‘सिटी ऑफ ईवल २: द जजमेंट डे’ के लेखक दिलशाद अली से एक बातचीत

'सिटी ऑफ ईवल २: द जजमेंट डे' के लेखक दिलशाद अली से एक बातचीत

दिलशाद अली उत्तर प्रदेश के जिला हापुड़ से आते हैं। वह शिक्षक हैं।  अब तक उनकी चार किताबें आ चुकी हैं। उनका नया उपन्यास सिटी ऑफ ईवल:द जजमेंट डे उनके पूर्वप्रकाशित उपन्यास सिटी ऑफ ईविल की कहानी को आगे बढ़ाता है। 

हाल ही में सिटी ऑफ ईवल:द जजमेंट डे शब्दगाथा प्रकाशन से प्रकाशित होकर आया है। इस उपन्यास के प्रकाशन के उपलक्ष्य में उन्होंने एक बुक जर्नल से बातचीत की है। उम्मीद है यह बातचीत आपको पसंद आएगी। 

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प्रश्न: नमस्कार दिलशाद जी, आपकी नवीन पुस्तक के प्रकाशित होने पर् आपको हार्दिक बधाई। सर्वप्रथम पाठकों को पुस्तक के विषय में बताइए।

उत्तर: सबसे पहले विकास नैनवाल जी और सभी पाठकों का शुक्रिया। मेरी नयी नॉवल शब्दगाथा से रीलीज़ हुई है जिसका नाम सिटी ऑफ एविल 2: द जजमेंट डे है। इसका पहला भाग लगभग सन 2021 में आया था और दूसरा भाग लंबे अंतराल के बाद आपके समक्ष उपस्थित हुआ है। 

कहानी की बात करें तो कहानी जॉम्बियों और समय यात्रा के ऊपर है। पहले भाग में एक ट्रेन थी जो एक रहस्यमय स्थान में फँस गई थी। यह जगह ऐसी थी जहाँ  एक प्रकार का वायरस था जो इंसानों को दरिंदा बना देता था। समर उपन्यास का नायक था जो कि इस ट्रेन में किसी तरह से अपने को बचा लेता है। 

दूसरे भाग में अब ये वायरस धीरे धीरे विश्व में फैलना शुरू हो जाता है। इसी बीच समय यात्रा द्वार से समर ट्रेन यात्री को बचाने और वायरस को खत्म करने बीते समय में निकल पड़ता है। लेकिन वह इस बात से अनजान था उसकी छोटी बहन जो केवल सात साल की थी समय द्वार द्वारा करोड़ों वर्ष पूर्व डायनासोर युग में चली जाती है। गुंजन के पिता गुंजन को बचाने  समय द्वार का सहारा लेते हैं लेकिन समय द्वार उन्हे 1500 साल पहले बखुंदा में पहुँचा देते हैं जहाँ से वायरस की कहानी शुरू हुई थी। वहीं एक किरदार है प्रेम जिस पर बुरी शक्ति कब्जा कर लेती है और समय द्वार को नष्ट करा देती है। यह कहानियाँ पैरलेली चल रही हैं। इन किरदारों का आखिर क्या होगा यही उपन्यास का कथानक बनता है। आपको इसमें हर मसाला मिलेगा। इसे आने में इतना समय लग गया क्योंकि मैं इस पर लगातार कार्य कर रहा था। अब मेहनत तो कर दी है यह कहाँ तक सफल रही, पाठक पढ़कर निर्णय लेंगे।

प्रश्न: सिटी ऑफ ईवल शृंखला लिखने का ख्याल आपको कैसे आया? क्या कोई विशेष घटना जिसने इस उपन्यास का बीज आपके दिमाग में बोया?

