समीक्षा: समरसिद्धा - संदीप नैयर

समरसिद्धा – संदीप नैयर

प्रथम वाक्य :‘दामोदर…. ‘युद्धभूमि के प्रचंड शोर, धनुषों की टंकार और घोड़ों के टापुओं के तीव्र स्वरों के बीच भी यह चीख शत्वरी के कानों में गूँज उठी। कहानी शत्वरी एक …

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