आज का उद्धरण

ज़िन्दगी की वह उम्र जब इनसान को मुहब्बत की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, बचपन है। उस वक्त पौधे को तरी मिल जाए तो ज़िन्दगी भर के लिए उसकी जड़ें …

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आज का उद्धरण

उनकी वह रत्नजटित, बिजली से जगमगाती मूर्ति देखकर मेरे मन में ग्लानि उत्पन्न हुई। इस रुप में भी प्रेम का निवास हो सकता है? मैंने तो रत्नों में दर्प और …

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आज का उद्धरण

प्रेम के शब्द में कितना जादू है! मुँह से निकलते ही जैसे सुगंध फैल गई। जिसने सुना, उसका हृदय खिल उठा। जहाँ भय था, वहाँ विश्वास चमक उठा। जहाँ कटुता …

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आज का उद्धरण

हम क्यों नीच हैं और ये लोग क्यों ऊँचे हैं ? इसलिए कि ये लोग गले में तागा डाल लेते हैं ? यहाँ तो जितने हैं, एक-से-एक छँटे हैं। चोरी …

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