अनिल मोहन |
मोना चौधरी अनिल मोहन के प्रमुख किरदारों में से एक है। मोना चौधरी एक अपराधी है जो पैसे लेकर हत्या, अपहरण इत्यादि करती है।
वैसे तो वह पैसे लेकर हर अपराध को अंजाम दे देती है लेकिन अगर कोई अपराध देश की सुरक्षा और उसकी सम्प्रभुता के खिलाफ हो तो वह यह कार्य नहीं करती है। इसके साथ ही औरतों के प्रति भी कोई अपराध वो नहीं करती है।
मोना चौधरी के इस गुण के विषय में भारत की खुफिया एजेंसियाँ भी जानती है और इस कारण मोना चौधरी को वो कई बार अपने सीक्रेट मिशन के लिए भी इस्तेमाल करते हैं।
मोना चौधरी के मुख्य साथी नीलू महाजन और पारसनाथ नाम के व्यक्ति हैं। नीलू महाजन अक्सर मोना के लिए काम लाता है और पारस नाथ एक पूर्व अपराधी है जिसने की अब कहने को तो गुनाहों की जिंदगी से तौबा कर ली है लेकिन फिर भी अंडरवर्ल्ड की ताज़ातरीन जानकारी उसके पास मौजूद रहती है। वह एक होटल चलाता है। इनके अलावा मिस्टर पहाड़ियाँ नाम के मिलिट्री सीक्रेट सर्विस के चीफ के लिए भी मोना चौधरी यदा कदा कार्य करती रहती है।
मोना चौधरी श्रृंखला के निम्न उपन्यासों के विषय में मुझे पता है। अगर इन उपन्यासों से अतरिक्त किसी उपन्यास के विषय में आपको जानकारी हो तो मुझे बताइयेगा मैं जोड़ दूँगा।
मोना चौधरी श्रृंखला के उपन्यास:
खबरी
गिरगिट
सुरंग
नागिन मेरे पीछे
दौलत बुरी बला
एक तीर दो शिकार
आ बैल मुझे मार
बुरे फँसे
डायनामाइट
देवराज चौहान और मोना चौधरी
वांटेड अली
सबसे बड़ा हमला
बंधक
महाकाली
पोतेबाबा
जथूरा
मन्त्र
सरगना
गुड्डी
मास्टर
जालिम
©विकास नैनवाल ‘अंजान’