मूलतः बिहार से आने वाले विकास सी एस झा फिलहाल मुंबई में रहते हैं। उनका जन्म बिहार के दरभंगा जिला में हुआ था। लेखक के पिता प्रोफेसर चंद्रशेखर झा भागलपुर यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक थे।
लेखक की आरंभिक शिक्षा खगड़िया जिले के गोगरी प्रखण्ड में पूरी हुई। उसके पश्चात उन्होने राजधानी पटना के एन एन कॉलेज से बारहवीं की परीक्षा साइंस से उत्तीर्ण की। अपनी उच्च शिक्षा उन्होंने बी एन मण्डल विश्वविद्यालय के अंतर्गत आते सी एम साइंस कॉलेज से उच्च शिक्षा पूरी की।
शिक्षा पूरी करने के बाद वह नौकरी के सिलसिले में मुंबई चले गए और लगभग 18 वर्षों तक उन्होंने फार्मा और इंश्योरेन्स इंडस्ट्री में काम किया है। अब वह फार्मास्यूटिकल डिस्ट्रीब्यूशन की कंपनी चला रहे हैं।
लेखन की बात करें तो उन्हें यह प्रतिभा विरासत में मिली है। उनके पिता प्रोफेसर सी एस झा एक कवि और शायर रहे हैं वहीं उनकी माता जी श्रीमती मंजू सी एस झा को उपन्यासों, विशेषकर सस्पेंस थ्रिलर उपन्यासों, में हमेशा से ही रुचि रही है। विकास सी एस झा ने लेखन की शुरुआत लंबी कहानियों से की और कातिल कैमरा और द मिस्ट्री ऑफ हाईवे जैसी हॉरर विधा की कहानियाँ लिखीं जो 2020 में किन्डल पर प्रकाशित हुई। इसके पश्चात 2020 में ही बाद लॉक डाउन के अपने अनुभवों को लेकर एक उपन्यास एक उड़ान इन लॉकडाउन लिखा और तब से निरंतर लेखन कार्य कर रहे हैं।
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मुख्य कृतियाँ
- सी एस टी
- अश्विन ग्रोवेर
एकल रचनाएँ
- कातिल कैमरा (अमेज़न)
- द मिस्ट्री ऑफ द हाईवे (अमेज़न)
- एक उड़ान इन लॉकडाउन (अमेज़न)