ सरिता गुप्ता, शिव मोहन यादव, नंदकिशोर निर्झर, बनवारी लाल पारीक, डॉ गोपाल राज गोपाल, श्याम मठपाल, सपना जैन शाह, पुरुषोत्तम शाकद्वीपीय, रामदयाल मेहरा सहित अनेक साहित्यप्रेमी एवं विद्वान उपस्थित रहे।


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