सूरज पॉकेट बुक्स का नये सेट की घोषणा हाल ही में की गयी है। इस बार सूरज पॉकेट बुक्स के सेट में छः पुस्तकें मौजूद हैं। इन पुस्तकों में पाँच उपन्यास और एक यात्रा वृत्तांत है। उपन्यासों की बात की जाए तो उपन्यासों में विवधता दिखाई देती है। सेट में रहस्यकथा है, रोमांच कथा है, माइथोलोगिकल फिक्शन है, साइंस फिक्शन है और आम जिंदगी को दर्शाती युवाओं की कहानी भी मौजूद है। यह पुस्तकें निम्न हैं:
बाज़ीगर -परशुराम शर्मा
बाज़ीगर बाज़ीगर श्रृंखला का उपन्यास है। इस श्रृंखला का उपन्यास बाज़ कुछ ही वक्त पहले प्रकाशित हुआ था। अब बाज़ीगर श्रृंखला का दूसरा उपन्यास बाज़ीगर प्रकाशित किया जा रहा है।
उपन्यास के विषय में:
बाजीगर यानी विनाश । विनाश और सिर्फ विनाश। जिसके हाथों में मौत की बिजली थी। जिसका उस्ताद शक्ति का देवता था और जिसने सारा जीवन युद्ध कौशल को समर्पित कर उसकी पूजा की थी जहाँ इंसान सिर्फ अपने वजूद के साथ खाली हाथों लड़ता है और शत्रधारी बटालियन पर भी भारी पड़ जाता है। बाजीगर सीरीज़ का अत्यंत रोमाँचकारी तेज रफ़्तार उपन्यास
बाली : कैलाश रहस्य – देवेन्द्र पाण्डेय
बाली श्रृंखला के पहले उपन्यास बाली को ठकों का भरपूर प्यार मिला था। अब इसी श्रृंखला का दूसरा उपन्यास बाली कैलाश रहस्य प्रकाशित किया गया है। पाठकों को इससे काफी उम्मीदें होंगी।
उपन्यास के विषय में:
एक खोज उस प्राचीन नगरी के रहस्य को जानने की जो कैलाश की प्रतिकृति थी। जब उस रहस्य का खुलासा हुआ तो उस के साथ सामने आयी कुछ ऐसी सुप्त शक्तियां जिनका सुप्त रहना ही समस्त संसार के लिये उचित था। एक युगों पुरानी प्रजाति, जिसके नाश के लिये स्वयं ईश्वर को आना पडा। वर्तमान संसार अब रणक्षेत्र बन चुका है। प्राचीन पौराणिक आसुरी शक्तियों एवं वर्तमान युग के सर्वनाश के मध्य केवल एक योद्धा खड़ा था, वह जो इस सर्वनाश को रोक सकता था। एक शक्ति, अमर शत्रु, और वह युद्ध जो सुनिश्चित करेगा हमारा वर्तमान।
ऑक्सीजन ऑफ लाइफ – मिथिलेश गुप्ता
ऑक्सीजन मिथलेश गुप्ता का नया उपन्यास है। इससे पहले उनका हॉरर लघु-उपन्यास 11:59 प्रकाशित हुआ था जिसे पाठकों ने काफी सराहा था। मिथलेश अपने रोमानियत लिए हुए कथानकों के लिए जाने जाते हैं। जस्ट लाइक डैट और तेरी इश्क वाली खुशबू लिखकर वह इस विधा में पहले ही लिखकर पाठकों के मन में जगह बना चुके हैं। जिन्हें ये दो पुस्तकें पसंद आई थीं उन्हें ऑक्सीजन भी काफी पसंद आयेगी।
पुस्तक के विषय में:
इंदौर से हैदराबाद पहुँचना जितना आसान लग रहा था उतना था नहीं। हिंदी मीडियम की पढ़ाई ने कस के कान गर्म कर दिए थे। अँग्रेज़ी दिलरूबा की तरह नचा रही थी। दो दर्जन इंटरव्यूज़ के बाद आखिरकार जब एक नई मंजिल की तलाश में निकला तभी वह मिली, झील की शान्त लहरों जैसी गुमसुम और एकांत सी। और जैसे सब कुछ बदल गया। वो यानी ‘पूर्वी’, जिसने एक झटके में जीवन में उस ऑक्सीजन का मतलब ही बदल दिया जिसका आज तक मैं जीने के लिए इस्तेमाल कर रहा था। फार्मा में केमिकल्स और मेडिसिन्स के फॉर्मूलों के बीच लैब में चार साल बिताने वाला मैं, आखिर ये कहानी कैसे लिखता ? पूर्वी- जिसने मान लिया था ज़िंदगी को जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत उतनी नहीं होती, जितनी एक उम्मीद की। आदित्य, पायल और पूर्वी की ऐसी कहानी जहाँ से सवाल तो कई उठते हैं पर जवाब की कोई “उम्मीद” नहीं उठती। जहाँ किसी की ज़िन्दगी की ऑक्सीजन उस मुट्ठी में बंद है जिसे हम चाहकर भी नहीं खोल पाते।
