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लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक |
विवेक आगाशे एक सेना से सेवा निवृत लेफ्टिनेंट कर्नल है जो कि अब एक प्राइवेट डिटेक्टिव के रूप में कार्य करता है। वह सिग्मा सिक्योरिटीज नामक फर्म का मालिक था। उसने क्राइम क्लब नामक संस्था कि स्थापना की थी जिसके सदस्य समाज काफी अच्छा रसूख रखते थे। उसने कई विचित्र रहस्यों को सुलझाकर पुलिस महकमे में भी अपनी अच्छी पहचान बना ली थी इसलिए वह भी गाहे बगाहे उसे अपनी मदद के लिए बुलाते हैं और उसका लिहाज करते हैं।
विवेक आगाशे शृंखला में विवेक के इन्हीं कारनामों को दर्ज किया गया है।
विवेक आगाशे शृंखला में निम्न उपन्यास मौजूद हैं:
- क्राइम क्लब | जनवरी 1991 | अमेज़न
- कोई गवाह नहीं | मार्च 1999 | अमेज़न
- गंदा खून | नवंबर 2003 | अमेज़न
- धोखा | जनवरी 2009 | अमेज़न
- तीसरा वार | दिसम्बर 2009 | अमेज़न
कहानी
- असली अपराधी | मई 2014