हॉरर कथाएँ मनुष्य को हमेशा से ही आकर्षित करती रही हैं। आम जीवन में रोमांच का तड़का लगाने वाली इन कहानियों के प्रति मनुष्य हमेशा से आकर्षित होता रहा है। यही कारण है कि जब भी महफ़िल जमती है और रात में आग तापते हुए भूत प्रेत के किस्से हर किसी ने या तो सुने हैं या सुनाएँ हैं। यह सिहरन पैदा करने वाले किस्से एक तरह का रोमांच पैदा करते हैं और व्यक्ति इसी रोमांच की तलाश में हॉरर विधा की पुस्तकों तक भी जाता है।
हिंदी की बात की जाए तो इसमें भी हॉरर विधा की रचनाएँ प्रकाशित होती रही है। वर्ष 2025 में भी काफी रचनाएँ इस विधा में प्रकाशित हुई हैं। उनमें से कुछ रचनाओं की सूची हम आपके समक्ष यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं। बताइए तो आपने इनमें से कितनी पुस्तकों को पढ़ा है???
ट्रीटी ऑफ सायलेंस: भटकती आत्मा की सौदेबाज़ी

‘ट्रीटी ऑफ सायलेंस’ लेखिका इरा टाक का लिखा उपन्यास है। वह मूलतः अपने रोमांटिक उपन्यासों (लव ड्रग, गुस्ताख इश्क, चौबीस, छत्तीस ज़ीरो वन ) के लिए जानी जाती हैं। यह पहली बार है जब उन्होंने हॉरर विधा पर हाथ आजमाया है। उपन्यास प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है।
पुस्तक विवरण:
मीठी एक बड़े मूर्तिकार की बेटी थी, वक़्त की मार के चलते उसका पूरा परिवार तबाह हो जाता है। जब वो हिम्मत हार कर खुदखुशी करने जाती है, तब एक रहस्यमयी औरत उसे बचाती है और वो मीठी से उसकी आवाज़ के बदले सब लौटा देने का वादा करती है। मजबूर मीठी वो सौदा कर लेती है और कम समय में ही सब कुछ चमत्कार की तरह हासिल कर लेती है।
जीवन पटरी पर आ चुका था, मीठी के ज़ख्म भरने लगे थे कि एक दिन मीठी बेख़याली में उस औरत से किया सौदा भूल जाती है और फिर जो होता है, वो कल्पना से भी परे था। कौन थी वो रहस्यमयी औरत, क्या था आवाज़ का सौदा और मीठी के परिवार से उसकी क्या दुश्मनी थी ? जानने के लिए पढ़ें… ट्रीटी ऑफ़ साइलेंस, भटकती आत्मा की सौदेबाज़ी!
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अधूरा

‘अधूरा’ आलोक सिंह खालौरी का लिखा उपन्यास है। यह उपन्यास शब्दगाथा मीडिया पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित किया गया है।
पुस्तक विवरण
कभी-कभी, जाने-अनजाने कुछ ऐसा घटित हो जाता है, जो मृत्यु के बाद भी इंसान को मुक्त नहीं होने देता। यह प्रेम भी हो सकता है, ज़िम्मेदारी भी हो सकती है, बदला भी हो सकता है, लालच भी हो सकता है, या फिर कोई अधूरापन भी। कारण चाहे जो भी हो, परंतु यह इतना शक्तिशाली होता है कि मृत व्यक्ति को भी इस दुनिया से बाँधे रखता है।
ऐसा ही कुछ हुआ था उस रात, जब एक आत्मा अपनी अधूरी इच्छाओं और गहरी पीड़ा के कारण इस दुनिया में ही रुक गयी थी। उसकी उपस्थिति ने हौलनाक हत्याओं के सिलसिले को जन्म दिया। जो भी उस अदृश्य शक्ति को रोकने की कोशिश करता, वही मारा जाता। आलोक सिंह खालौरी की यह कहानी है दृश्य और अदृश्य के बीच हुई एक भयावह जंग की। यह कहानी है अधूरा की, जिसमें एक आत्मा अपनी अधूरी इच्छाओं के साथ इस दुनिया में आतंक का पर्याय बन गई थी।
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अकाल मृत्यु