ह्यूमन 2.0 – सोम जायसवाल
हिन्दी में विज्ञान गल्प बहुत कम मिलता है ऐसे में जब एक लेखक अपनी पहली किताब ही इस विधा में लिखता है तो रूचि जागृत होना लाजमी है। हिन्दी विज्ञान गल्प के पाठकों के लिए यह उपन्यास जरूर रोचक रहेगा।
पुस्तक के विषय में:
आदर्श एक ऐसा युवा साइंटिस्ट था जिसका सपना था कि वह कोई ऐसी चीज बनाये जिससे इंसान अमर हो जाए । अपने इस सपने को तो वो साकार न कर सका पर फिर उसने एक ऐसा अनोखा प्रयोग शुरू किया जिसने कुदरत के नियमों को चुनौती दे दी। लेकिन मुश्किलें तब शुरू हुईं, जब इस प्रयोग के साइड इफेक्ट सामने आने लगे, पर जब तक कोई कुछ समझ पाता यह एक साइलेंट किलर की तरह अपने पैर पसार चुका था।
मर्डर ऑन वैलेंटाइन्स नाइट -विजय कुमार बोहरा
विजय कुमार बोहरा का पहला उपन्यास मर्डर ऑन वैलेंटाइन्स नाईट एक रहस्य कथा है। पुस्तक के विषय में जितनी जानकारी मौजूद है उससे यह पाठक की रूचि जागृत करने में कामयाब होती है। देखना यह है कि यह मापदंडों पर कामयाब होती है या नहीं।
पुस्तक के विषय में:
आर्ट्स कॉलेज की तीन लड़कियाँ रहस्यमयी ढंग से अचानक लापता हो गई। इनमें से एक की लाश यूनिवर्सिटी रोड पर पाई गई। प्राइवेट डिटेक्टिव साकेत अग्निहोत्री ने जब कत्ल की इन्वेस्टिगेशन शुरू की तो उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि यह उसके जीवन का सबसे पेचीदा केस साबित होने वाला था। वह जिस-जिस शख्स से मिला, वो उसकी निगाह में सस्पेक्ट बनता चला गया। लेकिन कातिल तो सिर्फ एक था !
एक ऐसी मिस्ट्री , जिसके हर पन्ने पर आप थ्रिल और सस्पेंस को महसूस करेंगे।
कण कण केदार- देवेन्द्र पाण्डेय –
देवेन्द्र पाण्डेय जब उपन्यास नहीं लिख रहे होते हैं तो यात्राएँ कर रहे होते हैं। कण कण केदार उनकी ऐसी ही एक यात्रा का वृत्तान्त है। यात्रा वृत्तान्त हमें उन जगहों पर जाने का भी मौक़ा देते हैं जिधर जीवन की मसरूफियत के कारण हम जा नहीं पाते हैं। आप अलग तरह से चीजों को देख पाते हैं।
अगर आपको यात्रा वृत्तांत पसंद आता है तो यह वृत्तान्त भी पसंद आएगा। यह वृत्तांत पहले किंडल के तौर पर रिलीज़ किया गया था जहाँ इसे पाठकों ने भरपूर सराहा और इसे बेस्टसेलर बनाया। अब यह पेपरबैक के रूप में आपके सामने लाया जा रहा है।
पुस्तक के विषय में:
ऋषिकेश से चोपता तक का लगभग 200 कि.मी. का अंतर मानो कटने का नाम ही नहीं ले रहा था, मैंने अनुमान लगाया था कि 50 किमी प्रति घन्टा भी यदि कैब चली तो भी अधिकतम 5 घण्टों में हम चोपता में रहेंगे, लेकिन सारा गणित तब बिगड़ गया जब गाड़ी 30 किमी प्रतिघन्टा के हिसाब से चलने लगी। ऊपर से चार धाम योजना सड़क निर्माण के कारण जगह जगह कटिंग चल रही थी, जिस कारण हमें उखीमठ पहुँचने तक ही अच्छी खासी रात हो गयी, रास्ते मे जब थकान अधिक हो गयी तब एक छोटे से होटल में रुक कर गरमागरम चाय और मैगी का नाश्ता किया, मैंने इतनी स्वादिष्ट मैगी आज तक नहीं खायी थी, मन प्रफुल्लित हो गया, इस समय तक हवा में ठंडक भी काफी हो चुकी थी…
यह सभी पुस्तकें निम्न लिंक से मँगवाई जा सकती है। पुस्तकें 30 नवम्बर से डिस्पैच करनी शुरू कर दी जाएँगी।
सूरज पॉकेट बुक्स
© विकास नैनवाल ‘अंजान’
वाह!! बेहतरीन जानकारी साझा की..आभार आपका.
जी आभार…
किताबों के बारे में सुन्दर और जानकारीपरक पोस्ट।
जी आभार….