‘फिर उगना’ कविता-संग्रह के लिए पार्वती तिर्की को साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार-2025

‘फिर उगना’ कविता-संग्रह के लिए पार्वती तिर्की को साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार-2025

झारखंड के कुडुख आदिवासी समुदाय से आनेवाली कवि पार्वती तिर्की को उनके कविता-संग्रह ‘फिर उगना’ के लिए साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार 2025 से सम्मानित किए जाने की घोषणा हुई है। यह न केवल उनके रचनात्मक योगदान का सम्मान है, बल्कि हिन्दी कविता के निरन्तर समृद्ध होते हुए भूगोल और अनुभव संसार के विस्तार की स्वीकृति भी है।

‘फिर उगना’ कविता-संग्रह के लिए पार्वती तिर्की को साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार-2025 Read More
कहानी: लेखक - प्रेमचंद

कहानी: लेखक – प्रेमचंद

प्रवीण एक लेखक हैं जिन्होंने लेखन पर लगभग अपना सर्वस्व लुटा दिया लेकिन फिर आर्थिक तौर उन्हें कुछ हासिल न हो सका। ऐसे में जब एक शहर के नामी रईस ने उन्हें अपने यहाँ दावत के लिए बुलाया तो उन्हें लगने लगा कि उनका लेखन सफल हुआ है क्योंकि प्रतिष्ठावान लोग उन्हें बुला रहे हैं। उनका सम्मान हो रहा है। पर यह कितना सच था?
आगे जानने के लिए एक बुक जर्नल पर पढ़ें कथासम्राट प्रेमचंद की कहानी ‘लेखक’।

कहानी: लेखक – प्रेमचंद Read More
पुस्तक टिप्पणी: छूने दो आकाश | सुधा आदेश | साहित्य विमर्श प्रकाशन

छूने दो आकाश: नारी संघर्ष और जिजीविषा की प्रेरणादायक कहानियाँ

‘छूने दो आकाश’ में लेखिका सुधा आदेश की चार लम्बी कहानियाँ संकलित हैं। संग्रह साहित्य विमर्श प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है। एक बुक जर्नल पर पढ़ें लेखक संजीव जायसवाल ‘संजय’ की पुस्तक पर लिखी टिप्पणी।

छूने दो आकाश: नारी संघर्ष और जिजीविषा की प्रेरणादायक कहानियाँ Read More
दीपा बस्ती और बानु मुश्ताक़

भारतीय भाषाओं के साहित्य में अनंत संभावनाएँ, अनुवाद को बढ़ावा देने की जरूरत

बानू मुश्ताक़ के कहानी-संग्रह को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया जाना सभी भारतीय भाषाओं के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह गौरवपूर्ण क्षण भारतीय भाषाओं की गहन रचनात्मकता, उनकी वैश्विक संभावनाओं और अनुवाद के माध्यम से उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँचाने की अद्भुत क्षमता पर गंभीरता से विचार करने की ओर ध्यान दिलाता है।

भारतीय भाषाओं के साहित्य में अनंत संभावनाएँ, अनुवाद को बढ़ावा देने की जरूरत Read More
हिंदी कहानी | गदल - रांघेय राघव

कहानी: गदल – रांघेय राघव

गदल के लड़के थे, बहुएँ थीं। एक भरा पूरा परिवार लेकिन वो परिवार को छोड़कर अपने से कम उम्र के आदमी के साथ रहने चली गयी थी। आखिर उसने ये फैसला क्यों किया था?
एक बुक जर्नल पर पढ़ें रांगेय राघव की कहानी ‘गदल’।

कहानी: गदल – रांघेय राघव Read More
लघु-कथा: विजया - जयशंकर प्रसाद

लघु-कथा: विजया – जयशंकर प्रसाद

कमल का सब कुछ लुट चुका था। अब उसके पास बचा था तो केवल एक रुपया। उसने इस एक रूपये का क्या किया? पढ़ें जयशंकर प्रसाद की लिखी यह लघु-कथा ‘विजया’।

लघु-कथा: विजया – जयशंकर प्रसाद Read More
Kisalay Pancholi's Story Collection 'Gate Se Bahar Freud' Launched
हिंदी में बढ़ी गंभीर वैचारिक किताबों की माँग

हिंदी में बढ़ी गंभीर वैचारिक किताबों की माँग

10 फरवरी, 2025 (सोमवार) नई दिल्ली: नौ दिनों तक चले नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला-2025 का रविवार को समापन हुआ। इस वर्ष मेले में पुस्तकप्रेमियों की जबरदस्त भागीदारी देखने को …

हिंदी में बढ़ी गंभीर वैचारिक किताबों की माँग Read More
कहानी: चूड़ीवाली - जयशंकर प्रसाद

कहानी: चूड़ीवाली – जयशंकर प्रसाद

विलासिनी नगर की प्रसिद्ध नर्तकी की कन्या थी। आजकल वो रोज बाबू विजयकृष्ण, जिन्हें लोग सरकार कहते थे, की अट्टालिका पहुँच जाया करती थी। वह चूड़ीवाली बनकर उनके यहाँ जाती और सरकार की पत्नी को चूड़ियाँ पहनाया करती। वह आख़िरकार ऐसा क्यों कर रही थी? जानने के लिए पढ़ें जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘चूड़ीवाली’।

कहानी: चूड़ीवाली – जयशंकर प्रसाद Read More
बगुला भगत - डॉक्टर अंशु जोशी

कहानी: बगुला भगत – डॉ. अंशु जोशी

सुबह की आपा-धापी से सफलतापूर्वक निबट वह अपनी पसंदीदा मसाला चाय लिये सोफे पर आलथी-पालथी मार कर बैठ चुकी थी। बेटा स्कूल के लिये रवाना हो चुका था। पति महोदय …

कहानी: बगुला भगत – डॉ. अंशु जोशी Read More
Book launch of Gautam Chaubey's Novel Chakkajam

आज़ादी के बाद देश-समाज की कशमकश का बारीक चित्रण है ‘चक्का जाम’ उपन्यास 

17 जनवरी, 2025 (शुक्रवार) नई दिल्ली: आज से करीब सत्तर वर्ष पहले के काल में जाकर गौतम चौबे ने जिस तरह ‘चक्का जाम’ उपन्यास की रचना की है, वह किसी …

आज़ादी के बाद देश-समाज की कशमकश का बारीक चित्रण है ‘चक्का जाम’ उपन्यास  Read More
कहानी: नदी का इश्क जिंदा था - दिव्या शर्मा | कहानी संग्रह: कैलंडर पर लटकी तारीखें

कहानी: नदी का इश्क जिंदा था – दिव्या शर्मा

‘नदी का इश्क ज़िंदा था’ लेखिका दिव्या शर्मा की कहानी है। यह कहानी उनके कथा संग्रह ‘कैलंडर पर लटकी तारीखें’ में संकलित है।

कहानी: नदी का इश्क जिंदा था – दिव्या शर्मा Read More