आज का उद्धरण

मुंशी प्रेमचंद | हिन्दी कोट्स | कर्मभूमि

ज़िन्दगी की वह उम्र जब इनसान को मुहब्बत की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, बचपन है। उस वक्त पौधे को तरी मिल जाए तो ज़िन्दगी भर के लिए उसकी जड़ें मजबूत हो जाती हैं। उस वक्त खुराक न पाकर उसकी ज़िन्दगी ख़ुश्क हो जाती है। 

मुंशी प्रेमचन्द, कर्मभूमि

किताब लिंक: पेपरबैक | किंडल


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About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर लिखना पसंद है। साहित्य में गहरी रूचि है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

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8 Comments on “आज का उद्धरण”

  1. बिलकुल सच ! एक ऐसा सच जिसे हर बालिग़ शख़्स को समझना चाहिए ।

    1. जी सही कहा लेकिन अक्सर इस बात को काफी बार लोग समझ नहीं पाते हैं..

  2. प्रासंगिक और सार्थक सन्देश।

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