संजीव जायसवाल ‘संजय’ की पुस्तक ‘यत्र तत्र सर्वत्र’ का राष्ट्रीय पुस्तक मेला लखनऊ में हुआ लोकार्पण

संजीव जायसवाल ‘संजय’ की पुस्तक का हुआ लोकार्पण

लेखक संजीव जायसवाल ‘संजय’ की नवीन पुस्तक ‘यत्र तत्र सर्वत्र’ का लोकार्पण लखनऊ में आयोजित हो रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेले में किया गया। 

‘यत्र तत्र सर्वत्र’ लेखक संजीव जायसवाल संजय का नवीन व्यंग्य संग्रह है। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में संजय जायसवाल ‘संजय’ की 11 व्यंग्य कहानियों को संकलित किया गया है। यह कहानियाँ समाज में हर तरफ फैले भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार करती हैं। 

पुस्तक का लोकार्पण अध्यक्ष श्री सुधाकर अदीब (पूर्व निदेशक हिंदी संस्थान),  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सर्वेश अस्थाना (कवि) और  विशिष्ट अतिथि श्रीमती नूतन वशिष्ठ (संस्थापक कथा-रंग) द्वारा किया गया और इस लोकार्पण कार्यक्रम का संचालन श्री नवीन शुक्ल नवीन (ग़ज़लकार) द्वारा किया गया। 

कार्यक्रम में भारी संख्या में साहित्य प्रेमी शामिल हुए।

कौन हैं संजीव जायसवाल ‘संजय’


संजीव जायसवाल ‘संजय’ (1959 में जन्म) लेखन के क्षेत्र में एक सुपरिचित नाम हैं। उनके अब तक 13 कहानी संग्रह, 12 उपन्यास, 2 व्यंग्य संग्रह, 29 चित्र कथाएँ और 1100 से अधिक कहानियाँ और व्यंग्य प्रकाशित हो चुके हैं। अपने लेखन के लिए वह कई पुरस्कार जैसे भारत सरकार का ‘भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्का’ (वर्ष 2005 एवं 2010), उ.प्र. हिंदी संस्थान का ‘सूर पुरस्कार- 2005’, ‘सोहनलाल द्विवेदी पुरस्कार-2005’, ‘ अमृतलाल नागर कथा सम्मान-2013 ‘, ‘साहित्य- भारती पुरस्कार-2018 ‘, रेल मंत्रालय का ‘प्रेमचंद पुरस्कार-2015 ‘ इत्यादि जीत चुके हैं। उनकी रचनाओं का कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। उनकी चित्रकथा ‘वह हँस दिया’ विश्व की 140 भाषाओं में अनूदित हो चुकी है। 

संजीव जायसवाल ‘संजय’ एक पूर्व आई आर पी एस अधिकारी हैं जो कि आर डी एस ओ (भारत सरकार) के निदेशक की पोस्ट से सेवा निवृत्त हो चुके हैं। 

 


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