आज का उद्धरण

शोक से भी बलवान है समय। शोक तट है तो समय सदा प्रवाहित होने वाली गंगा। समय शोक पर बार-बार मिट्टी की परत चढ़ाता जाता है। फिर एक दिन प्रकृति …

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आज का उद्धरण

इस दुनिया में दोस्ती जतन से करनी पड़ती है, दुश्मनी अपने आप हो जाती है। दुनिया से बस एक कदम आगे चलने की कोशिश करके देखो, दुनिया पीछे से उन …

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आज का उद्धरण

आदमी की आदमियत का सही अंदाजा इस बात से नहीं लगता कि उसने आम हालातों में, अपनी कन्विनिएंस के दिनों में क्या रुख अपनाया, क्या स्टैंड लिया, बल्कि इस बाबत …

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