भारत सरकार के रेलवे मंत्रालय द्वारा रणविजय को वर्ष 2018 का प्रथम (प्रेमचंद ) पुरस्कार दिये जाने की घोषणा हुई है। रणविजय रेलवे में निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें यह पुरस्कार उनके प्रथम कहानी संग्रह दर्द माँझता है के लिए दिए जाने की घोषणा की है।
रणविजय को पुरस्कार स्वरूप 20000 रुपए की राशि और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है।
रेल मंत्रालय के द्वारा कोरोना को ध्यान में रखते हुये कोई समारोह न करते हुए सभी पुरस्कार प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कार की राशि उनके बैंक खाते में की गई है और प्रशस्ति पत्र डाक के द्वारा भेजे जाने की घोषणा की है।
क्या है प्रेमचंद पुरस्कार?
हर वर्ष रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) द्वारा अपने कर्मचारियों की साहित्यिक प्रतिभा और अभिरुचि को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हिंदी में कहानी, उपन्यास, नाटक एवं अन्य गद्य साहित्य के लिए ‘मुंशी प्रेमचंद्र पुरस्कार’ पुरस्कार’ दिया जाता है। हर वर्ष यह पुरस्कार तीन कर्मचारियों को दिया जाता है। सम्मानित कर्मचारियों को पुरस्कार राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। पुरस्कार के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार के रूप में ₹20000, द्वितीय पुरस्कार के रूप ₹10000 एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में ₹7000 प्रदान किया जाता है।
– विकास नैनवाल ‘अंजान’
बधाई रणविजय जी को और आभार आपका विकास जी इस प्रोत्साहक सूचना को साझा करने के लिए।
जी आभार….
जानकारी के लिए धन्यवाद।
बधाई तो बनती ही है।
आभार…..