कहानी: जम्बक की डिबिया - सुभद्रा कुमारी चौहान

कहानी: जम्बक की डिबिया – सुभद्रा कुमारी चौहान

प्रोफेसर साहब का कहना था कि एक जम्बक की डिबिया से उन्होंने किसी का खून कर दिया था। उन्होंने ऐसा क्यों कहा था? आखिर किसका खून किया था उन्होंने? पढ़ें सुभद्रा कुमारी चौहान की लिखी कहानी ‘जम्बक की डिबिया’:

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कहानी: हेर-फेर - आचार्य चतुरसेन शास्त्री

कहानी: हेर-फेर – आचार्य चतुरसेन शास्त्री

बसंतलाल और हेमलता एक दूसरे को प्रेम करते थे लेकिन फिर उनकी शादी न हो सकी। अब बारह साल बाद वह दोबारा मिल रहे थे। इस मुलाकात का क्या परिणाम निकला। पढ़ें आचार्य चतुरसेन शास्त्री की कहानी ‘हेर-फेर’:

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दैनिक जागरण बेस्ट सेलर लिस्ट हुई जारी; इन किताबों ने सूची में बनाई जगह

2025 की तीसरी तिमाही की दैनिक जागरण बेस्ट सेलर सूची हुई जारी, इन कविता संग्रह ने बनाई कविता श्रेणी में जगह

दैनिक जागरण द्वारा वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही यानी जुलाई से सितम्बर के बीच सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों की सूची जारी की जा चुकी है। कथा, कथेतर, अनुवाद और कविता श्रेणी में यह सूची जारी की गयी है। अनुवाद श्रेणी में जिन पुस्तकों ने जगह बनाई है वह निम्न हैं:

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कहानी: सुखमय जीवन - चंद्रधर शर्मा गुलेरी

कहानी: सुखमय जीवन – चंद्रधर शर्मा गुलेरी

कहानी का कथावाचक एल एल बी की परीक्षा के परिणाम के देर से आने से परेशान था। अपने को तरो ताज़ा करने के लिए उसने अपनी साइकल से बाहर का चक्कर लगाने की ठानी। आगे क्या हुआ, ये जानने के लिए पढ़ें चंद्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी ‘सुखमय जीवन’।

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दैनिक जागरण बेस्ट सेलर लिस्ट हुई जारी; इन किताबों ने सूची में बनाई जगह

2025 की तीसरी तिमाही की दैनिक जागरण बेस्ट सेलर सूची हुई जारी, इन पुस्तकों ने बनाई कथा श्रेणी में जगह

दैनिक जागरण द्वारा वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही यानी जुलाई से सितम्बर के बीच सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों की सूची जारी की जा चुकी है। कथा, कथेतर, अनुवाद और कविता श्रेणी में यह सूची जारी की गयी है। कथा श्रेणी में जिन पुस्तकों ने जगह बनाई है वह निम्न हैं:

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कहानी: ग्राम - जयशंकर प्रसाद

कहानी: ग्राम – जयशंकर प्रसाद

‘ग्राम’ जयशंकर प्रसाद की वह पहली कहानी है जो कि प्रकाशित हुई थी। यह कहानी ‘इंदु’ पत्रिका में सन् 1912 में प्रकाशित हुई थी। आप भी पढ़ें:

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कहानी: दुनिया का सबसे अनमोल रत्न - प्रेमचंद

कहानी: दुनिया का सबसे अनमोल रत्न – प्रेमचंद

‘दुनिया का सबसे अनमोल रत्न’ प्रेमचंद की लिखी पहली कहानी है। ज़माना पत्रिका में 1907 में नवाबराय नाम से यह प्रकाशित हुई थी। कहानी देशभक्ति की महिमा बताती है। यह उनके ‘सोजे वतन’ नमक संग्रह में संकलित हुआ था जिसे अंग्रेज सरकार ने बैन कर दिया था। आप भी पढ़ें:

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कहानी: कानों में कँगना - राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह

कहानी: कानों में कँगना – राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह

‘कानों में कँगना’ लेखक राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह की लिखी कहानी है। यह कहानी सर्वप्रथम 1912 ई. में ‘कुसमांजलि’ नामक उनके कहानी संग्रह में प्रकाशित हुई थी। इसके बाद यह इंदु पत्रिका में 1913 में प्रकाशित हुई। यह उनकी सबसे चर्चित कहानियों में से एक है। आप भी पढ़ें:

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कथाकार शिवमूर्ति के सम्मान में 'उपलक्ष्य-75' कार्यक्रम आयोजित

कथाकार शिवमूर्ति के सम्मान में हुआ ‘उपलक्ष्य-75’ कार्यक्रम आयोजित

राजकमल प्रकाशन ने 31 अक्टूबर की शाम इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (एनेक्स) में विशेष कार्यक्रम ‘उपलक्ष्य–75’ का आयोजन किया। यह ‘उपलक्ष्य-75’ शृंखला की दूसरी कड़ी थी जो कि इस बार शिवमूर्ति के सम्मान में किया जा रहा था। पढ़ें विस्तृत खबर:

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कहानी: दुलाईवाली - राजेंद्र बाला घोष (बंग महिला)

कहानी: दुलाईवाली – राजेंद्र बाला घोष (बंग महिला)

नवलकिशोर और वंशीधर गहरे मित्र थे। जब नवलकिशोर अपनी नयी नवेली दुल्हन को लेकर आ रहे थे तो उन्होंने वंशीधर को भी अपने साथ चलने को कहा। आगे क्या हुआ? जानने के लिए पढ़ें राजेंद्रबाला घोष (बंग महिला) द्वारा लिखी कहानी दुलाईवाली:

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कहानी: मौसी - भुवनेश्वर

कहानी: मौसी – भुवनेश्वर

लोग समझते थे कि बिब्बो हमेशा से ही अकेली रहती आयी है, लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था। पर अब बिब्बो ने अपने एकाकीपन से समझोता कर लिया था। इतने समय बाद फिर एक बार उसका एकाकीपन टूटने को था। आखिर ऐसा क्या हुआ था? जानने के लिए पढ़ें भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव की कहानी ‘मौसी’।

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लघु-कथा: गालियाँ - चंद्रधर शर्मा गुलेरी

लघु-कथा: गालियाँ – चंद्रधर शर्मा गुलेरी

‘गालियाँ’ लेखक चंद्रधर शर्मा गुलेरी की लिखी लघु-कथा है। लेखक इस लघु-कथा के माध्यम से समाज में फैल रहे व्यभिचार के ऊपर टिप्पणी करते हैं। आप भी पढ़ें:

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