देवराज चौहान श्रृंखला

अनिल मोहन

देवराज चौहान अनिल मोहन के सबसे प्रसिद्ध किरदारों में से एक है। देवराज चौहान एक चोर है जो कि डकैती मास्टर के नाम से जगप्रसिद्ध है। 

उपन्यासों में देवराज अक्सर पहले डकेती की योजना बनाता है और फिर इस योजना के क्रियांवन के लिए एक टीम एकत्रित करता है। देवराज चौहान के कुछ ख़ास साथी भी हैं जो कि कई उपन्यासों में पाए जाते हैं। 

इन साथियों में सबसे अहम नाम जगमोहन का आता है। जगमोहन देवराज का दायाँ हाथ है और हमेशा उसके साथ रहता है। वैसे तो उपन्यास में जगमोहन को इस तरह दर्शाया जाता है जैसे वो दौलत के पीछे पागल हो और वह दौलत को महत्व भी बहुत देता है लेकिन दौलत से ऊपर देवराज चौहान को मानता है। देव्रराज का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण साथी सोहनलाल है जो कि एक उम्दा वाल्ट बस्टर  है। वह शुरुआत के उपन्यासों में नशे का आदि दिखाया गया है लेकिन वह अपने फन में माहिर है और ईमानदार है इसलिए देवराज उसे अपने साथ रखना पसंद करता है।

देवराज डकैत तो है लेकिन उसके कुछ अपने उसूल हैं और सभी जानते हैं कि वह अपने उसूलों का पक्का है। गाहे-बगाहे वह भारतीय खूफिया एजेंसी के लिए भी कार्य करता रहता है।

देवराज चौहान के उपन्यास या तो उसकी डकैतियों पर आधारित होते हैं या उसकी भारतीय खूफिया एजेंसी के लिए किये गये इन मिशनों के ऊपर आधारित होते हैं।

अनिल मोहन ने कई उपन्यास देवराज चौहान और अपनी दूसरी प्रिसिद्ध किरदार मोना चौधरी को लेकर भी लिखे हैं। इन उपन्यासों में कई बार देवराज और मोना एक दूसरे के सामने खड़े नजर आते हैं और यह टकराव इस जन्म का ही नहीं बल्कि पिछले कई जन्मों का दर्शाया गया है।

देवराज चौहान शृंखला में आने वाले कुछ और महत्वपूर्ण किरदार:

नगीना – नगीना देवराज चौहान की प्रेमिका

गजाला सिंह – गजाला एक अपराधी है जो कि मंगोलिया की है। गजाला के पिता खुमान सिंह की हत्या देवराज चौहान के कारण हुई थी और इस कारण वह देवराज को उसके कत्ल का कारण मानती है। वह चाहती तो देवराज को मार देती लेकिन उसकी इच्छा है कि देवराज उसके साथ काम करे। गजाला ने कई वैज्ञानिकों को अपने पास रखा है और वह ऐसे ऐसे वैज्ञानिक आविष्कार कर रखे हैं जिनके बलबूते पर वह विश्व सम्राज्ञी बनने का सपना देखती है। गजाला के विषय में जाँबाज, ज्वालामुखी, खूँखार और आंतक का पहाड़ में पढ़ा जा सकता है। 

नानिया – नानिया सोहनलाल की पत्नी है और एक खुर्राट महिला है। कई बार वह देवराज चौहान को भी हड़का देती है। 

देवराज चौहान श्रृंखला के निम्न उपन्यासों की मुझे जानकारी है:

  1. शूटआउट इन बर्मा
  2. डकैती का अलार्म (किंडल )
  3. बबूसा और खुम्बरी
  4. बबूसा
  5. बबूसा  और राजा देव
  6. बबूसा  का चक्रव्यूह
  7. बबूसा खतरे में
  8. बबूसा और सोमनाथ
  9. मिस्ड कॉल
  10. मुखबिर 
  11. जुआघर 
  12. सावधान हिंदुस्तान 
  13. मैं पाकिस्तानी 
  14. डकैती मास्टर
  15. विधि का विधान 
  16. डॉन जी 
  17. शिकारी 
  18. 100 माइल्स
  19. भूखा शेर 
  20. आदमखोर 
  21. गोला-बारूद 
  22. निशानेबाज 
  23. जिंदा या मुर्दा
  24. डैथ वारंट 
  25. रॉबरी किंग 
  26. खाकी से गद्दारी (पेपरबैक | किंडल)
  27. ज्वालामुखी 
  28. जाँबाज 
  29. खूँखार 
  30. डॉलर मामा 
  31. हाई जैकर 
  32. माई का लाल 
  33. गिरोह 
  34. भगौड़ा 
  35. हैवान 
  36. गुर्गा 
  37. जिन्न
  38. दौलत खतरे में
  39. आतंक का पहाड़ 
  40. मुखिया 
  41. अंडरवर्ल्ड 
  42. गैंगवार 
  43. डंके की चोट 
  44. मिस्टर हीरो 
  45. दिल्ली का दादा 
  46. जैक पॉट 
  47. बारूद का ढेर 
  48. पौ बारह 
  49. दरिंदा
  50. दौलत का राज 
  51. गनमैन 
  52. एक रूपये की डकैती 
  53. डकैती के बाद 
  54. डकैती 
  55. टक्कर 
  56. घर का शेर
  57. पहरेदार
  58. वर्दी का नशा
  59. वांटेड अली 
  60. सबसे बड़ा हमला 
  61. बंधक 
  62. महाकाली 
  63. पोतेबाबा 
  64. जथूरा
  65. मंत्र 
  66. सरगना 
  67. गुड्डी
  68. मास्टर
  69. हमला
  70. जालिम
  71. जेल से फरार 
  72. पाप का घड़ा 
  73. नागमणि 
  74. नरबलि 
  75. नागिन 
  76. सबसे बड़ा गुण्डा 
  77. मैं हूँ देवराज चौहान
  78. लूटमार 
  79. टक्कर का आदमी 
  80. बदमाशों की टोली 
  81. गुण्डागर्दी 
  82. मोहरा
  83. ऑपरेशन 24 कैरेट 
  84. कागजी शेर
  85. केकड़ा 
  86. फिरौती 
  87. शेर की जान खतरे में 
  88. यू-टर्न 
  89. किस्मत का सुल्तान
  90. दौलत कहाँ छिपाऊँ 
  91. नसीब के पत्ते 
  92. रंगीन डकैती 
  93. जाल
  94. जिंदा आँखें 
  95. कमांडो 
  96. गोरिल्ला  
  97. सूरमा (किंडल | पेपरबैक)
  98. गेम (किंडल  | पेपरबैक)
  99. जान के दुश्मन
  100. वो कौन था
  101. दौलत है ही ऐसी 
  102. मिशन प्राइम मिनिस्टर 
  103. बावन पत्ते 
  104. दौलत मेरी माँ 
  105. मुर्गा
  106. जीना इसी गली में (पेपरबैक | किंडल)

FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.