दशहरा के पावन पर्व पर नीलम जासूस कार्यालय के सी ई ओ सुबोध भारतीय द्वारा फेसबुक लाइव के माध्यम से पाठकों के लिए कई घोषणाएँ की गयी।
नीलम जासूस कार्यालय सुबोध भारतीय के पिता सत्यपाल वार्ष्णेय द्वारा स्थापित किया था जिसे आगे चलकर उन्हे किन्हीं कारणों से बंद करना पड़ा था। अब सुबोध भारतीय द्वारा इस प्रकाशन को दोबारा शुरू किया गया है। अब तक वह इस प्रकाश के माध्यम से 65 पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं। वहीं उन्होंने साथ में एक इम्प्रिन्ट सत्यबोध प्रकाशन की शुरुआत भी की है जहाँ से वह गंभीर साहित्य की पुस्तकें प्रकाशित कर रहे हैं।
नीलम जासूस कार्यालय ने प्रकाशन की दुनिया में अपनी वापसी जनप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा और वेद प्रकाश काम्बोज की रचनाओं के पुनः प्रकाशन से की थी। परंतु अब वह पाठकों के लिया काफी कुछ नई योजनाएँ लेकर आए हैं। अपनी इन्हीं योजनाओं के विषय में उन्होंने इस फेसबुक लाइव के माध्यम से बताया।
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तस्वीर फेसबुक लाइव से साभार |
लाइव में सुबोध भारतीय द्वारा बताया गया कि उन्होंने अपनी कंपनी नीलम जासूस को ट्रेडमार्क के रूप में आरक्षित कर दिया। अब नीलम जासूस के नाम से कोई अन्य व्यक्ति अपना संथान नहीं चला पाएगा। उन्होंने ये भी बताया कि जनवरी 2022 में प्रगति मैदान में होने वाले विश्वपुस्तक मेले में नीलम जासूस कार्यालय भाग लेने वाला है। पुस्तक मेले को ध्यान में रखकर उन्होंने यह निर्धारित किया है कि तब तक प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का आँकड़ा 100 तक ले जाएंगे। ताकि पाठक स्टॉल पर जब आए तब वह 100 पुस्तकों में से अपनी पसंदीदा पुस्तकों का चुनाव कर सके।
कुछ वक्त पहले नीलम जासूस कार्यालय द्वारा अपनी नई पत्रिका तहकीकात की घोषणा भी की गयी थी। अपनी इस पत्रिका के विषय में सुबोध भारतीय द्वारा बताया गया कि पाठकों का इस पत्रिका के प्रति रीस्पान्स (प्रतिक्रिया) अच्छा रहा है। उन्होंने बताया कि लगभग 15 लोगों ने पत्रिका की घोषणा के बाद पत्रिका की सदस्यता ले ली है। उन्होंने आगे बताया कि तहकीकात एक द्विमासिक पत्रिका होगी जिसमें कहानियाँ, शेरो शायरी और लेख भी प्रकाशित किये जाएंगे।
अब तक नीलम जासूस कार्यालय केवल पिछली पीढ़ी के लेखकों की पुस्तकों का पुनः प्रकाशन ही करता आ रहा था लेकिन अब नीलम जासूस कार्यायल नवीन लेखकों को भी प्रकाशित करने के लिए तत्पर है। सुबोध भारतीय ने इस लाइव में नवीन लेखकों को नीलम जासूस कार्यालय के साथ संपर्क स्थापित कर नीलम जासूस परिवार का हिस्सा बनने का भी बात कही। उन्होंने आगे बताया कि अगर नीलम जासूस का संपादक विभाग को पुस्तक पसंद आती है तो पुस्तक का सभी खर्च प्रकाशन ही उठाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि नई पीढ़ी को ध्यान में रखकर वह नीलम जासूस नाम के किरदार को लेकर आ रहे हैं। सुबोध भारतीय का कहना था कि चूँकि पुनः प्रकाशित उपन्यासों के कथानक आज के वक्त के लिए नहीं तो कई बार नई पीढ़ी के पाठकों उनसे जुड़ाव महसूस नहीं कर पाते हैं। ऐसे में एक नवीन किरदार और नवीन कथानकों की जरूरत है जिससे नए पाठक भी अपनत्व महसूस कर सके। इसी सोच के चलते वह नीलम जासूस नाम की किरदार को पाठकों के समक्ष लेकर आ रहे हैं। नीलम जासूस जैसे कि नाम से साफ है एक जासूसी किरदार होगी जिसके कथानक समसामयिक घटनाओं पर आधारित होंगे तथा इसमें तहकीकात की आधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल दर्शाया जाएगा। फिलहाल प्रकाशन इस शृंखला के पहले उपन्यास पर कार्य कर रहा है। सुबोध ने यह तो नहीं बताया कि नीलम जासूस का यह पहला कथानक कौन सा लेखक लिखेगा परन्तु उन्होंने यह बताया कि यह लेखक पहले काफी प्रकाशनों के लिए भूत लेखन कर चुके हैं और हाल फिलहाल में उनके द्वारा लिखे गए उपन्यास उनके नाम से प्रकाशित होने लगे हैं। नीलम जासूस शृंखला का पहला उपन्यास नये साल तक पाठकों के समक्ष लाने की उनकी योजना है।
अपने लाइव का समापन उन्होंने ज्यादा से ज्यादा पाठकों को नीलम जासूस परिवार से जोड़ने की गुजारिश से किया।
इस लाइव विडिओ को आप निम्न लिंक पर जाकर देख सकते हैं:
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