सूरज पॉकेट बुक्स का नवीन सेट हुआ रिलीज

सूरज पॉकेट बुक्स ( Sooraj Pocket Books) द्वारा उनका नवीन सेट रिलीज कर दिया गया है। उनके इस नए सेट में 3 उपन्यासों को पाठकों के लिए लाया जा रहा है। इन उपन्यासों में दो उपन्यास अपराध साहित्य (Crime Fiction) के हैं और एक उपन्यास एक एतिसाहिक समय में रची गई फंतासी (Fantasy) का अंतिम भाग है। 

इस नए सेट में जो उपन्यास रिलीज किए गए हैं वह निम्न हैं:

Sooraj Pocket Books' New Set Released
नवीन सेट के उपन्यास 

7 जुलाई की रात

विकास सी एस झा - 7 जुलाई की रात

सात जुलाई की रात (Saat July Ki Raat) विकास सी एस झा (Vikas C S Jha) द्वारा रचित उपन्यास है। आजकल लोगों के बीच रीऐलिटी शोज के प्रति उत्सुकता रहती ही है। प्रस्तुत उपन्यास की कहानी एक रीऐलिटी शो के इर्द गिर्द ही बुनी गई है। यह उपन्यास चंद्रशेखर त्यागी शृंखला (Chandrashekhar Tyagi Series) का तीसरा उपन्यास है। इससे पूर्व इस शृंखला के उपन्यास जाल (Jaal) और मोहरा (Mohra) भी सूरज पॉकेट बुक्स (Sooraj Pocket Books) द्वारा प्रकाशित किये जा चुके हैं। 

किताब परिचय

‘ड्रीम हाउस’ टेलीविजन की दुनिया का एक बेहद चर्चित रियलिटी शो था जहाँ 7 जुलाई की रात को शो के ग्रैंड फिनाले के दौरान शो की एक कंटेस्टेंट गीता भसीन की लाश ड्रीम हाउस के सेट से महज कुछ दूर पर ही पड़ी मिली थी। लोकल थाने ने लड़की की मौत को आत्महत्या करार दिया था मगर एक बार जब क्राइम ब्रांच ऑफिसर चंद्रशेखर त्यागी के कदम मौका-ए-वारदात पर पड़े तो तफ्तीश ने एक नया ही रुख अख्तियार कर लिया।

आत्महत्या के बेहद साधारण से लगने वाले इस केस ने एक बार तो त्यागी जैसे ऑफिसर को भी हैरान-परेशान कर डाला था। तफ्तीश के दौरान त्यागी के कदम जहां भी पड़े उसका सामना किसी-न-किसी लाश के साथ ही हुआ।

क्या ये वाकई एक आत्महत्या का मामला था या फिर कुछ और ही बात थी ?

एक सिलसिलेवार ढंग से हुई इन चार हत्याओं के पीछे की सच्चाई क्या थी? 

जानने के लिए पढ़िए सी.एस.टी. सीरीज की नई किताब ‘सात जुलाई की रात’। 

पुस्तक विवरण:

प्रकाशक: बुकेमिस्ट | पृष्ठ संख्या: 332 | शृंखला: सीएसटी # 3 | पुस्तक लिंक: अमेज़न | सूरज पॉकेट बुक्स

मिर्जा बेईमान

मिर्जा बेईमान (Mirza Beiman) लेखक शुभानन्द (Shubhanand) का नवीनतम उपन्यास है। इससे पूर्व वह जावेद अमर जॉन शृंखला के उपन्यास ड्रेगनफ्लाई (Dragonfly) को लेकर पाठकों के समक्ष प्रस्तुत हुए थे जिसे पाठकों का भरपूर स्नेह मिला था। अब वह एक पुराने किरदार अभिषेक मिश्रा को वापस पाठकों के समक्ष ला रहे हैं। इससे पूर्व वह इस किरदार को अपने उपन्यास कमीना में लाए थे जो कि जावेद अमर जॉन शृंखला का उपन्यास था। 

