संस्करण विवरण:
फॉर्मेट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 118 | प्रकाशक: मंजुल प्रकाशन | अनुवादक: डॉ सुधीर दीक्षित, रजनी दीक्षित
| शृंखला: सीक्रेट 7 #3
मीटिंग में इसी के ऊपर चर्चा चल रही थी जब पैम और कॉलिन ने एक शानदार जगह सुझाई।
गर्मियों में यह जगह एकदम उपयुक्त थी। सभी खुश थे। अब उन्हें चाहिए था तो सिर्फ एक केस, जिसके तह तक वो जा सकें। लेकिन कोई खूफिया मामला मिलने के लक्षण उन्हें दूर दूर तक नहीं दिखाई दे रहे थे।
उन्हें दिखाई दिया तो केवल एक मैला कुचेला लड़का।
उन्हें क्या मालूम था कि यही एक रोमांचक मामले की बुनियाद बनने वाला था।
आखिर सीक्रेट सेवेन की नई गुप्त जगह क्या थी?
आखिर ये लड़का कौन था? वह जंगल में क्या कर रहा था?
आखिर किस मामले में सीक्रेट सेवेन का दखल होने वाला था?
इन्ही सब प्रश्नों का उत्तर आपको इस उपन्यास को पढ़कर मिलेगा।
मुख्य किरदार
पीटर, जेनेट,पैम,कॉलिन,जैक, जॉर्ज और बारबरा – सीक्रेट सेवन
स्कैमपर – पीटर और जेनेट का कुत्ता
जेफ – एक लड़का जो सीक्रेट सेवन को जंगल में मिला था।
मिस्टर टाईजर – जेफ के अंकल के दोस्त
विचार
मैंने एनिड ब्लाइटन का काफी नाम सुना था। बाल साहित्य में विशेषकर रोमांचक साहित्य में उनका काफी बड़ा योगदान है। यही कारण है कि मैंने उनकी कुछ किताबें मंगवाई थी और सोचा उन्हें पढ़ा जाये। मैंने हिन्दी अनुवाद मंगवाए थे तो उन्ही से शुरुआत की।
‘शाबाश सीक्रेट सेवेन’ सीक्रेट सेवेन श्रृंखला की तीसरी किताब है। यह उपन्यास वेल डन, सीक्रेट सेवन का हिंदी अनुवाद है। इसे डॉक्टर सुधीर दीक्षित और रजनी दीक्षित की जोड़ी ने हिंदी में अनूदित किया है।
किरदारों की बात करूँ तो सभी किरदार रोचक हैं। यह पढ़ते हुए मुझे अपना बचपन याद आ गया। मैं पहाड़ों में रहता हूँ तो उधर गर्मियों की छुट्टियाँ कम पड़ती हैं लेकिन सर्दियों की छुट्टियाँ ज्यादा पड़ती हैं। दोनों ही छुट्टियों में हम ऐसे ही काम करते थे। खेलते कूदते थे। हाँ, मामले हमने नहीं सुलझाये थे लेकिन मीटिंग के लिए जगह बनाना, झूले इत्यादि तैयार करना और ऐसे कई काम करते थे। उपन्यास के सभी किरदार जीवंत लगते हैं। उन्हें अपने सामर्थ्य का ज्ञान है। उन्हें पता है कि बड़ो की मदद कब लेनी है। यह उपन्यास को यथार्थ के काफी करीब ले जाता है।
उपन्यास की बात करूँ तो उपन्यास मुझे पसंद आया। यह एक रोमांचक कथानक है। इसमें रहस्य का पुट भी है। जिस तरह से वो लोग रहस्य की जड़ तक पहुँचते हैं वह सब पढ़ते हुए उन पर यकीन करना आसान है। कहीं भी ऐसा कुछ दिखाया नहीं गया है जो कि बच्चों द्वारा करना नामुमकिन हो। कहानी के बीच बीच में शिक्षायें भी दी गई हैं जो कि पढ़ते पढ़ते ही बच्चे सीख जायेंगे। क्योंकि ये बातचीत बच्चे ही कर रहे हैं तो उन्हें ये नहीं लगेगा कि उन्हें लेक्चर दिया जा रहा है।
इधर अनुवाद की भी तारीफ़ बनती है। अनुवाद अच्छा हुआ है और कहीं से भी नहीं लगता है कि आप अनुवाद पढ़ रहे हैं।
उपन्यास मुझे पसंद आया और इस श्रृंखला के दूसरे उपन्यास भी मैं जरूर पढ़ना चाहूँगा।
क्या आपने इस उपन्यास को पढ़ा है? अगर हाँ, तो आप अपने विचारों से मुझे टिपण्णी के माध्यम से बताइयेगा।
पुस्तक लिंक: पेपरबैक