कॉमिक 11 सितम्बर 2020 को पढ़ा गया
प्रकाशक: राज कॉमिक्स
पृष्ठ संख्या: 46
श्रृंखला: विराट 3
विराट 3 |
कहानी:
प्रचण्ड देव ने काल भैरव की मदद किस तरह की?
दुर्जन सिंह – उपसेनापति
सत्यप्रिय – न्याय प्रमुख
विराट – नायक और सुंदरगढ़ का नगर प्रमुख
नटवर – विराट का दोस्त
अंगला-मंगला – प्रचण्ड देव की दास शक्तियाँ
प्रचण्ड देव – काली शक्तियों का स्वामी और सेनापति काल भैरव का गुरु
फकीर बाबा – एक अजनबी फकीर बाबा जो नटवर को सेनापति का पीछा करते हुए मिला था
यशोधरा – न्याय प्रमुक सत्यप्रिय की बेटी
तारा – महारानी की विशेष दासी
मेरे विचार:
विराट 3 की कहानी विराट 2 के अंत से ही शुरू होती जरूर है लेकिन इस कॉमिक को नये पाठकों को ध्यान में रखकर भी लिखा गया है। इस कॉमिक के शुरूआती पाँच पृष्ठों में विराट श्रृंखला के पिछले दो कॉमिक बुक्स की कहानी को संक्षिप्त रूप में समझाया है। इस कारण अगर आपने पहले के दो कॉमिक बुक नहीं भी पढ़े हों तो भी इस कॉमिक की कहानी से तारतम्य बैठने में आपको ज्यादा परेशानी नहीं होगी। हाँ,अगर कहानी का पूरा लुत्फ़ लेना है तो मैं तो यही कहूँगा कि शुरुआत से ही इस कॉमिक को पढ़ा जाए।
विराट 3 पर आयें तो पिछले कॉमिक की ही तरह इस कॉमिक का मूल कथानक भी एक षड्यंत्र है जो कि सेनापति कालभैरव विराट के खिलाफ रचता है। यहाँ बस फर्क ये है कि इस बार वह षड्यंत्र अपने गुरु प्रचण्डदेव की मदद से रचता है। प्रचण्डदेव का किरदार रोचक है। चूँकि वह मायावी शक्तियों का स्वामी है तो उसके आने से अब कहानी में जादू टोना और तिलस्म के तत्व आ चुके हैं। इस कॉमिक में उसकी दास शक्तियाँ अंगला और मंगला है। यह शक्तियाँ यूँ तो दो खूबसूरत स्त्रियों के रूप में रहती हैं लेकिन ये वक्त आने पर किसी की भी शक्ल अख्तियार कर सकती हैं। और तो और अपनी माया से ये हथियार और सैनिकों तक को बनाने में सक्षम हैं। इन दोनों के आने से कहानी में रोमांच बढ़ गया है। इससे पहले पाठकों ने विराट को केवल इनसानी शक्तियों या यति से जूझते हुए देखा है। वह इन मायावी शक्तियों से कैसे जूझता है यह देखना रोचक रहता है।
इसी कॉमिक में पाठक को दुर्जन सिंह, जो कि अब तक एक खलनायक के रूप में ही कहानी में आया है, का मानवीय पहलू देखने को मिलता है। कोई है जिसके प्रति उसके मन में नेह है। अब देखना यह है कि इससे दुर्जन के चरित्र में आगे बदलाव आता है या नहीं और अगर आता है तो इससे किरदारों के समीकरणों में क्या असर पड़ता है?