किताब परिचय

यमदूत को चकमा देकर मौत के चंगुल से बाहर निकल आया है वह शख्स जिसके शातिर दिमाग और खतरनाक पैंतरों से ड्रग्स के बिजनस में भारी उथल पुथल मची हुई थी।

अभिषेक मिश्रा उर्फ़ मिर्ज़ा एक बार फिर अपने पैरों पर उठ खड़ा हुआ है। वह अब पहले से भी ज्यादा खतरनाक, ताकतवर और महत्वाकांक्षी हो चुका है। उसने ठान लिया है कि इस बार न तो पुलिस और न ही अपने किसी भी दुश्मन को वह खुद पर हावी होने का कोई मौका देगा।

उसका लक्ष्य है अपनी कर्मभूमि सूर्यगढ़ पर एक बार फिर से अपना वर्चस्व स्थापित करना पर यह कोई ऐसा काम नहीं था जिसे सिर्फ पैसे, बाहुबल और राजनीति के बदौलत किया जा सके और इस बात को मिर्ज़ा भी बखूबी जानता था पर वह तैयार था इस चुनौती के लिए।

पल-पल रोंगटे खड़े कर देने वाली थ्रिल, एक्शन और सस्पेंस से भरी एक धमाकेदार कहानी।

पुस्तक विवरण:

प्रकाशक: बुकेमिस्टपृष्ठ संख्या: 252  | पुस्तक लिंक: अमेज़न | सूरज पॉकेट बुक्स


मृत्यु जीवी: विनाश और सृजन

‘मृत्युजीवी: विनाश और सृजन’  (Mrityujeevi: Vinash Aur Srijan) लेखक आकाश पाठक (Aakash Pathak) की सब्यासाची शृंखला (Sabyasachi Series) की तीसरी एवं अंतिम पुस्तक है। सब्यासाची शृंखला मध्यकाल की पृष्ठ भूमि में रची गई फंतासी है जिसके अब तक दो  भाग – स्वयासाची: चाल और युद्ध (Sabyasachi: Chaal aur Yuddh) और अग्निरथी: नियम और दंड (Agnirathi: Niyam Aur Dand) प्रकाशित हो चुके है। अब इस तीसरे उपन्यास में वह इस कथा को समाप्ति की ओर ले जा रहे हैं।  

किताब परिचय

युद्ध के लिए आमने सामने खड़ी हैं दो सेनायें!

कौस्तुभ की सहायता से उत्तराँचल की सेना प्रसान नगर के युद्ध में विजयी हो चुकी है, और अब उनका लक्ष्य है दक्षिणांचल की सेना को पराजित करना। परंतु जिस सेना में आदिपशु को नियंत्रित करने वाला शिखी है और दुर्दांत जल दस्यु हैं, क्या उनपर विजय पाना संभव है?

क्या आत्म संदेह से ग्रसित कौस्तुभ और अपने अतीत के रहस्य में उलझे अरिदमन उत्तराँचल की सहायता कर पायेंगे?

शतबाहु को प्राप्त हो चुकी है एक ऐसी शक्ति जिसने उसे बना दिया है मृत्युजीवी; अब उसे मारना संभव नहीं। वर्षों पूर्व उसने अखंड एकद्वीप का जो स्वप्न देखा था, वह अब पूर्ण होने वाला है।

यह कथा है उस युद्ध की जिसने एकद्वीप के पुनर्स्थापना की नींव रखी।

छल, क्रोध, माया, प्रेम और साहस से भरी अविस्मरणीय गाथा ‘सव्यसाची श्रृंखला’ का तीसरा और अंतिम भाग।

पुस्तक विवरण:

प्रकाशक: बुकेमिस्ट | पृष्ठ संख्या: 324  | शृंखला: सब्यासाची #3पुस्तक लिंक: अमेज़न | सूरज पॉकेट बुक्स


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आप इन उपन्यासों को सूरज पॉकेट बुक्स की साइट से ऊपर दिए गए लिंक पर जाकर ऑर्डर कर सकते हैं।


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