दुःख रोने से कम नहीं होता, कम होता है उसका कारण समझने से। रात अँधेरे में हाथ पीटने से नहीं कटती, रात कटती है दीया जलाने से। यह तय है कि दीया जलाने से सुबह के दर्शन नहीं हो जाते, लेकिन एक ढाढस अवश्य बँधता है।
– नामवर सिंह, तुम्हारा नामवर
किताब लिंक: हार्डकवर
अनमोल उद्धरण साझा किया है विकास जी आपने । आभार ।
आभार….सर….
उपयोगी जीवन सूत्र।
जी सही कहा…