आज का उद्धरण

जो कहना है, वह कभी खत्म नहीं होता। छपने पर लगता है छुटकारा मिल गया है, मगर ऐसा होता नहीं। दुबारा लिखने की इच्छा होती है। कोई भी लेखक अपनी …

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आज का उद्धरण

अपने काम में हम वैसी ईमानदारी और आज़ादी से अपनी नज़र और ज़बान और कल्पना का इस्तेमाल नहीं करते जैसे आला अदब के लिए जरूरी समझी जाती है। हमारी ज़बान …

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आज का उद्धरण

ऐसी बहुत सी  बातें होती हैं जो लिखी नहीं जातीं, जिनको लेकर लिखना उचित भी नहीं होता। जिनको लेकर लिखना मनुष्य की रूचि के विरुद्ध है। … जड़ के जिस …

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