चाचा चौधरी हुए नाममि गंगे प्रोजेक्ट के लकी मैस्कॉट घोषित |
चाचा चौधरी एक ऐसा नाम है जिससे हर कोई परिचित होगा ही होगा। कार्टूनिस्ट प्राण द्वारा रचा गया यह किरदार 90 के दशक में बड़े हुए बच्चों और वयस्कों के दिल में एक अलग स्थान रखता है। कंप्युटर से तेज दिमाग वाले चाचा जी अपने पास आने वाली हर मुसीबत का हल चुटकियों में निकाल लेते थे। उनके साथ उनका कुत्ता रॉकेट और ज्यूपिटर से आया भीमकाय साबू भी रहता था जो कि बाल पाठकों को नित नए रोमांचक सफर पर ले जाया करते थे। चाचा चौधरी के प्रशंसकों के लिए अब एक नई खबर आयी है जिसे सुनकर अपने चाचा के कारण वह गर्व से फूले नहीं समाएंगे।
गंगा नदी का भारतीय संस्कृति में एक अलग स्थान है। गंगा कई लोगों के लिए माँ का दर्जा भी रखती है और चूँकि भारत एक कृषि प्रधान देश है तो वह अपनी जलधाराओं से कृषि में भी योगदान देती है। यही कारण है गंगा को साफ करने के लिए बनाया गया मिशन नमामि गंगे एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और इस पर जोर शोरों से कार्य चल रहा है। गंगा को स्वच्छ रखने के इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए नैशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG), जो कि गंगा की सफाई का कार्यक्रम का किरयान्वन करने के उद्देश से बनायी गयी है, द्वारा अपनी 37 वी मीटिंग में चाचा चौधरी को नाममि गंगे के शुभंकर (मैस्कॉट) घोषित करने का फैसला किया गया है। अब चाचा चौधरी बच्चों को गंगा को साफ करने के लिए प्रेरित करते नजर आएंगे।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) ने चाचा चौधरी के कॉमिक्स, ई-कॉमिक्स और ऐनिमेट वीडियोज़ के वितरण और विकास के लिए डायमंड टून्स (Diamond Toons) के साथ करार किया है। इसका मकसद इन सामग्रियों के माध्यम से बच्चों को गंगा की सफाई के तरीके और इसके महत्व के विषय में जागरूक किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिया समिति द्वारा 2.26 करोड़ का बजट जारी किया गया है। शुरुआत में यह कॉमिक्स हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला में जारी की जाएंगी।
जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार चाचा चौधरी को नाममि गंगा में जोड़ने का निर्णय गंगा और अन्य नदियों के प्रति बच्चों के व्यवहार में बदलाव लाने के उद्देश्य से किया गया है।
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बढ़िया प्रयास खासकर कॉमिक उद्योग के लिए।
जी सही कहा…