अकाल मृत्यु लेखक शुभानन्द का लिखा विज्ञान गल्प पारलौकिक गल्प है। यह हॉरर विज्ञान कथा सूरज पॉकेट बुक्स द्वारा प्रकाशित की गयी है।
पुस्तक विवरण
नीता अवस्थी एक भारतीय क्वांटम फिजिसिस्ट थी जिसका बचपन पारलौकिक घटनाओं के प्रभाव में बीता था। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में वैज्ञानिक के पद पर कार्य करते हुए उसे उल्कापिंड से मिले एक अनोखे पदार्थ पर रिसर्च करने का अवसर मिलता है जिसकी मदद से ऐसे अविष्कारों का निर्माण सम्भव था जिनकी अभी तक मात्र परिकल्पना ही की जा सकी थी। किंतु नीता के जीवन को एक बार फिर पारलौकिक घटनाएँ पुरजोर से प्रभावित करना शुरू कर देती हैं जिनका सामना करने के लिए उसे अपने पिछले जन्म के बारे में जानना आवश्यक हो जाता है। तंत्र विद्या में कई सिद्धियाँ प्राप्त कर चुका नीता का मित्र शशांक उसका साथ देता है पर नीता को विश्वास था कि उसके उद्धार के लिए तंत्र के साथ क्वांटम फिजिक्स का एक अनोखा प्रयोग भी आवश्यक था।
क्या था नीता और शशांक के पूर्वजन्म का रहस्य ? कैसे उनकी नियति आपस में जुड़ी हुई थी? क्या नीता शैतानी शक्तियों से खुद को व अपने प्रियजनों को बचा पाएगी?
पारलौकिक घटनाओं पर आधारित एक अनोखी हॉरर-विज्ञान कथा जो मानव जीवन के जन्म जन्मांतर के कर्म, प्रायश्चित, और बलिदान के महत्व पर आधारित है।
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यायावर

‘यायावर’ आलोक सिंह खालौरी का लिखा उपन्यास है। उपन्यास सात दोस्तों की कहानी है। यह उपन्यास शब्दगाथा मीडिया पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित किया गया है।
पुस्तक विवरण
भय और पारलौकिक विषय हमेशा से मानवता के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं। भय में वह शक्ति होती हैं , जो हमारे भीतर छिपे ‘अज्ञात’ के डर को उजागर करती हैं। यह भय , जो अक्सर अँधेरे में छिपा रहता हैं , हमारे मन में गहरे जड़े जमा लेता हैं। पारलौकिक घटनाएँ, जैसे भूतप्रेत , या रहस्यमयी शक्तियाँ, हमारे विश्वासों और तर्कशक्ति को चुनौती तो देती हैं, मगर इन कहानियों में छिपी अज्ञात की दहशत हमे कल्पना की असीमित दुनिया में भी ले जाती है, जहाँ वास्तविकता और फैंटेसी के बीच की दुनिया धुँधली हो जाती हैं। यही कारण हैं कि हॉरर और सुपरनेचुरल कथाएँ न केवल पढ़ी, देखी जा रही हैं बल्कि हमारे मनोविज्ञान पर भी गहरा प्रभाव छोड़ती हैं। प्रस्तुत किताब भी कुछ ऐसी ही घटनाओं में रची-बसी है , जहाँ लेखक ‘काला दर्रा’ नामक स्थान , जहाँ पहुँचकर वापसी लगभग असम्भव हैं ,पर सात दोस्तों को टोली को गलती से पहुँचा देते हैं। लेकिन उस स्थान पर किसी महत्वाकांक्षी व्यक्ति ने सदियों से सोई हुई पारलौकिक शक्ति , एक शैतान को जगा दिया हैं । दहशत , आदम जिजीविषा एवं रोमांच के ताने-बाने में बुनी ये किताब निःसंदेह इस विधा के पाठको को पसंद आएगी।
पुस्तक विवरण: अमेज़न
वो कौन थी: इतिहास के पन्नों में छिपे राज़

