ई-पुस्तकालय

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यह ‘एक बुक जर्नल’ ई-पुस्तकालय है। यहाँ पर मेरा मकसद हिन्दी की कुछ ऐसी किताबों को पाठकों तक पहुँचाना है जो कि अब प्रिंट में नहीं है या जो कि पब्लिक डोमेन में मौजूद हैं। हिन्दी की ऐसी कई आउट ऑफ़ प्रिंट किताबें हैं जिनकी स्कैन की हुई प्रतियाँ इंटेरनेट पर मौजूद हैं। इन स्कैन्ड की हुई प्रतियों ने इन किताबों को पाठकों को मुहैया तो करवाया है लेकिन इन्हें पढ़ना आसान नहीं होता है। मैंने कई बार पढ़ने की कोशिश की लेकीन फिर हार मान ली है। ऐसे कई पाठक होंगे जिन्होंने यह कोशिश की होगी और उन्हें परेशानी का सामना करना होगा। 

ऐसे में इन रचनाओं को पाठकों तक पहुँचाने के लिए मैंने यह सेक्शन शुरू किया है। यह कुछ कुछ एक ई-पुस्तकालय की तरह है। मैं यहाँ अपनी रूचि की कुछ ऐसी स्कैन्ड किताबों की प्रति को टाइप करके इस तरह से मुहैया करवाऊँगा कि आप लोगों को यह किताबें पढ़ने में आसानी होगी। हाँ, मैं इसकी पीडीऍफ़ साझा नहीं करूँगा। पढ़ने वाले इधर ही पढ़ सकते हैं। 

यह (पीडी ऍफ़ साझा न करना) मैं इसलिए भी कर रहा हूँ क्योकि अगर भविष्य में वह किताब फिर से प्रिंट रूप में आती है तो मैं इधर से उस किताब को हटा दिया करूँगा। इससे जो भी उस किताब को छापेगा उसे मेरे वजह से तो नुकसान नहीं होगा। 

उम्मीद करता हूँ कि मेरी यह कोशिश आपको पसंद आएगी। 

किताबों की सूची मैं इसी पृष्ठ में अपडेट करता रहा करूँगा।

इसके अलावा इधर पब्लिक डोमेन में मौजूद कहानियों के मेरे द्वारा किये गये हिन्दी अनुवादो के लिंक भी रहेंगे। अगर आप अपने द्वारा किये गये अनुवादों को भी साझा करना चाहें तो अनुवाद या उनके लिंक मुझे मेल कर सकते हैं। अगर आप आपके पास किसी ऐसी आउट ऑफ़ प्रिंट किताब की स्कैन्ड कॉपी है तो आप मुझे निम्न मेल आईडी पर ई मेल कर सकते हैं:

contactekbookjournal@gmail.com

उपन्यास:


कहानियाँ:
मेरे द्वारा अनूदित

एस सी बेदी

  1. आंतक

© विकास नैनवाल ‘अंजान’


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