उत्तर: मैं एक नॉवल लिख रहा था जो एक प्रेम कथा थी। उस वक़्त लेखक के तौर पर मेरा अनुभव लगभग जीरो था। उसी दौरान फ्लाइड्रीम्स के संपर्क में आया और जाना कि नए लेखकों की लिखी प्रेम कथाएँ इतनी सफल नहीं होती हैं। अधिकतर प्रकाशक भी इस तरह की नॉवल प्रकाशित करने से परहेज करते हैं। क्योंकि ज़्यादातर पाठक मर्डर मिस्ट्री और जासूसी नॉवल ही पढ़ना पसंद कर रहे थे और शायद कर रहे हैं। तब मैंने प्रेम कथा को दरकिनार किया और सोचा अगर कुछ अलग ही करना है तो मार्केट से अलग ही कुछ लाना होगा। काफी सर्च किया। मुझे शुरू से ही हॉलीवुड मूवी का शौक रहा है। काफी जानकारी निकालने पर इस नतीजे पर पहुंचा कि भारतीय लेखन में जॉम्बी  पर नॉवल नही लिखी गयी है। यहाँ तक कि बॉलीवुड में भी इस टॉपिक पर ज्यादा फिल्म नहीं है। ऐसे में मैंने इस टॉपिक को चुनने का फैसला कर लिया। इसके अलावा एक और घटना हुई थी जिसने इस उपन्यास के ट्रीटमेंट में फर्क डाला। एक दिन हम दोस्तों में सबसे भयानक फिल्मों की बात छिड़ गई। तब वीभत्स मूवी में सॉ और एविल डेड का नाम आया। मैंने सोचा अगर मुझे भीड़ से अलग कुछ करना है तो कुछ ऐसा करना होगा जो हमेशा ही याद रहे। तब जॉम्बियों पर मैंने यह नॉवल लिखा और इसमे जिस प्रकार के वीभत्स दृश्य हैं सच मानिए जब दोस्तों ने पढ़ा तो वो बोले, सचमुच दिलशाद तूने तो होलीवुड को भी फ़ेल कर दिया। यकीन मानिए, जिस किसी ने भी यह नॉवल पढ़ा है वो कभी भी नही भूलेगा।

प्रश्न: यह पुस्तक सिटी ऑफ ईवल शृंखला का दूसरा भाग है। क्या इसे पढ़ने के लिए पहले भाग को पढ़ा होना जरूरी है या इसे एकल उपन्यास के रूप में भी पढ़ा जा सकता है।

उत्तर: वैसे तो यह नॉवल सिटि ऑफ एविल श्रंखला का दूसरा भाग है किन्तु आप इसे पहले भाग को पढ़े बिना भी अगर पढ़ रहे हैं तो कहानी समझने में कोई दिक्कत नही आएगी। बेहद ही आसानी से आप कहानी से कनेक्ट हो जाओगे।

प्रश्न: सिटी ऑफ ईविल लिखते समय क्या पहले से ही आपका दो भागों में लिखने का प्लान था? या ये लिखते हुए ही बना?

उत्तर: वैसे तो सिटि ऑफ एविल जब मैंने लिखना शुरू किया था तब मेरा इरादा इसके चार भाग लाने का था किन्तु जब मेरा पहला भाग प्रकाशित हुआ और उसके बाद दूसरे भाग के प्रकाशित होने में लगभग 2 साल लग गए तो मैंने अधिक पार्ट को लाने का विचार त्याग दिया। क्योंकि अधिक समय होने के कारण पाठक कहानी से कनेक्ट नही हो पाते। भाग 2 सम्पूर्ण कहानी है और इसी में समाप्त है।


प्रश्न: क्या इस  भाग के साथ ये शृंखला खत्म हो गई है या इसके बाद भी कोई भाग आना बाकी है। 

उत्तर: इस भाग के साथ यह श्रंखला समाप्त हो चुकी है किन्तु पाठकों की माँग अगर हुई तो श्रंखला को आगे बढ़ाया जा सकता है। क्योंकि इसके पात्र काफी चर्चित होने वाले हैं। इस नॉवल में सब कुछ है। जिस कारण यह हर वर्ग के पाठकों को पसंद आने वाला है।

प्रश्न: अच्छा, सिटी ऑफ ईवल 1 में कौन सा किरदार कौन सा किरदार आपको पसंद था और कौन सा किरदार आपको नापसंद था?

