रवि पॉकेट बुक्स हिन्दी लोकप्रिय साहित्य को प्रकाशित करने वाला अग्रणी प्रकाशन संस्थान है। यह उन चुनिन्दा पुराने संस्थाओं में से एक है जो अब भी लोकप्रिय उपन्यासों को पाठकों तक वाजिब दामों में पहुँचा रहे हैं।
वह काफी वक्त से अपने मोबाइल एप्लीकेशन ‘बुक मदारी’ पर कार्य कर रहे थे। इस माह यानी 14 मई 2021 से ‘बुक मदारी’ गूगल प्ले स्टोर पर पाठकों द्वारा डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध हो चुका है। हम आजकल डिजिटल समय में जी रहे हैं। हर चीज फोन पर उपलब्ध है। ऐसे में रवि द्वारा की जा रही यह पहल सराहनीय है। अपने इस एप्लीकेशन बुक मदारी के द्वारा रवि पॉकेट बुक्स ऐसी पुस्तकों को पाठक तक पहुँचा पायेगा जिस तक उनकी फिलहाल पहुँच नहीं थी।
कँवल शर्मा, रीमा भारती, राज भारती, अनिल सलूजा जैसे लेखकों के उपन्यास रवि पॉकेट बुक्स द्वारा पुस्तक रूप में आते रहे हैं। इनके कुछ उपन्यास पुस्तक रूप में मिलते हैं और ऐसे कई लेखको के काफी उपन्यास आउट ऑफ़ प्रिंट भी हैं। नये ई बुक एप्प बुक मदारी के आने से अब यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके माध्यम से उन आउट ऑफ़ प्रिंट उपन्यासों को भी पाठक अपने फोन पर पढ़ सकेंगे।
लोकप्रिय साहित्य के अलावा जीवनी, सेल्फ हेल्प, कंप्यूटर साइंस इत्यादि की किताबें भी इस एप्लीकेशन के माध्यम से आप पढ़ सकते हैं। बुक मदारी एप्लीकेशन पाठकों को किताबें लेखक, शैली, भाषा, उम्र, श्रृंखला इत्यादि के हिसाब से अलग अलग देखने की सुविधा भी देता है। बुक मदारी से आप जहाँ एक तरफ किताबें खरीद कर पढ़ सकते हैं वहीं दूसरी तरफ आप प्रकाशन संस्थान द्वारा दिये जा रहे मेम्बरशिप प्लान्स भी ले सकते हैं।यह प्लान्स निम्न हैं:
ब्रोंज प्लान
इसके लिए आपको 149 रूपये देने होंगे और आपकी सदस्यता 1 माह तक वैध रहेगी।
सिल्वर
इस सदस्यता के लिए आपको 299 रूपये देने होंगे और आपकी सदस्यता तीन माह तक वैध रहेगी।
गोल्ड प्लान
इस सदस्यता के लिए आपको 599 रूपये देने होंगे और आपकी सदस्यता छः माह तक वैध रहेगी।
प्लैटिनम
इस सदस्यता के लिए आपको 999 रूपये देने होंगे और आपकी सदस्यता एक साल वैध रहेगी।
एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद है और पाठक उधर से इसे डाउनलोड कर उपन्यासों का आनन्द ले सकते हैं।
एप्लीकेशन लिंक: बुक मदारी
एप्लीकेशन और मेम्बरशिप प्लान्स के विषय में ज्यादा जानकारी आप उनकी वेबसाइट www.bookmadaari.com पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
अगर आप रवि पॉकेट बुक्स से प्रकाशित किताबें मँगवाना चाहे तो इस वेबसाइट के माध्यम किताबे भी मँगवा सकते हैं। अगर पाठक पाँच सौ रूपये मूल्य से अधिक की किताब आर्डर करते हैं तो उन्हें कोई शिपिंग चार्ज नहीं देना होगा।
– विकास नैनवाल ‘अंजान’
जानकारी उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद। रवि पॉकेट बुक्स ने निश्चय ही अच्छा कदम उठाया है। शुभकामनाए
आपको जानकारी पसंद आई यह जानकर अच्छा लगा। आभार।