‘वो कौन थी: इतिहास के पन्नों में छिपे राज़’ रूपा श्रीकुमार का लिखा उपन्यास है। उपन्यास फिंगरप्रिंट पब्लिशिंग द्वारा प्रकाशित की गयी है। पुस्तक जागरण बेस्ट सेलर लिस्ट का भी हिस्सा रही है।
पुस्तक विवरण:
एक साधारण सा रोमांचक सफर, तब एक खौफनाक मोड़ ले लेता है जब वे एक प्राचीन और गुप्त जगह पर पहुँचते हैं। वहाँ से शुरू होती है अजीब घटनाओं की एक शृंखला—एक अदृश्य साया, एक अनजानी शक्ति, और ऐसा डर जिसे न विज्ञान समझा सकता है और न ही तर्क। क्या यह सब सिर्फ एक मानसिक भ्रम है, या वाकई कोई साया उनका पीछा कर रहा है?
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रूपांतरण

रूपांतरण लेखक चंद्रप्रकाश पांडेय का लिखा उपन्यास है। यह उनका सेटैनिक यूनिवर्स शृंखला का तीसरा उपन्यास है जिसमें पूर्व में ‘मौत के बाद‘ (सेटैनिक यूनिवर्स #1) और महल (सेटैनिक यूनिवर्स #2) प्रकाशित हो चुके हैं। पुस्तक थ्रिल वर्ल्ड द्वारा प्रकाशित की गयी है।
पुस्तक विवरण
उसके जीवन में दहशत की आमद तब हुई, जब तेज़ तूफ़ान वाली एक रात किसी अजनबी ने सदियों पुराने दस्तावेजों के साथ उसके दरवाजे पर दस्तक दी और खुद को लाइकेनथ्रोपी पर रिसर्च कर रहा प्रोफ़ेसर बताते हुए उससे मदद की गुहार लगायी। प्रोफ़ेसर का दावा था कि अगर उसकी खोज मुकम्मल हो जाती है तो पूर्णमासी की रात दरिंदा बनने वाले इंसानों का इलाज सम्भव हो जाएगा मगर न तो उसे और न ही प्रोफ़ेसर को ये अनुमान था कि वह खोज उन खौफ़नाक रहस्यों के खुलने का सबब बन सकती थी, जिनका रहस्य बने रहना ही मानव के लिए हितकारी था।
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बिभूतिभूषण की पारलौकिक कथाएँ: खंड 1

