साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा उनका नवीन सेट रिलीज कर दिया गया है। उनके पहले सेट में चार किताबें प्रकाशित की गयी हैं जिसमें दो कहानी संग्रह और दो उपन्यास मौजूद हैं। इसके साथ ही साहित्य विमर्श प्रकाशन पाठकों के लिए आकर्षक डिस्काउंट भी लेकर आया है जिसके विषय में हम आपको पोस्ट के अंत में बतायेंगे।
साहित्य विमर्श प्रकाशन के नये सेट की बात करें तो इसमें निम्न किताबें मौजूद हैं:
बात बनेचर – सुनील कुमार ‘सिंक्रेटिक’
बात बनेचर सुनील कुमार सिंक्रेटिक का नवीतनम कहानी संग्रह है। इससे पहले उनका कहानी संग्रह बनकिस्सा भी पाठकों को बहत पसंद आया था। बात बनेचर में भी बनकिस्सा जैसी मिजाज की कुछ और कहानियों को लेखक पाठकों तकलेकर आये हैं।
किताब परिचय:
बात बनेचर वो किताब है कि जब इसका पहला पन्ना खोलो तो ऐसा लगता है मानों जंगल के प्रवेश द्वार पर खड़े हो और पंछियों की, पशुओं की आवाज़ें अंदर बुला रही हों। एक बार इसकी कोई भी कहानी पढ़ने की देर नहीं है कि ख़ुद कहाँ बैठे हैं, कितनी देर से पढ़ रहे हैं, ये भी याद नहीं रहता। इस संग्रह में उनकी 17 कहानियों को संकलित किया गया है।
सुनील कुमार ‘सिंक्रेटिक’ वर्तमान हिन्दी में अपनी विधा के एक मात्र लेखक हैं। सब किस्सा लिखते हैं, ये बन किस्सा। इनकी प्रसिद्धि इंसानी चरित्र के मुताबिक जानवरों को ढूंढकर ऐसी कहानी गढ़ने की है कि जंगल का सामान्य सा किस्सा, कब मनुष्य का जीवन-किस्सा बन जाता है, पता ही नहीं चलता। विजुअल मोड इनकी लेखनी की विशेष शैली है। पढ़ने के साथ कहानी आँखों के सामने घूमने लगती है।
किताब लिंक: अमेज़न | साहित्य विमर्श
इंद्रप्रिया – सुधीर मौर्य
सुधीर मौर्य अपने लिखे एतिहासिक गल्प के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने इससे पहले देवालदेवी, बलि का राज आये, हमीर हठ जैसी किताबें लिखी हैं। इस बार वह ओरछा की राय प्रवीना की कहानी पाठकों के लिए लेकर आये हैं।
किताब परिचय:
इंद्रप्रिया, अपने समय की सर्वाधिक सुन्दर स्त्री, एकनिष्ठा नर्तकी, कुशल कवियत्री, समर्पित प्रेयसी, ओरछा की राय प्रवीना की केवल कथा भर नहीं है, अपितु यह दस्तावेज है, उस वीरांगना का जिसने कामुक शहंशाह अकबर के मुग़ल दरबार में अपनी विद्वता से न केवल अपनी अस्मिता की रक्षा की बल्कि उसने अकबर को पराजित भी किया।
किताब लिंक: अमेज़न | साहित्य विमर्श
छाप तिलक सब छीनी – सुनीता सिंह
छाप तिलक सब छीनी लेखिका सुनीता सिंह का नव प्रकाशित कहानी संग्रह है। इसमें उनकी तेरह कहानियों को संकलित किया गया है।
लेखिका की कहानी ब्याहता आप निम्न लिंक पर जाकर भी पढ़ सकते हैं:
ब्याहता
वह कहानियाँ…
जो स्त्री-मन की अंधेरी गलियों से हो कर गुजरीं, जीवन की आपाधापी में गुम होते-होते रह गईं और मानवीय प्रेम और करूणा के उजालों की तलाश में सतत विचरती रहीं। मानव-मन अपने अनगढ़ स्वरुप में कितना लुभावना हो सकता है, कितना करुणामय…. इस किताब की कहानियों के किरदार, यही छटा बिखेरते हैं। ख़ास कर स्त्री पात्र। पीड़ा में भी अलौकिक सौन्दर्य है। इन कहानियों के आत्मा, इसी सौन्दर्य से गर्वोन्नत है।
संकलन में मौजूद कहानियाँ:
छाप तिलक सब छीनी, अहा! जिंदगी, एक प्रेमपत्र, पिंजरा, बंधन तोड़ो न!, ब्याहता, विजया, वैलेन्टाइंस डे, साथी! हाथ बढ़ाना, सवाल, ट्यूलिप, कीड़े, प्रेम न बाड़ी उपजै
किताब लिंक: अमेज़न | साहित्य विमर्श
एट – राजीव रोशन
एट लेखक राजीव रोशन का पहला उपन्यास है। यह एक अपराध कथा है जिसके केंद्र में एक मकबूल अपराध कथा लेखक रोशन आनन्द है जो सिलसिलेवार हो रही हत्याओं के बीच फँस सा जाता है।
किताब परिचय:
रोशन आनंद, भारत का एक नामचीन अपराध कथा लेखक था, जिसे उलझी हुई कहानियाँ खोजने और लिखने का शौक था। ये शौक कई बार उसे मौत के मुहाने पर लाकर भी खड़ा कर देता था। दिल्ली के थाना क्षेत्र के अधीन घटे ओपन एंड शट केस में ज्यों ही उसने अपनी दखल बनाई, सिलसिलेवार तरीके से हत्याओं का एक दौर-सा चल पड़ा, जिसका रहस्य अंक ‘8’ से सम्बंधित था…
प्रकृति ने अपराध करने का ठेका किसी खास श्रेणी को नहीं दिया और न ही इसे श्रेणीबद्ध किया कि अमुक श्रेणी का इंसान अपराध नहीं कर सकते। लेकिन हम श्रेणियाँ बना ही लेते हैं
किताब लिंक: अमेज़न | साहित्य विमर्श
तो यह थी साहित्य विमर्श से प्रकाशित नई किताबों का सेट। इन किताबों का मूल्य निम्न रखा गया है:
बात बनेचर | मूल्य: 249/- | विक्रय कीमत: 180 /- |
इंद्रप्रिया | मूल्य: 149/- | विक्रय कीमत: 140 /- |
छाप तिलक सब छीनी | मूल्य: 149/- | विक्रय कीमत: 140 /- |
एट | मूल्य: 299/- | विक्रय कीमत: 225 /- |
साहित्य-प्रेमियों के लिए यह अत्यंत सुखद समाचार है। सभी लेखकों तथा प्रकाशन-संस्था को हार्दिक शुभकामनाएं।
जी सही कहा,आभार।