सुरेन्द्र मोहन पाठक, स्रोत: smpathak.com |
जीत सिंह एक ताला चाबी बनाने वाला मामूली आदमी था जिसने प्यार के चलते गुनाह की दुनिया में कदम रखा। उसे प्यार तो नहीं मिला लेकिन अब उसके मुताबिक़ ‘जुर्म की दुनिया उसके लिये ऐसा कम्बल बन चुकी थी जिसे वो छोड़ता था तो भी वो उसे नहीं छोड़ती थी’।
वह मूलतः हिमाचल का रहने वाला है। अपनी प्रेमिका सुष्मिता की जरूरत के चलते उसने गुनाह तो कर लिया था लेकिन उसे सुष्मिता मिल न सकी। एक गुनाह करने के बाद वह गुनाह पर गुनाह करता चला गया और कई डकेतियों में उसने वाल्टबस्टर की भूमिका निभाई है। पहले पहल यह भूमिका उसने सुष्मिता के इश्क के चलते निभाई थी लेकिन बाद में यह भूमिका उससे लोग जबरन निभवाते हैं।
जीत सिंह शृंखला के उपन्यास उसके इन्हीं अपराधों की कहानी कहते हैं। इन अपराधों के करने के दौरान वह किन-किन परिस्थितियों से होकर गुजरता है यह वह दर्शाते हैं।
अक्सर उसकी परेशानियों में उसका दोस्त गाइलो उसका साथ निभाता हुआ दिखाई देता है। गाइलो एक टैक्सी ड्राइवर है जो यदा कदा उसकी मदद करता दिखता है।
उपन्यास का एक महत्वपूर्ण किरदार मिश्री भी है। मिश्री एक सेक्स वर्कर जो दिल ही दिल में जीत सिंह से प्यार करती है। वह भी कई उपन्यासों में उसकी मदद करती दिखती है।
जीत सिंह शृंखला के उपन्यासों में रोमांच का तत्व ज्यादा प्रधान रहते हैं।
जीतसिंह श्रृंखला में अभी तक निम्न उपन्यास आये हैं :
- दस लाख | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- तीस लाख | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- पचास लाख | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- खोटा सिक्का | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- जुर्रत | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- मिडनाइट क्लब | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- कोलाबा कांस्पीरेसी | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- गोवा गलाटा | | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- मुझसे बुरा कौन | | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- मुझसे बुरा कोई नहीं | | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- हीरा फेरी | | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- दुबई गैंग | | पुस्तक लिंक: अमेज़न