आज का उद्धरण
देशप्रेम अक्सर एक प्रकार के पागलपन में बदल जाता है, इसलिए इसे शक की निगाह से देखना जरूरी और सही है। देश भक्ति/प्रेम के बहाने अक्सर गरीबों को ही पीसा …
आज का उद्धरण Read Moreसाहित्य की बात, साहित्य से मुलाकात
देशप्रेम अक्सर एक प्रकार के पागलपन में बदल जाता है, इसलिए इसे शक की निगाह से देखना जरूरी और सही है। देश भक्ति/प्रेम के बहाने अक्सर गरीबों को ही पीसा …
आज का उद्धरण Read Moreअपने काम में हम वैसी ईमानदारी और आज़ादी से अपनी नज़र और ज़बान और कल्पना का इस्तेमाल नहीं करते जैसे आला अदब के लिए जरूरी समझी जाती है। हमारी ज़बान …
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