आज का उद्धरण

पूजा स्थल भव्य इमारतें हैं, धर्म नहीं हैं। सच्चा धर्म भावना और आचरण में होता है। जिसे सर्वव्यापी माना जाता है, वह मंदिर या मस्जिद में कैद नहीं है। गरीबों …

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आज का उद्धरण

समाज का कसमसाना प्रगति का लक्षण है, परिवर्तन का लक्षण है। जो समाज कसमसाता नहीं है, वह जड़ रह जाता है। इस कसमसाहट के कारण इक्का-दुक्का घटनाएं होती हैं। ये …

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आज का उद्धरण

बीमारी बरदाश्त करना अलग बात है, उसे उपलब्धि मानना दूसरी बात। जो बीमारी को उपलब्धि मानने लगते हैं, उनकी बीमारी उन्हें कभी नहीं छोड़ती। सदियों से अपना यह समाज बीमारियों …

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आज का उद्धरण

माला पहनाना कुछ लोगों की तन्दुरस्ती के लिए जरूरी है। वे अगर महीने में एक बार किसी को माला न पहनाएं तो स्वास्थ्य खराब होने लगता है। हर समाज में …

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आज का उद्धरण

  हमारे देश में सबसे आसान काम आदर्शवाद बघारना है और फिर घटिया से घटिया उपयोगितावादी की तरह व्यवहार करना है। कई सदियों से हमारे देश के आदमी की प्रवृत्ति …

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आज का उद्धरण

पिछले कुछ सालों में प्रवचनों के विषय और शैली और उद्देश्य बदले हैं। कुछ प्रवचनकारों के, सबके नहीं। बाकी तो वही कथा, अध्यात्म, दृष्टांत, पुराण के प्रवचन करते हैं। पर …

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