देशप्रेम अक्सर एक प्रकार के पागलपन में बदल जाता है, इसलिए इसे शक की निगाह से देखना जरूरी और सही है। देश भक्ति/प्रेम के बहाने अक्सर गरीबों को ही पीसा जाता है.. देशप्रेम और धर्मांधता सत्ताधारियों के हित में ही इस्तेमाल होते आयें, होते रहते हैं।
– कृष्ण बलदेव वैद, अब्र क्या चीज है? हवा क्या है?
बिल्कुल सही।
जी….
वैद जी की बात काफ़ी हद तक सही है । उन्माद में प्रायः तर्क एवं विवेक गौण हो जाते हैं जिसका अनुचित लाभ स्वार्थी तत्व ही उठाते हैं । यह बात बड़े सब्र के साथ और बड़ी बारीकी से ग़ौर करने पर ही पता लगती है । विचार को साझा करने के लिए आभार विकास जी ।
जी आभार…..