आज का उद्धरण

परिश्रम और प्रतिभा आप-ही-आप आदमी को अकेला बना देती है। उसे दूसरों का साथ करने का अवकाश नहीं देती है। इतना समय भी नहीं कि वह दूसरों के आलस्य, आराम, …

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आज का उद्धरण

  आदमी घर के बाहर कदम रखते ही अपने को कपड़ों के अन्दर छिपा लेता है। नकाब पहन लेता है। किन्तु, घर के अन्दर खुला रहता है, नंगा रहता है। …

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