नवम्बर का पहला हफ्ता खत्म होने वाला है। आपका पता नहीं लेकिन पौड़ी में ठंड बढ़ने लगी है। अब लगने लगा है कि आखिरकार हम लोग पहाड़ में हैं। और मुझे मजा आ रहा है।
इन कुछ दिनों में मैं काफी व्यस्त रहा। कुछ दिनों के लिए गुरुग्राम भी जाना हुआ लेकिन अब वापिस पौड़ी में हूँ और अब कुछ बचे हुए कार्य खत्म करने की सोच रहा हूँ। इसीलिए सबसे पहले सोचा के गुजरे महीने में पढ़ी गयी रचनाओं के विषय में जो पोस्ट मैं हर माह लिखता हूँ वो ही पूरी कर लूँ। वैसे भी मुझे यह ब्यौरा लिखना काफी पसंद है तो शुरुआत ऐसे कार्य से हो जो अच्छा लगता है तो उससे अच्छा क्या हो सकता है।
अक्टूबर का महीना पढ़ने के लिहाज से देखा जाए तो अच्छा ही रहा। अक्टूबर में मैंने कुल ग्यारह रचनाएँ पढ़ीं। इन रचनाओं में पाँच कॉमिक बुक्स थे, तीन उपन्यास थे और तीन कहानी संग्रह थे। अगर भाषा के हिसाब से वर्गीकृत करें तो पढ़ी गयी किताबों में छः रचनाएँ हिन्दी की थीं और बाकी पाँच अंग्रेजी की थीं। अगर किताब के फॉर्मेट के हिसाब से देखें तो एक हार्डबेक किताब थो, एक ई बुक थी और बाकी सब पेपरबैक ही थीं।
इस दौरान कुछ के विषय में मैंने वेबसाइट पर विस्तृत तौर पर लिखा था और कुछ के विषय में लिखना रह गया था। मुझे यह पोस्ट लिखना इसलिए भी पसंद है क्योंकि इसके माध्यम से मैं सभी के विषय में संक्षिप्त रूप से लिख दिया करता हूँ।
चलिए सबसे पहले उन रचनाओं का कोलाज देखते हैं जो कि मैंने अक्टूबर में पढ़ीं और फिर उनके विषय में थोड़ा सा बात करेंगे।
अक्टूबर 2020 में पढ़ी गयी किताबें |
तो ये थी वो किताबें जिन्हें मैंने अक्टूबर माह में पढ़ा। अब आगे पोस्ट में इनके विषय में ही बात करते हैं:
डबल और क्विटस – एर्ल स्टैनली गार्डनर
डबल और क्विटस कूल एंड लैम श्रृंखला का चौथा उपन्यास है। इस श्रृंखला के उपन्यास एर्ल स्टैनली गार्डनर ने ए ए फेयर के छद्दम नाम से लिखे थे। बर्था कूल और डोनाल्ड लैम एक डिटेक्टिव चलाते हैं। बर्था कूल जहाँ एजेंसी को संचालित करती है वहीं डोनाल्ड लैम तहकीकात करता है। दोनों की जोड़ी अपने अपने फन में माहिर है और इस श्रृंखला के उपन्यासों में उनके पास आये गये केसों को सुलझाते हुए वह दिखते हैं।
यह उपन्यास इसलिए ख़ास है क्योंकि इस उपन्यास में डोनाल्ड लैम बर्था कूल की डिटेक्टिव एजेंसी में बराबर का पार्टनर बनता है। इससे पहले वह केवल उधर एक मुलाजिम की हैसियत से कार्य करता था।
जेवरातों की चोरी से शुरू हुआ यह उपन्यास पहले दुर्घटनावश हुई मृत्यु और फिर इंश्योरेंस से बीमा के पूरे पैसे निकलवाने का मामला बन जाता है। उपन्यास रोचक है और मुझे पसंद आया। डोनाल्ड और बर्थ के बीच की तू तू मै मैं रोचक और मनोरंजक है। अगर आपने नहीं पढ़ा है तो एक बार जरूर पढ़िएगा।
उपन्यास निम्न लिंक से खरीदा जा सकता है:
पेपरबैक
बैटमैन गोथम एडवेंचर्स #35
बैटमैन गोथम एडवेंचर्स #35 में जो कहानी प्रकाशित है उसका नाम स्टेपिंग फॉरवर्ड है। यह कॉमिक बुक मेरे पास काफी वर्षों से पढ़ी हुई थी। पहली बार मैंने इसे कॉलेज में पढ़ा था और अब इस वर्ष दोबारा पढ़ना हुआ।