बिभूतिभूषण की परलौकिक कथाएँ: खंड 1 में बांग्ला के प्रसिद्ध लेखक बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय की पंद्रह कहानियाँ संकलित है। मूल बांग्ला से हिंदी में अनुवाद जयदीप शेखर ने किया है। पुस्तक साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गयी है।
पुस्तक विवरण
उनके चारों तरफ बड़े मैदान में जिधर भी नजर जा रही थी, अनगिनत सफेद कंकाल खड़े थे— दूर में, पास में, दाहिनी ओर, बाँयी ओर। बहुत ही पुराने जमाने के जीर्ण कंकाल, बहुतों के हाथों की सारी उँगलियाँ नहीं थीं, बहुतों की हड्डियाँ धूप में जलकर चटक गयी थीं, किसी की खोपड़ी में छेद था, किसी के पैरों की हड्डी मुड़कर टेढ़ी-मेढ़ी हो रही थी। उनके चेहरे भी इधर-उधर थे। खड़े होने की उनकी भंगिमा से जान पड़ रहा था कि किसी ने बहुत सावधानी के साथ इन्हें खड़ा कर रखा है— जैसे ही वह इन्हें छोड़ेगा, हड्डियों के ये जीर्ण-शीर्ण, टेढ़े-मेढ़े, सीलनयुक्त ढाँचे भरभराकर गिरकर हड्डियों के स्तूप में बदल जाएँगे; जबकि वे सजीव भी जान पड़ रहे थे— सभी मानो मेरी पहरेदारी कर रहे थे कि मैं प्राणों के साथ इस श्मशान से न भाग सकूँ। अपने हाथों की हड्डियाँ बढ़ाकर सभी मानो मेरी गर्दन दबोचने की प्रतीक्षा में थे।
-संग्रह में मौजूद कथा ‘तारानाथ तांत्रिक की कहानी’ से
प्रसिद्ध बँगला लेखक बिभूतिभूषण बन्द्योपाध्याय की पंद्रह पारलौकिक कथाओं का संकलन, जिनमें मौजूद हैं शापित वस्तुएँ, भूतहा जगहें, भूत-प्रेत और इनसे जूझते कई किरदार
बिभूतिभूषण की पारलौकिक कथायें खंड 1 में निम्न कहानियाँ संग्रहित हैं:
‘तारानाथ तांत्रिक की कहानी’, ‘विरजा होम में बाधा’, ‘काशी कविराज की कहानी’, ‘भूत बसेरा’, ‘भुतहा पलंग’, ‘अभिशप्त पुकार’, ‘रंकिणी देवी का खड्ग’, ‘पुरातत्व’, ‘बोमाईबुरु का जंगल’, ‘प्रतिमा-रहस्य’, ‘वह काली लड़की’, ‘गोरे सैनिक का मेडल’, ‘आकाश-परी’, ‘बहू-चण्डी का मैदान’, ‘मेघ-मल्हार’
पुस्तक लिंक: साहित्य विमर्श प्रकाशन
मुरांग: नरक का शैतान

