साहित्य विमर्श प्रकाशन की पुस्तकें हैं प्री ऑर्डर के लिए तैयार

साहित्य विमर्श प्रकाशन की पुस्तकें हैं प्री ऑर्डर के लिए तैयार

 

साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा अपनी नवीन पुस्तकों पर प्री ऑर्डर शुरू कर दिया गया है। साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा रिलीज की जा रही इन पुस्तकों में तीन पुस्तकें शामिल हैं। इन पुस्तकों में एक बाल उपन्यास, एक आत्म कथा और एक उपन्यास शामिल है। 

अलग अलग विषयों पर लिखी गईं यह पुस्तकें निम्न हैं:

मंदिर का रहस्य 

मंदिर का रहस्य | सुमन बाजपेयी | साहित्य विमर्श प्रकाशन

‘मंदिर का रहस्य’ सुमन बाजपेयी का नवीनतम बाल उपन्यास है। वह पिछले 32  सालों से लेखन में सक्रिय हैं और अब तक उनके 6 कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं और वह 160 से अधिक पुस्तकों का अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद कर चुकी हैं। 

किताब परिचय

तरुण और वरुण दोनों भाई देहरादून गए तो थे अपने उमेश अंकल के साथ छुट्टियाँ बिताने, जो वहाँ फॉरेस्ट ऑफिसर थे। लेकिन उनका सामना हुआ अजीब ओ गरीब घटनाओं और लोगों से।

खंडहर हो गए मंदिर के अंदर कोई रहस्यमयी दुनिया होगी, उन्होंने सोचा तक नहीं था। गाँव में रहने वाले मेरू के साथ मिल कर वे किन-किन रोमांचकारी मोड़ों से गुजरते हुए न सिर्फ रहस्य से पर्दा उठाते हैं वरन जंगल के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह सब आपको इस उपन्यास में देखने को मिलेगा। 

क्या है मंदिर का रहस्य और क्या है प्रार्थना चक्र का राज़?

पुस्तक विवरण

पृष्ठ संख्या: 110 | एमआरपी: 149 | प्री बुकिंग कीमत: 139  | पुस्तक लिंक: मंदिर का रहस्य

साल दर साल 

साल दर साल | डॉ लक्ष्मण दत्त गौतम | साहित्य विमर्श
‘साल दर साल’ कवि और आलोचक डॉक्टर लक्ष्मण गौतम की आत्मकथा है। अपने लेखन के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित डॉ लक्ष्मण गौतम की यह आत्मकथा इस देश के बनने की भी गाथा है जिसका विवरण उन्होंने इसमें किया है। 

किताब परिचय

‘साल दर साल’  परतंत्रता के बंधनों को काट कर स्वावलंबी होने की गाथा है। एक व्यक्ति की ही नहीं एक राष्ट्र की भी। छोटी छोटी घटनाओं से गुजरते हुए यह एहसास नहीं होता कि कब एक व्यक्ति की आत्मकथा समूचे राष्ट्र की व्यथा कथा बन जाती है। साल दर साल डॉक्टर लक्ष्मणदत्त गौतम की आत्मकथा भर नहीं है। यह अपने युग का महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
स्वाधीनता संग्राम, सांप्रदायिकता, विभाजन, विस्थापन आदि हर मुद्दे पर लेखक की तीक्ष्ण दृष्टि रही है और यह दृष्टि चीजों को ऊपर-ऊपर से देखने की बजाय भारतीय राजनीति के हर छद्म को उजागर कर उसके नग्न यथार्थ को सामने लाती है।

पुस्तक विवरण

पृष्ठ संख्या: 318 | एमआरपी: 299 | प्री बुकिंग कीमत: 249   | पुस्तक लिंक:  साल दर साल

चोला माटी का राम 

चोला माटी के राम | अभिषेक सिंह | साहित्य विमर्श

‘चोला माटी के राम’ लेखक अभिषेक सिंह ‘नीरज’ की दूसरी पुस्तक है। अभिषेक सिंह 2013 बैच के डीएसपी हैं और अपने अनुभवों के आधार पर उन्होंने इस उपन्यास को लिखा है। लेखक की इससे पूर्व प्रकाशित पुस्तक ‘बैरिकेड’ भी बेस्टसेलर रही है और कई पुरस्कार जीत चुकी है।  

किताब परिचय
बस्तर के अघोषित युद्ध क्षेत्र में क्या होता है? क्या होता है जब एक नक्सली, एक पुलिसवाला और एक युवा छात्र आपस में किसी मुद्दे पर भिड़ जाते हैं शब्दों के भँवर में?

जो बॉलीवुड की फिल्मों में या एसी कमरों में बैठ कर नॉवेल लिखते हैं बस्तर पर, क्या वैसा ही है बस्तर? बस्तर का हर आदिवासी ‘बुधमन’ है, ज़रूरत है उसे पहचानने की,उसकी तकलीफों को, पीड़ा को समझने की, उसे अपनाने की। बस्तर के प्रत्यक्ष अनुभवों के आधार पर लिखी हुई किताब है “चोला माटी के राम” अनसुने लड़ाकों का अंतहीन युद्ध। 

पुस्तक विवरण
पृष्ठ संख्या: 153 | एमआरपी: 199 | प्री बुकिंग कीमत: 189  | पुस्तक लिंक: चोला माटी के राम
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इन तीनों पुस्तकों को अगर आप एक साथ मँगवाना चाहें तो 647 रुपये कीमत की इन पुस्तकों तो निम्न लिंक पर जाकर मात्र 549 में क्रय कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको पुस्तकों पर कोई डिलिवरी चार्ज भी नहीं देना होगा। पुस्तक प्राप्ति का लिंक:
साहित्य विमर्श- कॉम्बो 

साहित्य विमर्श की वेबसाईट पर  अन्य प्रकाशनों की पुस्तकों को भी क्रय कर सकते हैं। 

साहित्य विमर्श


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4 Comments on “साहित्य विमर्श प्रकाशन की पुस्तकें हैं प्री ऑर्डर के लिए तैयार”

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (08-10-2022) को   "गयी बुराई हार"   (चर्चा अंक-4575)    पर भी होगी।

    कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।

    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।

    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

    1. चर्चा अंक में मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार।

    1. पुस्तकों की जानकारी आपको पसंद आई यह जानकर अच्छा लगा। आभार।

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