इस कॉमिक बुक की ख़ास बात यह है कि इसमें ब्रूस वेयन मुख्य भूमिका में है। अक्सर बैटमैन अपराधियों को पकड़ कर कानून के हवाले कर देता है और उसका कार्य समाप्त हो जाता है। इसके बाद उनका क्या होता है इस पर न उसका जोर है और न पाठकों को इस विषय में कुछ पता चलता है। इस कॉमिक बुक में इसी बाद की प्रक्रिया को दर्शाया है जहाँ पर सारा दारोमदार ब्रूस पर आ जाता है और उसे यह सुनिश्चित करना होता है कि अपराधी को सजा मिले।
कॉमिक बुक में कुछ बातें ऐसी थीं जो कि बेहतर हो सकती थी लेकिन ओवरआल मुझे कॉमिक बुक पसंद आई।
कॉमिक के प्रति मेरी विस्तृत राय आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
बैटमैन गोथम एडवेंचर्स #35
द डीमन हंटर ऑफ़ चोट्टानिकारा – एस वी सुजाता
द डीमन हंटर ऑफ़ चोट्टानिकारा एक सुपरनेचुरल थ्रिलर है। यह एस वी सुजाता का पहला उपन्यास है। इस उपन्यास की घटनाएं उस कालखण्ड में घटित होती हैं जब भारतवर्ष में राक्षस बेटोक घूमा करते थे।
चोट्टानिकारा भारत के दक्षिण में बसे आज के केरल में मौजूद एक छोटा सा गाँव है जो कि राक्षसों के आतंक से त्रस्त है। वैसे तो चोट्टानिकारा में रहने वाली देवी अक्सर इन राक्षसों का नाश कर देती है लेकिन इस बार चोट्टानिकारा में कुछ ऐसा घूम रहा है जो कि मर्दों को अपना शिकार बना रहा है।
यह कौन है, क्यों मर्दों को अपना शिकार बना रहा है और क्या देवी इस मुसीबत से चोट्टानिकारा को निजात दिला पाई? इन्हीं प्रश्नों के उत्तर इस उपन्यास को पढ़ने से प्राप्त होते हैं। हाँ, उपन्यास के रहस्य ऐसे हैं जिसका अंदाजा आपको पहले ही लगा लेते हैं तो इस पर थोड़ा कार्य किया जा सकता था।
उपन्यास लेखिका का पहला प्रयास है और इसमें उन्होंने एक रोचक दुनिया का निर्माण किया है। मुझे उम्मीद है देवी को लेकर उनके दूसरे उपन्यास भी आएंगे।
पहले उपन्यास के तौर पर मुझे यह पसंद आया। उम्मीद है आगे और बेहतर कार्य देखने को मिलेगा।
किताब निम्न लिंक से खरीदी जा सकती है:
हार्डकवर | किंडल
विराट 4
विराट चार विराट श्रृंखला का चौथा कॉमिक बुक है। जब से विराट सुंदरगढ़ में आया है तब से सेनापति काल भैरव महाराज की नजरों में गिरना चाहता है। इसलिए वह षड्यंत्र रचता है और विराट हर बार उससे खुद को बचा लेता है। इस कॉमिक बुक में भी ऐसा ही है।
कुछ ताकते हैं जो विराट को सुंदरगढ़ में बदनाम कर रही हैं। विराट तीन के अंत में वह इन ताकतों से जूझते हुए दिखाई दिया था। इस कॉमिक बुक में वह न इन ताकतों के विषय में जान तो जाता है लेकिन खुद को एक बड़े षड्यंत्र से घिरा हुआ पाता है। यह एक मनोरंजक कॉमिक बुक है जो कि इस श्रृंखला के अगले कॉमिक बुक को पढ़ने के लिए आपको मजबूर कर देगा। मुझे बहुत पसंद आया।
कॉमिक के प्रति मेरे विस्तृत विचार आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
विराट 4
नमक का कैदी – नरेंद्र कोहली
‘नमक का कैदी’ में नरेन्द्र कोहली की आठ कहानियों और एक लम्बी कहानी को संकलित किया गया है। यह कहानियाँ उन्होंने 1967-1968 के बीच लिखीं थी।
यह कहानी संग्रह मुझे बहुत पसंद आया।