उत्तर: पहले भाग में लगभग सभी मेरे फेवरेट रहे। और नापसंद की बात की जाये तो वायरस से इन्फेक्टिड लोग थे जो मासूमों को मार रहे थे।

प्रश्न: सिटी ऑफ ईवल 2 में ऐसा कौन सा किरदार है जो आपको पसंद है और ऐसा कौन सा है जो आपको पसंद  नहीं है?

उत्तर: दूसरे भाग में भी सभी पात्र मेरे फेवरेट हैं किन्तु इस नॉवेल में गुंजन नाम की एक लड़की है जो 7 साल की है और वह इस नॉवेल की जान है। वह किरदार मुझे बहुत पसंद है। नापसंद की बात की जाये तो वह मैं पाठकों पर छोड़ता हूँ। अब पाठक बताएँ कौनसा किरदार आपको पसंद आया और कौन नापसंद।

प्रश्न: इस भाग का कौन सा हिस्सा या प्रसंग ऐसा था जिसे लिखने में आपको परेशानी हुई? वह परेशानी क्या थी और आप उससे कैसे उभरे?

उत्तर: वैसे तो इस नॉवेल की कहानी वायरस से शुरू हुई थी किन्तु इसका मुख्य प्लॉट पॉइंट समय यात्रा से जुड़ा है। इसकी कहानी तब शुरू होती है जब पृथ्वी पर जीवन नही था। डायनासॉर युग था। एक अन्य ग्रह सृष्टि पर अपना कब्जा करना चाहता था।  वह पृथ्वी को अन्य ग्रह से टकरा देता है जिससे डायनासॉरों  का अंत हो जाता है। और फिर कहानी शुरू होती है वर्तमान से जो जुड़ती है कई समय कालों से। यह अलग अलग समय कालों को कहानी से जोड़ना मेरे लिए कठिन था और इसे लिखने में मेरा दिमाग चकरा गया था। सच जानिए एक समय ऐसा भी आया था जब लगा मुझे अब इस कहानी को सरल बना देना चाहिए। किन्तु अपने सपने को साकार करना था तो मैंने भी ठान लिया जो होगा देखा जाएगा। लंबा ब्रेक लिया और फिर शुरू किया और आखिर में मैंने इसे पूरा किया।

प्रश्न: आपके इस उपन्यास में जैसे आपने बताया कि डायनासॉर युग भी दर्शाया है। इस युग को दर्शाने के लिए क्या आपने रिसर्च की थी? अगर हाँ तो यह रिसर्च कैसे की थी और किन किन बातों का आपने ध्यान रखा था।

उत्तर: अत्यधिक तो नहीं पर हाँ, कहानी की माँग के अनुसार रिसर्च जरूरी थी। इसके लिए नेट का सहारा लिया था और कोशिश की थी जितनी अच्छी तरह से उस दुनिया को दिखा सकूँ उतना बेहतर होगा। 


प्रश्न: अच्छा क्या आप रोज लिखते हैं? आपके लिखने का रूटीन क्या होता है?

उत्तर: विकास जी, आज की भाग दौड़ वाली ज़िंदगी में बहुत से काम हैं जिसके कारण रोजाना लिखना संभव नही हो पा रहा है। कभी कभी तो लंबा समय हो जाता है लिखे हुए। हाँ, आने वाले समय में सोचा है हर दिन चाहे एक लाइन क्यों न लिखूँ लेकिन लिखूँ रोजाना।

प्रश्न: फिलहाल आप कौन से प्रोजेक्ट्स पर् कार्य कर रहे हैं? 

उत्तर: विकास जी, मैं दो प्रोजेक्ट पर काम कर रहा हूँ। फिलहाल तो अभी नाम कनफर्म नहीं है। पहला इंस्पायर्ड कहानी से है जो एक फ्रिज के इर्द-गिर्द घूमती है। दूसरा एक रिपोर्टर के ऊपर है। जिसमे आपको एक रिपोर्टर सुपर हीरो के रूप में मिलेगा।

प्रश्न: आखिर में आप पाठकों से क्या कहना चाहेंगे? सिटी ऑफ ईवल एक पाठक को क्यों पढ़नी चाहिए?

