थ्रिल वर्ल्ड (Thrill World) प्रकाशन द्वारा उनकी नवीन पुस्तकों का प्री ऑर्डर शुरू कर दिया गया है। इस बार थ्रिल वर्ल्ड (Thrill World) प्रकाशक पाठकों के लिए दो उपन्यास लेकर आए हैं। इन दो उपन्यासों में से एक उपन्यास लेखक संतोष पाठक (Santosh Pathak) का है और दूसरा उपन्यास लेखक चन्द्रप्रकाश पाण्डेय (Chandraprakash Pandey) का है। यह उपन्यास निम्न हैं:
द परफेक्ट मर्डर
‘द परफेक्ट मर्डर’ (The Perfect Murder) लेखक संतोष पाठक (Santosh Pathak) की विक्रांत गोखले (Vikrant Gokhale) शृंखला का उपन्यास है। विक्रांत गोखले (Vikrant Gokhale) दिल्ली में रहने वाला प्राइवेट डिटेक्टिव है जिसे लेकर संतोष पाठक (Santosh Pathak) ने अब तक चार से अधिक उपन्यास लिखे हैं। यह इस शृंखला का पाँचवा उपन्यास है।
किताब परिचय
सूर्यकांत संस्कारी हिंदी क्राइम फिक्शन का एकमात्र ऐसा लेखक था, जो करोड़ों में रॉयल्टी वसूलता था। पब्लिशर्स उसे छापने को मरे जाते थे तो प्रोड्यूसर उसकी किताबों के विजुअल राइट्स लेने को बेताब थे।
जैसी मिस्टीरियस किताबें वह लिखता था, वैसे ही रहस्यमयी ढंग से एक रात अपनी जान से हाथ धो बैठा। तब पता चला कि दुनिया भर में लाखों फैंस का धनी सूर्यकांत निजी जीवन में कितना तनहा था।
किसी को परवाह नहीं थी कि उसकी हत्या क्यों हुई, किसने की। उल्टा हर कोई ये जोड़ घटाव करने में व्यस्त था कि संस्कारी की मौत से उसे क्या और कितना फायदा पहुँचा था।
फिर भी किसी की आँखों में उसके लिए आंसू दिखाई दे रहे थे तो वह थी- उसकी सेक्रेटरी नैना सबरवाल, जिसे संस्कारी के हत्यारे का बच निकला कबूल नहीं था।
अपने एम्प्लॉयर की मौत पर दुखी लड़की ने आखिरकार इंवेस्टिगेशन का जिम्मा प्राइवेट डिटेक्टिव विक्रांत गोखले को सौंप दिया। अब ये विक्रांत की जिम्मेदारी थी कि वह सूर्यकांत संस्कारी के हत्यारे को बेनकाब कर के दिखाये।
पुस्तक विवरण
पृष्ठ संख्या: 256 | एमआरपी: 260/- | प्रीऑर्डर मूल्य: 200/-
महल
लेखक चन्द्रप्रकाश पाण्डेय (Chandraprakash Pandey) अपने पारलौकिक रोमांचकथाओं के वजह से पाठकों के बीच जाने जाते हैं। इस बार महल (Mahal) के रूप में वह ऐसे ही पारलौकिक रचना अपने पाठकों के लिए लेकर आ रहे हैं।
किताब परिचय
कामरान हुसैन अव्वल दर्जे का मुसव्विर था लेकिन उसके हुनर पर एक बदनुमा दाग ये था कि कभी-कभी उसके बनाए हुए चित्र किसी की मौत का फरमान बन जाते थे। जिन बदकिस्मत लोगों की शक्लें उसके कैनवास पर नुमाया होती थीं, उनके साथ अगले ही रोज़ से अजीबोगरीब वाकयात होने लगते थे। उन्हें न समझ आने वाली आवाजें सुनाई देने लगती थीं और अृंत में एक काला साया उन्हें लेकर किसी रहस्यमयी महल में चला जाता था।
पुस्तक विवरण
पृष्ठ संख्या: 256 | एमआरपी: 260/- | प्रीऑर्डर मूल्य: 200/-
बहुत सुंदर किताब परिचय।
जी आभार…