‘नमक के कैदी’ में मौजूद इन नौ कहानियों में नरेंद्र कोहली ने अपने आस-पास के समाज को ही दर्शाया है। इस संग्रह में बनते बिगड़ते रिश्ते हैं, भारतीय प्रवृत्ति पर टिप्पणी है, नव अभिभावकों की परेशानी है,समाज का दोमुँहा चेहरा है, नजरअंदाज कर दिए गये बुजुर्ग हैं और ऑफिस की राजनीति से पीड़ित व्यक्ति हैं। भले ही यह कहानियाँ 1967-1968 के समाज को देखकर लिखी गयी हों लेकिन यह आज के वक्त में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।
संग्रह में मौजूद कहानियों में से हिन्दुस्तानी और चारहान का जंगल मुझे सबसे ज्यादा पसंद आईं। मैं सलाह दूँगा कि यह दो कहानियाँ आपको जरूर पढ़नी चाहिए।
संग्रह के विषय में मेरी विस्तृत राय आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
नमक का कैदी
मकबरा और तक्षक
नितिन मिश्रा द्वारा लिखे गये कॉमिक बुक मकबरा और तक्षक नरक नाशक नागराज श्रृंखला के छठवें और सातवें कॉमिक बुक हैं। यह एक दो भागों में फैला हुआ कथानक है जिसकी शुरुआत मकबरा से होती है और जो तक्षक में जाकर खत्म होता है।
कथानक रोमांचक है और एक्शन से भरपूर है। एक षड्यंत्र से यह कॉमिक बुक शुरू होता है और उसके पश्चात आप यह जानने के लिए कॉमिक पढ़ना चाहते हैं कि यह षड्यंत्र कौन कर रहा है और यह षड्यंत्र क्या है?
मकबरा में जहाँ घटनाक्रम वर्तमान काल में ही होता है वहीं तक्षक में घटनाक्रम दो कालखण्डों यानी वर्तमान काल और लगभग 5000 साल पहले के मिश्र में घटित होता है। यहाँ इतना बताना चाहूँगा कि इस कॉमिक बुक में खलनायक मिश्र का फराहो तूतेन खामन है। वहीं कॉमिक बुक में एक संस्था रिप के चार एजेंट्स ताहिरा, मॉन्टी, गगन और विनाशदूत भी हैं जिनसे मिलना मुझे अच्छा लगा।
कॉमिक बुक के दोनों ही भाग मुझे तो पसंद आये। इनके विषय में मेरी विस्तृत राय आप निम्न लिंक्स पर जाकर पढ़ सकते हैं:
मकबरा
तक्षक
दस जनवरी की रात – परशुराम शर्मा
‘दस जनवरी की रात’ नब्बे के दशक में लिखा गया परशुराम शर्मा का उपन्यास है जिसे बुक कैफ़े प्रकाशन ने हाल में ही पुनः प्रकाशित किया गया है।
यह मूलतः एक अपराध कथा है जिसके केंद्र में एक वकील रोमेश सक्सेना है। एक व्यक्ति चाहे तो वह सिस्टम को किस तरह छल सकता है यह इसमें दर्शाया गया है। हमारे सिस्टम की खामियों को भी यह उजागर करता है जहाँ पर जिनके पास ताकत है वह कानून को अपने हिसाब से तोड़ते मरोड़ते रहते हैं।
कहानी फ़िल्मी है लेकिन आप पर पकड़ बनाकर रखती है। उपन्यास एक बार पढ़ा जा सकता है।
किताब के विषय में मेरे विस्तृत विचार आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
दस जनवरी की रात – परशुराम शर्मा
किताब निम्न लिंक्स से मँगवाई जा सकती है:
पेपरबैक | किंडल
आवर ट्रीज स्टिल ग्रो इन देहरा – रस्किन बांड
आवर ट्रीज स्टिल ग्रो इन देहरा रस्किन बांड की सोलह कहानियों का संग्रह है। इस संग्रह की सभी कहानियाँ प्रथम पुरुष में लिखी हैं और आत्मकथात्मक प्रतीत होती हैं। कहानियों में मुख्य किरदार रस्टी है जिसे आप सबसे पहली कहानी एस्केप फ्रॉम जावा में नौ साल के उस बच्चे के रूप में देखते हैं तो सबसे आखिरी कहानी डेजर्ट रहेस्पोडी में एक सत्तर वर्षीय बुजुर्ग के रूप में देखते हैं। इन कहानियों में आप उसे जीवन पथ पर आगे बढ़ता हुआ देख सकते हैं। इस संग्रह में मौजूद कहानी जावा, देहरादून, इंग्लैंड और फिर मसूरी में बिताए गये रस्टी के जीवन को दर्शाती हैं।