इन किरदारों के अलावा एक और रोचक किरदार कहानी में दाखिल हुआ है। यह एक अनजान फकीर है जो कि नटवर की मदद करता है। यह कौन है और नटवर इस बाबा से हासिल मदद का इस्तेमाल कैसे करता है यह अभी देखना बाकी है। शायद अगले भाग में इस विषय में कुछ खुलासा हो।
अक्सर जब हम लोग ताकतवर होते हैं तो कई बार हमारे रिश्तेदार या करीबी उस ताकत का गलत प्रयोग करते हैं। कई बार ताकतवर लोग उन्हें रोकना चाहते हैं लेकिन उनके साथ उतना कठोर रवैया नहीं अपना पाते हैं जितना कि ऐसे व्यक्ति के साथ वो अपना सकते हैं जो कि उनका रिश्तेदार या करीबी नहीं है। आज के समय में कई नेताओं के साथ ऐसा होता है। उन्हें मालूम तो होता है कि उनका नजदीकी गलत कर रहा है और वो शायद उन्हें डाँटते भी होंगे लेकिन फिर उन्हें बचाने भी लगते हैं। यह प्रवृत्ति इस कॉमिक के एक किरदार में भी दृष्टिगोचर होती है।
कॉमिक में यह किरदार सुन्दरगढ़ की रानी है। वैसे तो रानी दिल की अच्छी है लेकिन उसके अन्दर एक कमजोरी है जो कि इस बार दिखती है। पहले मुझे लगता था कि वह इन सब बातों से अनजान है लेकिन इस कॉमिक से पता चलता है कि ऐसा नहीं है। जब रानी को पता चलता है कि विराट राज्य की स्त्रियों को उठाने लगा है तो वह उसे डाँटते हुए कहती हैं:
विराट हमें बताते हुए शर्म आ रही है कि तुमने भी हमारे भाई सेनापति कालभैरव की तरह राज्य की अबलाओं को उठाना शुरू कर दिया!
यहाँ ये देखना रोचक है कि रानी जानती हैं उनका भाई गलत व्यक्ति है लेकिन उस गलती के लिए वह उसे ज्यादा कुछ नहीं कहती हैं लेकिन विराट को डाँट रही हैं। रानी खुद गलत नहीं है लेकिन अपने रिश्ते के मोह के आगे कमजोर हैं। असल जिंदगी में भी तो ऐसा होता है लेकिन अक्सर जो ऐसे कार्य करते हैं उन्हें इस रवैये की कीमत चुकानी पड़ती है। देखना है रानी अपनी इस कमजोरी की कीमत किस तरह चुकाती है।
कहानी के अंत में पाठकों के नाम मुकेश खन्ना की एक छोटी सी चिट्ठी भी है। यह चिट्ठी भी रोचक थी।
कहानी वैसे तो मुझे पसंद आई लेकिन एक बात थी जो कि मुझे खटकी थी। कहानी में एक जगह दर्शाया गया है कि अंगला और मंगला माया से सैनिक और घोड़े तक बना लेती हैं लेकिन जब इसी कॉमिक में आगे चलकर उनमें से एक विराट से टकराती हैं तो अपनी माया से ऐसा कोई जीव या सैनिक नहीं बनाती हैं। यह मुझे प्लाट का कमजोर बिंदु लगा। अगर मेरे पास उनकी जैसी ताकत होती और मैं विराट जैसे व्यक्ति से जूझ रहा होता तो ऐसे कई मायावी जीव बना सकता था और विराट को काबू में लाकर अपने षड्यंत्र को आगे बढ़ा सकता था। पर इधर ऐसा होता नहीं है।
ऊपर दी हुई छोटी सी बात को छोड़कर यह कॉमिक बुक शुरुआत से ही आपका मनोरंजन करती है। कहानी में कसावट है और पाठक के रूप में आपकी रूचि कहानी में बनी रहती है। कहानी का अंत ऐसा किया गया है कि चौथा भाग आप पढ़ना चाहेंगे। मैं अभी इतना ही कहूँगा कि अंगला मंगला का सफाया होना अभी बाकी है। विराट इनसे कैसे निजात पाता है यह देखना रोचक रहेगा। कई और प्रश्न हैं जो कॉमिक खत्म करते हुए आपके मन में उमड़ते घुमड़ते हैं तो यह देखना होगा कि किस तरह आगे आने वाले भागों में उनके उत्तर दिए गये हैं।
क्या आपने इस कॉमिक को पढ़ा है? अगर हाँ तो आपको यह कैसी लगी? अपने विचारों से मुझे जरूर अवगत करवाईयेगा।
रेटिंग: 4/5
राज कॉमिक्स
© विकास नैनवाल ‘अंजान’