मुरांग: नरक का शैतान सबुज हालदार की लिखी भय कथाओं का संकलन है। यह संकलन सूरज पॉकेट बुक्स द्वारा प्रकाशित किया गया है।
पुस्तक विवरण:
‘मुरांग: नरक का शैतान’ में सबुज हालदार की लिखी पाँच भयकथाएँ संकलित हैं। यह भय कथाएँ निम्न हैं:
मुरांग: रांची शहर एक के बाद एक रहस्यमयी हत्याओं से काँप उठा है। न कोई निशान, न कोई हथियार, न कोई कारण—जैसे मौत ने खुद अपना चेहरा छुपा लिया हो। जब रुद्राणी मृत आत्माओं से संपर्क साधने की कोशिश करती है, तो अनजाने में एक भयावह शक्ति से जुड़ जाती है। पुराणों में वर्णित 28 नर्कों में से सबसे भयावह नर्क है—’रौरव’, जहाँ आत्माएँ अपनी सबसे भयानक सजा काटती हैं। कौन खोलना चाहता है रौरव नर्क का द्वार? किसके पास है उस द्वार की चाबी? और… क्या है ‘मुरांग’? जब सब असफल हो जाते हैं, रुद्राणी बुलाती है अपने गुरु भद्राचार्य को। पर क्या वे इसे रोक पाएंगे? या उन्हें सामना करना होगा उस रहस्यमयी शक्ति से, जिसे उनके गुरु शिवानंद ने ‘रूद्र’ कहा था? क्या इंसानियत बच पाएगी?
या पृथ्वी बन जाएगी नर्क का दरबार?
परी: पुणे से दूर एक पहाड़ी मेंटल हॉस्पिटल में शुरू हुआ है मौत का खेल। मरीज कंकाली का दावा है, ‘रक्त चंद्रिमा की रात एक परी आएगी…’ कौन है ये परी? जिसने दस महाविद्याओं की झलक के लिए अपनी आँखें खो दीं, वो कंकाली किससे डरी हुई है? डॉक्टर बनर्जी को जंगल में मिली लड़की कौन है? वो खुद को पागल क्यों कहती है? और मकसूद अली की जान क्यों लेना चाहती है? क्या डॉक्टर बनर्जी इन हत्याओं को रोक पाएंगे? या ये हॉस्पिटल बन जाएगा एक तांत्रिक भयकथा का अखाड़ा?
इच्छाधारी: अग्रवाल साहब की ज़िंदगी में अचानक डर ने दस्तक दी है। पहले नौकरानी ग़ायब हुई… फिर बड़ी बेटी। क्या ये महज़ इत्तेफ़ाक है? या किसी डरावने रहस्य की शुरुआत?
हरित: सुंदरबन के घने जंगलों में एक पिशाच का आगमन… और देखते ही देखते पूरा गाँव तबाह। बौद्ध तंत्र में वर्णित है वन देवता ‘बारस्तुक’ का अभिशाप। क्या वही लौटा है? या कोई और… जो हर जीवन को हरियाली समेत निगल रहा है? कौन है वह पिशाच? और कैसे रुकेगा यह विनाश?
शाकिनी: विक्रम, एक हाईवे हिच हाईकर —आज खुद किसी और का शिकार बन गया है।
एक रहस्यमयी गिरोह ने उसका अपहरण कर लिया है। क्या चाहते हैं ये लोग? क्या विक्रम बच पाएगा?
या बन जाएगा किसी भयानक योजना का हिस्सा?
चोर: कासिम को कलीमुद्दीन शेख के घर चोरी करते हुए पकड़ा गया। गाँववालों ने बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। पर अब वह लौट आया है। इंसाफ के लिए… या बदले के लिए? क्या सच में उसने चोरी की थी? या कोई और छुपा है इस खौफनाक कहानी के पीछे?
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रक्तचक्र: रक्तधाराओं का शाप

रक्तचक्र: रक्तधाराओं का शाप लेखक अभिनव जैन का लिखा हॉरर उपन्यास है। इससे पूर्व नायिका नाम की प्रेम कहानी और प्रतिहारी के रूप में फांतासी शृंखला पाठकों को देने वाले लेखक अब हॉरर में पाठकों के लिए कुछ लाए हैं। पुस्तक फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशंस द्वारा प्रकाशित की गयी है।
पुस्तक विवरण:
एक शापित खंजर… एक जागती आत्मा… और समय से परे चलता एक चक्र। लगभग 2500 वर्ष पहले, एक प्राचीन साम्राज्य में, प्रतिशोध और अहंकार की ज्वाला में सुलगती एक रानी ने अपनी अनियंत्रित महत्वाकांक्षाओं को एक भयावह रूप दे दिया। एक रहस्यमयी, प्राचीन खंजर के माध्यम से उसने उस रक्तचक्र की शुरुआत की, जिसने समस्त संसार को रक्तरंजित कर दिया। समय के साथ उसकी क्रूरता और शक्ति की कहानियाँ किंवदंतियाँ बन गईं, लेकिन वह खंजर और उससे जुड़ा अभिशाप अब भी एक अंधेरे में छिपा, जीवित है। आज, सदियों बाद, चित्रा और उसके मित्र एक रहस्यमयी खंडहर की खोज में अनजाने ही उस खंजर के शापित इतिहास के निकट पहुँच जाते हैं—जिससे जुड़ी है एक राजकुमार की रक्तशपथ, जिसने रानी की आत्मा को युगों से कैद कर रखा है। अब एक बार फिर चक्र सक्रिय हो रहा है। क्या यह रक्तचक्र फिर से संसार को निगलेगा? या इस बार कोई इसे तोड़ पाएगा? यह एक ऐसी कहानी है जो रहस्य, साहस और शाश्वत अंधकार को छूती है—जो समय की सीमाओं से परे आज भी धड़कता है। क्या आप तैयार हैं इस रक्तचक्र में प्रवेश करने के लिए?
पुस्तक लिंक: अमेज़न
घुँघरू

