अंग्रेजी में प्रकाशित साहित्य के लिए दिए जाने वाले पुरस्कार जे सी बी प्राइज़ फॉर लिट्रेचर के लिए वर्ष 2024 की लॉंग लिस्ट जारी कर दी गयी है। यह लॉंग लिस्ट 6 सितंबर 2024 को जारी की गयी।
इस लॉंग लिस्ट में 10 उपन्यास शामिल किए गए हैं। इन उपन्यासों का चुनाव एक चयन समिति द्वारा किया गया था जिसकी अध्यक्षता कवि लेखक और अनुवादक जेरी पिंटो द्वारा की गयी थी। चयन समिति में लेखक, अनुवादक त्रिदीप सुहरुद, कला इतिहासकार और क्यूरेटर दीप्ति ससीधरन, फिल्मकार और लेखक शौनक सेन और कलाकार एकि थामी शामिल थे।
लॉंग लिस्ट में शामिल दस पुस्तकों में से पाँच मूल रूप से अंग्रेजी में लिखी गयीं थीं और पाँच पुस्तकें बांग्ला, मराठी और तमिल से अंग्रेजी में अनूदित हैं। इस सूची में चार उपन्यास ऐसे भी हैं जो लेखकों के प्रथम उपन्यास हैं। इनमें से दो उपन्यास अंग्रेजी के हैं और दो अंग्रेजी में अनूदित हूए हैं।
वर्ष 2024 के जे सी बी प्राइज़ फॉर लिट्रेचर की लॉंग लिस्ट में शामिल पुस्तकें निम्न हैं:
- क्रॉनिकल ऑफ़ एन ऑवर एंड ए हाफ़ – सहारू नुसैबा कन्ननारी
- सनातन – शरणकुमार लिंबाले , मूल भाषा: मराठी, अनुवादक: पारोमिता सेनगुप्ता
- द वन लेग्ड – साक्यजीत भट्टाचार्य, मूल भाषा: बांग्ला, अनुवादक: रितुपर्णा मुखर्जी
- लॉरेन्ज़ो सर्चेज़ फ़ॉर द मीनिंग ऑफ़ लाइफ़ – उपमन्यु चटर्जी
- मारिया, जस्ट मारिया – संध्या मैरी, मूल भाषा: मलयालम, अनुवादक: जयश्री कालाथिल
- हुरदा – अथर्व पंडित
- लीफ, वाटर एंड फ्लो – अवधूत डोंगरे, मूल भाषा: मराठी, अनुवादक: नदीम ख़ान
- तालाशनामा – इस्माइल दरबेश, मूल भाषा: बांग्ला, अनुवादक: वी. रामास्वामी
- ऑफ मदर्स एंड अदर पेरिशेबल्स – राधिका ओबेरॉय
- द डिस्टेस्ट ऑफ़ द अर्थ – किन्फाम सिंग नॉन्गकिनरिह
बताते चले इस लॉंग लिस्ट का चुनाव 16 राज्यों और सात भाषाओं से अंग्रेजी में अनूदित पुस्तकों के बीच में से किया गया था। अब शॉर्ट लिस्ट की घोषणा 23 अक्टूबर 2024 में की जाएगी और विजेता की घोषणा 23 नवंबर 2024 में की जाएगी।
जे सी बी पुरस्कार
वर्ष 2018 से शुरू हुआ जे सी बी प्राइज़ फॉर लिटरेचर हर वर्ष भारतीय लेखक द्वारा लिखी गयी एक उत्कृष्ट रचना को दिया जाता है। इस पुरस्कार के लिये अंग्रेजी में लिखी गयी या अंग्रेजी में अनूदित रचनाएँ ही मान्य होती हैं।
जे सी बी पुरस्कार के विजेता को 25 लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाती है। वहीं अगर पुरस्कार जीतने वाली पुस्तक एक अनुवाद है तो अनुवादक को अलग से 10 लाख रुपये की इनाम राशि दी जाती है। शॉर्ट लिस्ट में शामिल अन्य पुस्तकों को एक एक लाख रुपये की सम्मान राशि दी जायेगी और अगर शॉर्ट लिस्ट में अनुवाद शमिल है तो अनुवादक को पचास हजार रुपये की सम्मान राशि से सम्मानित किया जाता है।