संतोष पाठक हिन्दी अपराध कथा क्षेत्र में स्थापित लेखकों में से एक हैं। उनके पाठकों को उनके आने वाले उपन्यासों का बेसब्री से इन्तजार रहता है।
हाल ही में साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा संतोष पाठक के तीन उपन्यासों के प्रीआर्डर की घोषणा की गयी है। कुछ वक्त पहले यह उपन्यास किंडल पर प्रकाशित हो चुके थे लेकिन अब तक उनके प्रिंट एडिशन प्रकाशित नहीं हुए थे।
चूँकि कई पाठक किताबों को ई बुक फॉर्मेट में नहीं बल्कि हार्ड कॉपी में पढ़ना पसंद करते हैं तो अब साहित्य विमर्श प्रकाशन उनके इन उपन्यासों के प्रिंट संस्करण लेकर आ रहा है जिन्हें आप 30 जून 2021 तक आकर्षक दरों पर प्री आर्डर कर सकते हैं।
यह उपन्यास निम्न हैं:
प्रतिघात
अंकुर रोहिल्ला बेहद दौलतमंद, लेकिन हद दर्जे का अय्याश शख्स था, जिसकी नीयत अपने ही किरायेदार की बेटी पर खराब थी। फिर एक रात लड़की अपने कमरे से गायब हो गई। क्या लड़की का बाप, क्या पड़ोसी, सबको जैसे यकीन था कि उसकी गुमशुदगी के पीछे अंकुर के कुत्सित इरादों का हाथ है। पर, क्या इसे साबित करना इतना आसान था?
फिर केस में इंट्री होती है, द अनप्रिडिक्टेबल मैन पनौती की, जिसके साथ पान में लौंग-सी फिट है- हरदिल अजीज अवनी सक्सेना। दोनों की अनोखी जुगलबंदी ने क्या गुल खिलाये? लापता लड़की का क्या हुआ? क्या सचमुच अंकुर रोहिल्ला गुनहगार था?
घात-प्रतिघात से लबरेज, तेजरफ्तार, पनौतियन शाहकार
द वॉचमैन
सुधीर सिंघल निहायत घटिया, बदनीयत! सूरत से कामदेव सरीखा ऐसा नौजवान था, जो पैसों की खातिर किसी भी हद तक जा सकता था। अधेड़ उम्र की औरतों को अपने प्रेमजाल में फाँस सकता था, नौजवान लड़कियों की कमाई पर ऐश कर सकता था। वह कइयों की जिंदगी में उथल-पुथल मचाये था, तो कइयों को बर्बादी के कगार पर भी पहुँचा चुका था। ऐसे फसादी शख्स के साथ जो न हो जाता, वही कम था।
द वाचमैन सीरीज की नयी पेशकश
राइट टाइम टू किल
अभिनेत्री सोनाली सिंह राजपूत ने पाँच सालों बाद दिल्ली में कदम क्या रखा, हंगामा बरप गया। बंगले में घुसते ही गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस और मीडिया दोनों को शक था कि गोली चलाने वाले हाथ सोनाली क़े चाचा उदय सिंह राजपूत क़े थे, क्योंकि पाँच साल पहले उसने भतीजी को खुलेआम जान से मारने की धमकी दी थी। लिहाजा कहानी परत-दर-परत उलझती जा रही थी। एक तरफ इंस्पेक्टर गरिमा देशपांडे कातिल की तलाश में जी जान से जुटी हुई थी, तो वहीं दूसरी तरफ भारत न्यूज की इंवेस्टिगेशन टीम, पुलिस से पहले हत्यारे का पता लगाने के लिए दृढसंकल्प थी। जबकि कातिल था कि एक के बाद एक लाशें बिछाता जा रहा था।
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अगर आप इनमें से कोई भी एक किताब मँगाते हैं तो आपको उसके लिए मात्र विक्रय कीमत 179/- रूपये ही देना होगा और किताब आपको मुफ्त डिलीवर की जाएगी।
अगर आप पूरा सेट यानी तीनों किताबें मँगाते हैं तो आपको 537/- विक्रय कीमत की किताबों के लिए मात्र 499/- रूपये ही देना होगा और किताब आपको मुफ्त डिलीवर की जाएगी।
नोट: यह मूल्य 30 जून 2021 तक ही मान्य होंगे। किताब पाठकों को 7 जुलाई 2021 से भेजनी शुरू की जाएगी।
आप अपना आर्डर 9310599506 पर पेटीएम के माध्यम से भी कर सकते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए आप 9310599506 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
यह एक अच्छा समाचार है।
जी सही कहा… संतोष पाठक के प्रशंसको को किंडल रिलीज़ के बाद ही इनका इन्तजार था। उम्मीद है उनका इन्तजार खत्म होगा।