‘घँघरू’ संजीव जायसवाल ‘संजय’ की लिखी पारलौकिक कहानियों का संग्रह है। यह संग्रह फलाईड्रीम्स पब्लिकेशंस द्वारा प्रकाशित की गयी है।
पुस्तक विवरण
घुँघरू अलौकिक रहस्यों और डरावनी सच्चाइयों का ऐसा संग्रह है, जो पाठकों को साधारण जीवन से उठाकर भय और रोमांच की गहराइयों में ले जाता है। लेखक संजीव जायसवाल ‘संजय’ ने हर कहानी में यथार्थ और कल्पना की सीमाओं को तोड़ते हुए पाठकों को सिहरन और रहस्य से भरी एक अनोखी दुनिया में पहुँचाया है। कभी आत्माओं और प्रतिशोध की दास्तान, कभी पायल की झंकार से गूँजता अलौकिक भय, तो कभी प्रेम और त्याग की मार्मिक झलक—हर कथा अपने भीतर एक अनदेखा रहस्य छुपाए हुए है।
यह किताब केवल कहानियों का संग्रह नहीं, बल्कि एक रोमांचक अनुभव है—जहाँ दिल दहलाने वाला डर, रहस्यमयी घटनाएँ और भावनात्मक गहराई, सब एक साथ मिलते हैं। हॉरर और सस्पेंस के शौक़ीन पाठकों के लिए यह संग्रह एक ऐसी यात्रा है, जो अंत तक दिलो-दिमाग़ पर छा जाती है।
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रुठियाई जंक्शन

रुठियाई जंक्शन लेखक गोलू सेन कुम्भराजी द्वारा लिखित उपन्यास है। उपन्यास फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशंस द्वारा प्रकाशित किया गया है।
पुस्तक विवरण:
प्यार, जुदाई और रहस्य से बुनी एक डरावनी प्रेम कथा,जो आपके दिल की धड़कनों को थाम लेगी और रोंगटे खड़े कर देगी।यह कहानी है प्रीत और नवीन की है।दो आत्माओं की, जिनका प्रेम सीमाओं से परे जाकर भी अधूरा रह गया।जब नवीन रहस्यमयी जंगलों में तन्वी की आत्मा को मुक्त करने की खोज में भटक रहा है,तब प्रीत की पुकार धीरे-धीरे खामोशी में विलीन हो रही है…क्या प्रीत की आवाज़ मृत्यु की सीमाएँ लाँघ पाएगी? क्या तन्वी मुक्त होगी या यह रहस्य और भी गहराता चला जाएगा? यह उपन्यास आपको प्रेम, जुदाई और परालौकिक रहस्यों के उस गहरे कुएँ में ले जाएगा,जिसमे झाँकने पर किसी की परछाई तक नहीं दिखती।
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दुर्भागा