इन्हें पढ़ते हुए ऐसा लगता है जैसा कोई परिचित अपने जीवन के संस्मरण सुना रहा हो जिन्हें सुनना एक अच्छा अनुभव होता है।
अगर आपको रस्किन बांड की कहानियाँ पसंद है तो रस्टी के जीवन का यह सफर इन कहानियों के रूप में देखना आपको जरूर पसंद आएगा। मुझे तो यह काफी पसंद आया।
किताब निम्न लिंक्स पर जाकर मँगवाई जा सकती है:
Paperback | Kindle
मून फ्रैंचाइज़
‘मून फ्रेंचाइज’ राज कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित फाइट टोड्स श्रृंखला का कॉमिक बुक है। यह बहुत सालों बाद हुआ कि फाइटर टोड्स को लेकर लिखे गये किसी कथानक को पढ़ने का मुझे मौका लगा।
कॉमिक बुक मुझे पसंद आया। अगर आपने नहीं पढ़ा है तो एक बार पढ़िए। हँसी हँसी में यह कॉमिक बुक काफी बड़ी बातों को छू जाता है और एक तरफ जहाँ आपको गुदगुदाता है तो वहीं दूसरी तरफ आपको सोचने के लिए काफी कुछ दे भी जाता है।
कॉमिक बुक के प्रति मेरे विस्तृत विचार आप निम्न लिंक्स पर जाकर पढ़ सकते हैं:
मून फ्रेंचाइज
डार्क एंड सिनिस्टर – मुर्रे पीटर्स
डार्क एंड सिनिस्टर मुर्रे पीटर्स की सात हॉरर कहानियों का संग्रह है। इस संग्रह में मौजूद कहानियों में लेप्रेकौन जैसे मिथकीय जीव हैं, इंसाफ देने वाली पेंटिंग है, ऐसी सेक्स वर्कर है जो अपनी खोई मासूमियत पाना चाहती है और इसके लिए लोगों का कत्ल करने में भी उसे कोई गुरेज नहीं है, एक ऐसा व्यक्ति है जिसे कितना भी मार लें उसे कोई असर नहीं होता है, जेल का ऐसा गार्ड है जो कि एक नरभक्षी से दोस्ती कर देता है और उसे निभाता भी है और आज़ादी के लिए तड़पता एक ऐसा व्यक्ति है जो कि जेल से भाग तो जाता है लेकिन फिर खुद को ऐसे नर्क में पाता है जो कि जेल से कई गुना ज्यादा बुरा साबित होता है ।
यह सभी कहानियाँ ऐसी हैं जिनमें काफी हिंसा है और काट फाट है। अंग्रेजी में ऐसी कहानियों को हॉरर का ही एक पार्ट माना जाता है। इन्हें गोर (gore) या स्प्लैटर पंक कहते हैं। अगर आपको ऐसी कहानियाँ पसंद आती हैं तो आप इन्हें पढ़ सकते हैं। सभी कहानियाँ मुझे तो रोचक लगी। वहीं अगर ऐसे विषयों से आपको दिक्कत है तो इनसे दूरी बनाई जा सकती हैं।
मुझे यह संग्रह पसंद आया था।
इस कहानी संग्रह को आप निम्न लिंक पर जाकर मँगवा सकते हैं:
किंडल
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तो यह थीं वो रचनायें जिन्हें अक्टूबर के महीने में मैंने पढ़ा। आप लोगों ने अक्टूबर में क्या क्या पढ़ा? अपनी द्वारा पढ़ी गयी किताबों से मुझे जरूर अवगत करवाईयेगा। हो सकता है मुझे कुछ नये दोस्त मिल जाएँ।
© विकास नैनवाल ‘अंजान’
रोचक
जी आभार…..
Bhai daily hunt app kyun band ho gaya ??
कोई आईडिया नहीं। शायद उन्हें नुकसान हुआ होगा। ऐसे एप्लीकेशन को किर्यान्वित रखने के लिए काफी पैसे लगते हैं और अगर पैसे कहीं से आये नहीं तो फिर इन्हें चलाते रहना मुश्किल हो जाता है। शायद यही डेली हंट के साथ हुआ होगा।