हिंदी के मशहूर अपराध कथा लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक के प्रशंसकों के लिए अच्छी खबर आयी है। सुरेन्द्र मोहन पाठक की कहानियों का संकलन साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। जी हाँ, आपने सही पढ़ा। वैसे तो सुरेन्द्र मोहन पाठक अपने लिए अपराध गल्प उपन्यासों के लिए जाने जाते हैं लेकिन उन्होंने कई कहानियाँ भी लिखी हैं। अक्सर यह कहानी उपन्यासों के पीछे प्रकाशित होकर आती थी। उनके उपन्यासों के पुराने संस्करणों के आउटऑफ प्रिन्ट होने के कारण उनकी इन कहानियों को पढ़ने के आनंद से अब तक पाठक वंचित थे लेकिन अब वह इन कहानियों को उनके कहानी संग्रहों के माध्यम से पढ़ सकते हैं।
नवीन पुस्तक की बात की जाए तो लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का नया संकलन सात खत तथा अन्य कहानियाँ नाम से साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। इस संकलन में उनकी लिखी नौ कहानियों को संकलित किया गया है। यह कहानियाँ हैं— ‘सात खत’, ‘खुली खिड़की’, ‘क़त्ल की कोशिश’, ‘चाबी का रहस्य’, ‘जुए की महफ़िल’, ‘क़त्ल की दावत’, ‘अंतर्द्वंद’, ‘चाल’, ‘मिसेज गुप्ता का क़त्ल’।

बताते चलें ‘सात खत तथा अन्य कहानियाँ’ आने के पश्चात अब सुरेन्द्र मोहन पाठक की कहानियों के चार संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। उनका पहला कहानी संग्रह ‘तक़दीर का तोहफ़ा‘ सूरज पॉकेट बुक्स से 2020 में प्रकाशित हुआ था। इसमें उनकी दस कहानियों को संकलित किया गया था। इसके पश्चात उनके दो कहानी संग्रह — मौत का विलाप एवं अन्य कहानियाँ (2022) और हमशक्ल तथा अन्य कहानियाँ (2024) — साहित्य विमर्श प्रकाशन से आये थे। इसके अलावा अभी कुछ दिनों पूर्व पुनः प्रकाशित हुये सामाजिक उपन्यास आशा में उनकी लिखी दो सामाजिक कहानियाँ ‘पड़ोस वाली बुआ’ और ‘चींटियाँ’ भी प्रकाशित की जा चुकी है।
आज के ज़माने में जब लोगों के पास पढ़ने के लिए कम समय है तो यह कहानी संकलन और कहानियाँ सुरेन्द्र मोहन पाठक के लेखन संसार से परिचित होने का अच्छा साधन हो सकते हैं। संग्रह ऑनलाइन पोर्टल्स और साहित्य विमर्श प्रकाशन की वेबसाइट से क्रय किया जा सकता है।
पुस्तक लिंक्स: अमेज़न | साहित्य विमर्श प्रकाशन
