गजानन रैना साहित्यानुरागी हैं। साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखते रहते हैं। अपने इस लेख में वह उन पुस्तकों के विषय में बता रहे हैं जो उनके अनुसार हर सुधी पाठक के पास होनी चाहिए। आप भी पढ़िये।
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आज बात करते हैं कुछ ऐसी किताबों की, जो हर सुधी पाठक के पास होनी चाहियें।
शुरुआत करते हैं एक अल्पप्रचलित विधा से, यात्रावृत्तांत। ‘वह भी कोई देस है, महाराज’।
वह भी कोई देस है महाराज – अनिल यादव |
पत्रकार कम साहित्यकार अनिल यादव ने उत्तर पूर्व की, अपने एक वरिष्ठ और मलंग साथी के साथ की, यात्रा पर लिखा है और कमाल लिखा है।
ऐसे वृत्तांतों में फोकस आम तौर पर सड़क, सराय, ढाबे, चिड़िया, पेड़, पहाड़ आदि पर होता आया है, लेकिन यहाँ यात्रा या उसके विवरण महत्वपूर्ण नहीं हैं। यहाँ महत्वपूर्ण है अपनी पूरी समझ में यात्री की दृष्टि।
हिन्दी के पास जो चुनिंदा गद्यकार हैं, जो अनिवर्चनीय गद्य की रचना करते हैं, वे हैं निर्मल वर्मा, कृष्ण बलदेव वैद, सुरेन्द्र वर्मा और राजेश जोशी । अब हम पारुल पुखराज की ओर भी उम्मीद भरी निगाहों से देख सकते हैं। पारुल पुखराज, कविता के टूल्स से रचा, विरल गुणवत्ता का गद्य ले कर आई हैं, पुस्तक है, ‘आवाज को आवाज न थी’।
आवाज को आवाज न थी – पारुल पुखराज |
तो राजेश जोशी जी की एक पेंटिंग जैसी पुस्तक उपलब्ध है, ‘किस्सा कोताह’। पढें, आपके एहसासों के आसमान पर यह किसी बदरी की तरह छा जायेगी।
किस्सा कोताह – राजेश जोशी |
कुछ सुंदर अनुवाद आये हैं, जो पढ़ने लायक हैं ।
मैथिली से धूमकेतु रचित ‘मोड़ पर’, बांग्ला से मिहिर सेनगुप्त की ‘विषादवृक्ष’, सुनील गंगोपाध्याय की ‘चिरंतन’, सुचित्र भट्टाचार्य की ‘छिन्नतार’, विमल मित्र की ‘बेगम मेरी विश्वास’ और मराठी से विष्णुराम सखाराम खांडेकर की ‘ययाति’।
मोड़ पर – धूमकेतु |
विषादवृक्ष – मिहिर सेनगुप्ता, अनुवाद: अलका झुनझुनवाला |
छिन्नतार – सुचित्रा भट्टाचार्य, अनुवाद: सुशील गुप्ता |
बेगम मेरी विश्वास – बिमल मित्र |
ययाति – विष्णु सखाराम खांडेकर |
विजयश्री तनवीर ने पहले ही मैच में शतक लगाया है, पढिये, ‘अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार’। ऐसी झरने सी अकुंठ बहती भाषा, संवेदनाओं पर ऐसी पकड़, पाठक को गले से थाम लेने की क्षमता । अद्भुत, विजयश्री!
अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार – विजयश्री तनवीर |
पैट्रिक फ्रेंच की पुस्तक का अनुवाद आया है, ‘आजादी या मौत’ नाम से। यह कृति स्वतंत्रता मिलने के ठीक पहले के कुछ सालों में नेताओं द्वारा की विकट गलतियों और उनके पीछे दिये औघड़ तर्कों की चर्चा करती है।
आजादी और मौत – पैट्रिक फ्रेंच |
एक बहुत महत्वपूर्ण पुस्तक की बात से यह आलेख समाप्त करता हूँ ।
‘असामान्य व्यवहार की मनोगतिकी’ अनिवार्य है, हर उस व्यक्ति के लिए पढना, जो मन की परतों को उघारने में, उन्हें समझने में रुचि रखता हो। लेखक हैं, जे एफ ब्राउन ।
– गजानन रैना
पुस्तकों के लिंक:
वह भी कोई देस है महाराज | आवाज को आवाज न थी | किस्सा कोताह | मोड़ पर | विषादवृक्ष | चिरंतन | छिन्नतार | बेगम मेरी विश्वास | ययाति | अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार | आजादी या मौत | असामान्य व्यवहार की मनोगति
(आपने इनमें से कितनी पुस्तकों को पढ़ा है? वह कौन सी पुस्तकें हैं जो आप समझते हैं कि हर पाठक के पास होनी ही चाहिए। हमें टिप्पणी के माध्यम से अवगत करवाइएगा। )
लेखक परिचय:
गजानन रैना |
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बढ़िया जानकारी…… 👍👍👍👍👍👍
आगे पढ़ने का प्रयास रहेगा….. 🥰🥰🥰🥰🥰🥰
पुस्तकों पढ़कर बताइएगा कि कैसी लगी