उत्तर: विकास जी, मैं अपने सभी शुभचिंतक और प्यारे पाठकों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ। उनका भरपूर प्यार मुझे मिला है और इसके लिए मैं उनका आभारी हूँ। अगर आपको जॉम्बी और समय यात्रा का तड़का पसंद है तो आप एक बार मेरे उपन्यास को मौका दे सकते हैं। यहाँ वायरस के चपेट में आये जॉम्बी बने लोग हैं, नायक है जिसके पास ट्रेन और उसके यात्रियों को बचाने का आखिरी मौका है। तीन में से दो मौके वह पहले ही गँवा चुका है। डायनासॉरों का युग है वहीं ऐसे परग्रही भी हैं जो धरती को नष्ट करने का सपना देखते हैं। 

इस उपन्यास में आपको कई जॉनर मिलेंगे। आप पढ़िये और बताइये मैं अपने प्रयास में कितना सफल रहा। आपके विचारों का मुझे इंतजार रहेगा। एक बार पुनः विकास जी आपका और पाठकों का दिल से शुक्रिया।

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तो यह थी दिलशाद अली से हमारी बातचीत। उम्मीद है आपको यह पसंद आई हुई होगी। अपने विचार आप टिप्पणियों के माध्यम से हमसे साझा कर सकते हैं। 

सिटी ऑफ ईवल 2: द जजमेंट डे 

बखुन्दा के लिए निकली बुलेट ट्रेन जा पहुँची उस मनहूस जगह जहाँ फैला था मौत का वायरस, जो तेजी से फैलता हुआ मानवता को समाप्त कर रहा था। समय द्वार से होते हुए समर का भाई प्रेम उसे पुनः ट्रेन को बचाने के लिए भेज देता है गुजरे अतीत में। किन्तु प्रेम क्या जानता था कि दूसरे आयाम में खुलने वाला समय द्वार उसकी सात साल की बहन को अनंत समय में भेज देगा। उसके पिता गुंजन को खोजने के लिए पहुँच जाते हैं 1500 साल पहले बखुन्दा के अतीत में। इसी बीच एक अन्य प्लेनेट पर मौजूद मानवता के दुश्मन प्रेम पर बुरी शक्तियों को हावी कर देते हैं और समय द्वार को नष्ट करा देते हैं। 

क्या समर ट्रेन को और वायरस को फैलने से बचा सका या फिर वह गुजरे अतीत में ही अतीत बन गया? 

क्या होगा दिव्या का? 

क्या रहस्य था बखुन्दा का? 

क्या अमन गुंजन को ढूँढ़ सका? 

क्या वह वापस आ सका या वह भी बखुन्दा के रहस्य का एक हिस्सा बन गया? 

गुंजन का करोड़ों वर्ष गुजरे अतीत में जाने का क्या कारण था? क्या गुंजन वापस आ सकी या फिर उसी युग में उसका अंत होगा? 

प्रेम पर किस शक्ति ने अधिकार कर लिया था और उसके द्वारा क्यों समय द्वार को नष्ट किया गया? 

क्या पृथ्वी नष्ट हो सकी? 

सबसे बड़ा सवाल अगर समर, अमन, गुंजन वहाँ से बच सके, तो वापस कैसे आए? क्योंकि समय द्वार तो प्रेम नष्ट कर चुका था!

पुस्तक लिंक: अमेज़न | सिटी ऑफ ईवल 

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About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर लिखना पसंद है। साहित्य में गहरी रूचि है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

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4 Comments on “‘सिटी ऑफ ईवल २: द जजमेंट डे’ के लेखक दिलशाद अली से एक बातचीत”

  1. शुक्रिया विकास सर, साक्षात्कार और ब्लॉग पर जगह देने के लिए

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