कर बुरा हो भला | राज कॉमिक्स | पपिंदर जुनेजा

 संस्करण विवरण:

फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 32 | प्रकाशक: राज कॉमिक्स | शृंखला: बाँकेलाल 

टीम

लेखक: पपिंदर जुनेजाचित्रांकन: बेदी

कहानी 

बाँकेलाल के कारनामों की खबर विशालगढ़ के राजा विक्रम सिंह तक भी पहुँच गई थी। उसकी चर्चा ने  बाँकेलाल के प्रति उनकी उत्सुकता जागृत कर दी थी। यही कारण था कि उन्होंने बाँकेलाल को विशालगढ़ के महल में आने का निमंत्रण अपने मंत्री धर्म सिंह के हाथों भिजवाया था।
अब विशालगढ़ के महल में राजा विक्रम सिंह के सामने बैठे बाँकेलाल के मन में एक नई शरारत कुलबुला रहा थी।
आखिर क्या थी ये नई शरारत?
और बाँकेलाल की इन शरारतों का आखिर क्या नतीजा निकलने वाला था?

मेरे विचार 

‘कर बुरा हो भला’ बाँकेलाल का कॉमिक बुक है। इसकी कहानी वहीं से शुरू होती है जहाँ पर ‘बाँकेलाल का कमाल’ की खत्म हुई थी। इसलिए अगर आपने वो कॉमिक नहीं पढ़ी है तो इसे पढ़ने से पहले वो पढ़ लेंगे तो बेहतर होगा। 
विशालगढ़ पहुँचने पर बाँकेलाल खुद को महाराज विक्रम सिंह के समक्ष पाता है। इस पूरे कॉमिक में वो दो खुराफात करता है। एक खुराफात वो महल के एक मंत्री के खिलाफ करता है और दूसरी विशालगढ़ के खिलाफ।  इन खुराफातों का क्या नतीजा निकलता है और किस तरह जिनका वो बुरा करना चाह रहा था उसका भला होता है यही कॉमिक बुक का कथानक बनता है। 
 
चूँकि कॉमिक बुक में विक्रम सिंह पहली बार आए हैं और बाँकेलाल के लिए अनजान हैं तो उनके बीच अभी उस तरह का रिश्ता नहीं बना है जैसे कि बाद के कॉमिक में बनता है। एक राजा चाहे तो क्या कर सकता है यह कॉमिक में दिखता है। विक्रम सिंह बाद के कॉमिक बुक्स में ज्यादा मजाकिया दिखाई देते हैं लेकिन इधर ऐसा नहीं है। राजाओं वाली बात उनमें दिखती है। 
कॉमिक में हास्य तो कम है लेकिन पाठक बाँकेलाल की खुराफातों के चलते लोगों पर क्या मुसीबतें आती हैं और इससे उनका भला कैसे होते है यह देखने के लिए कॉमिक बुक के पृष्ठ जरूर पलटते चले जाएँगे। 
आर्ट वर्क की बात करूँ तो आर्टवर्क जितेंद्र बेदी जी का है और अगर उनका स्टाइल आपको पसंद आता है तो ये भी आयेगा। मुझे आर्टवर्क अच्छा लगा। 
अंत में यही कहूँगा कि कॉमिक बुक एक बार पढ़ा जा सकता है। अगर आप  बाँकेलाल के शुरुआती कारनामें पढ़ने में रुचि है तो पढ़ सकते हैं। अगर भरपूर हास्य की अपेक्षा के साथ पढ़ेंगे तो निराश होंगे। बिना अपेक्षा के पढ़ेंगे मेरी तरह कहानी का आनंद ले पाएँगे।

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About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर लिखना पसंद है। साहित्य में गहरी रूचि है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

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2 Comments on “कर बुरा हो भला | राज कॉमिक्स | पपिंदर जुनेजा”

  1. उत्सुकता जगाती रोचक प्रस्तुति
    हार्दिक शुभकामनाएं

    1. लेख आपको पसंद आया यह जानकर अच्छा लगा। आभार। नव वर्ष की हार्दिक शुभकमानाएँ।

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