उपन्यास 23 मार्च से 24 मार्च के बीच पढ़ा गया
संस्करण विवरण:
फॉरमैट : पेपरबैक
पृष्ठ संख्या: 114
प्रकाशक: राजा पॉकेट बुक्स
सीरीज: विमल #1
पहला वाक्य:
बारिश कब की थम चुकी थी, लेकिन मैंने अपनी प्लास्टिक की बरसाती उतारने का उपक्रम नहीं किया था।
विमल कुमार खन्ना विक्टोरिया टर्मिनस में बैठा में इस जद्दोजहत में मशगूल था कि क्या उसे खाने के लिए अपराध का सहारा लेना पड़ेगा। उसकी हालत दो दिन से न खाये होने के कारण बेहद खराब थी और ये अब तक उसका ईमान ही था जो उसे अपराध करने से रोक रहा था।
क्या जिस गुनाह की दुनिया से वो बचना चाहता है उसे उसी में दाखिल होना पड़ेगा और खेलना होगा ये मौत का खेल?
मौत का खेल विमल सीरीज का पहला उपन्यास है। विमल जिसके विषय में कहा गया है ‘न भूतो न भविष्यति’ लेकिन इस उपन्यास में अभी विमल ने गुनाह की दुनिया में कदम नहीं रखा है।
उपन्यास का कथानक मुझे तो औसत से थोड़ा बेहतर लगा।उपन्यास एक थ्रिलर है और पाठक की रूचि उपन्यास के कथानक में बनी रहती है।
उपन्यास एक बार पढ़ा जा सकता है। लेकिन अगर आपने उपन्यास नहीं भी पढ़ा है तो भी ज्यादा फर्क नहीं पढ़ेगा। अगर आप विमल के फेन हो तो आपने इस उपन्यास को नही पढ़ा है तो आप इस उपन्यास को उसके पहले किस्से के लिए पढ़ सकते हैं।
क्या आपने इस उपन्यास को पढ़ा है? अगर हाँ तो आपको यह कैसा लगा?अगर नहीं तो आप उपन्यास को निम्न लिंक से मँगवा सकते हैं।या फिर आप अपने फोन में डेली हंट नामक एप्प के माध्यम से भी इस उपन्यास को पढ़ सकते हैं।
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