दुर्भागा आलोक सिंह खालौरी का लिखा पारलौकिक उपन्यास है। उपन्यास शब्दगाथा मीडिया पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित किया गया है।
पुस्तक विवरण
क्या हो अगर आपकी लिखी हुई कहानी का कोई पात्र साक्षात आपके सामने आ खड़ा हो जाए? और अगर वह पात्र साधारण न होकर महाशक्तिशाली खलनायक हो तो? दुर्भागा इसी भयावह और रोमांचकारी प्रश्न से जन्मा उपन्यास है।
यह कथा पारम्परिक कल्पना और ठोस यथार्थ के बीच की पर्तों को झकझोरती है। लेखक ने अपनी कहानी में एक तांत्रिक खलनायक रचा — अंधकारमय, शक्तिशाली और कथा को दिशा देने वाला। पर धीरे-धीरे वह पात्र कल्पना की दीवारें तोड़कर वास्तविकता में उतर आता है और कहानी का नियंत्रण लेखक के हाथों से छीन लेता है। उसी क्षण बाकी पात्र भी अपनी-अपनी इच्छाओं और स्वभाव के साथ स्वतंत्र हो जाते हैं, और लेखक केवल असहाय दर्शक बनकर यह देखता रहता है कि उसकी गढ़ी दुनिया किस तरह विनाश की ओर बढ़ रही है।
यह उपन्यास केवल अलौकिक घटनाओं का संकलन नहीं है; यह उस गहरे प्रश्न की झलक है जो हर रचनाकार के मन में उठता है — क्या लेखक अपने पात्रों का मालिक है, या पात्र पहले से अपनी नियति लिए चलते हैं? भारतीय तंत्र, रहस्यवाद और रोज़मर्रा की ज़िंदगी की पृष्ठभूमि पर रचित यह कहानी पाठक को रोमांच, भय और दार्शनिक सोच दोनों देती है।
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मोहिनी

‘मोहनी’ लोकेश गुलयानी का लिखा चौथा उपन्यास है। इससे पूर्व वह ‘जे‘ और ‘बोध‘ में हॉरर और फंतासी विधा में वह हाथ आजमा चुका है। अब मोहिनी के माध्यम से वह रहस्य रोमांच में प्रवेश कर रहे हैं। वो आपसे मिलाने ला रहे हैं मोहिनी को जो कि थी एक पिशाचिनी।
पुस्तक विवरण
कितनी बार हमें लगता है कि हमारे हाथों यह काम कैसे हो गया। या यह निर्णय हम कैसे ले बैठे। कौन हमारे सिर पर सवार था, जब हमारे मुँह से वह बात निकली थी। कैसे हमने अपने ह्रदय को अनसुना कर दिया और वह कर डाला जो नहीं करना चाहिए था। जैसे आप ऐसा सोचते हैं वैसा ही उपन्यास के मुख्य पात्र राजा यशोवर्धन का भी सोचना है। जो गए तो थे, वन देवी से वरदान माँगने पर साथ लेकर आए श्राप भी। ऐसा श्राप जिससे मुक्ति सम्भव नहीं थी। समय के साथ वरदान भी फला और श्राप भी। बल्कि दोनों साथ-साथ ही फले यह कहना अधिक उपयुक्त होगा। अम्बुजम किले की प्राचीरों के मध्य बहुत कुछ ऐसा रहस्यमय घटा, जिस पर किसी का कोई वश नहीं था और न ही उसकी व्याख्या संभव थी। अम्बुज राजवंश की वंश बेल ने भी अपना आकार लिया और अपने पाश में राजसिंहासन को ऐसा दबोचा कि राजा यशोवर्धन और रानी ज्योत्सना भी हतप्रभ रह गए। फिर क्या हुआ और क्या नहीं हुआ इसे जानने के लिए अच्छा होगा कि हम राजा यशोवर्धन के साथ मोहना वन की उस यात्रा पर निकलें जहाँ से यह सब शुरू हुआ था।
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तो यह थी हिंदी की कुछ हॉरर/पारलौकिक विधा की रचनाएँ जो वर्ष 2025 में प्रकाशित हुई हैं। अभी दिसम्बर का महीना बाकी है तो उम्मीद है इस माह भी कुछ हॉरर विधा की रचनाएँ प्रकाशित होंगी।
आपने इनमें से कौन सी पुस्तकें पढ़ी हैं? आपको वो कैसी लगी? अपनी राय से हमें अवगत ज़रूर कराइएगा।
क्या हॉरर विधा की कोई ऐसी पुस्तक है जो कि सूची का हिस्सा नहीं बन पायी? अगर हाँ तो टिप्पणी के माध्यम से आप हमें अवगत ज़रूर कराइएगा।
