1 दिसंबर 2024,देहरादून: “जो किया ईमानदारी से किया, निष्ठा से किया है, लगन से किया। कभी डंडी नहीं मारी। रुपए का 12 आना नहीं किया। 17 आना किया हो तो हो सकता है। शायद इसी कमिटमेंट का अवॉर्ड मुझे मिला है…” यह शब्द लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक द्वारा क्राइम लिट्रेचर फेस्टिवल में तब कहे गये जब उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा था। यह सम्मान उन्हें अपराध साहित्य में दिए गये उनके विशिष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि तीन पीढ़ी के पाठकों ने उन्हें पढ़ा और सराहा है।
लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक की पहली कहानी 57 साल पुराना आदमी मनोहर कहानियाँ में 1959 में प्रकाशित हुई थी। उनका पहला उपन्यास ‘पुराने गुनाह नए गुनाहगार’, सन 1963 में ‘नीलम जासूस’ नामक पत्रिका में छपा था। इसके पश्चात उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अब तक उन्होंने 300 से ऊपर उपन्यास लिखे हैं। इश्तहारी मुजरिम विमल, इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट सुनील कुमार चक्रवर्ती, फिलोसॉफर डिटेक्टिव सुधीर कोहली, वकील मुकेश माथुर जैसे यादगार किरदारों की उन्होंने अपने उपन्यासों में रचना की है। उनके इन उपन्यासों को उनके पाठकों द्वारा सराहा जाता रहा है और इनके कई संस्करण आये हैं। पैंसठ लाख की डकैती, मवाली, मीना मर्डर केस उनके कुछ प्रसिद्ध उपन्यासों में से एक हैं।
उन्होंने अपनी आत्मकथा भी लिखी है जिसमें उनके लेखकीय और उनके व्यक्तिगत जीवन की झलक उन्होंने अपने पाठकों को दर्शायी है। ‘ना बैरी न कोई बैगाना’, ‘हम नहीं चंगे बुरा न कोय’, ‘निंदक नियरे राखिए’ और ‘पानी कैरा बुदबुदा’ उनकी आत्मकथा के चार खंड हैं। उनकी आत्मकथा का चौथा खंड ‘पानी कैरा बुदबुदा’ साहित्य विमर्श प्रकाशन से इसी वर्ष प्रकाशित किया गया था।
उनके उपन्यासों की बात की जाए तो उनका पिछला उपन्यास दुबई गैंग था जो कि साहित्य विमर्श प्रकाशन से फरवरी 2024 में प्रकाशित किया गया था। उपन्यास को पाठकों ने खूब सराहा था। इससे पूर्व हिंद युग्म से आये उनके उपन्यास ‘पाँच दिन’ को भी पाठकों का भरपूर प्यार मिला था।
बताते चलें क्राइम लिट्रेचर फेस्टिवल 29 नवंबर 2024 से 1 दिसम्बर 2024 के बीच देहरादून में आयोजित किया गया। अपराध साहित्य के प्रशंसकों के लिए आयोजित होने वाले इस महोत्सव का यह दूसरा संस्करण था। इस तीन दिवसीय उत्सव में अपराध, अपराध साहित्य और आपराधिक पृष्ठभूमि वाली वेब शोज के ऊपर कई सेशन अपराध कथा के प्रशंसकों के लिए आयोजित किए गये थे। महोत्सव की शुरुआत 2023 में अपराध साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए हुई है।